🌹दिलों जान से फिदा थे।
वो हम पर उन इस क़दर,
🌹एक फरमाइश क्या करी के
वो नौ-दो-ग्यारह हो गए।
स्वरचित रचना सय्यदा----✒️
-----------🌹🌹🌹------------
26 अक्टूबर 2021
🌹दिलों जान से फिदा थे।
वो हम पर उन इस क़दर,
🌹एक फरमाइश क्या करी के
वो नौ-दो-ग्यारह हो गए।
स्वरचित रचना सय्यदा----✒️
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हृदय अंकुरित भावों का शब्द रूप है काव्य, लेखक होना भाग्य है कवि होना सौभाग्य.........जी हां मुझे गर्व का अनुभव होता है जब मैं कोशिश करती हूं एक लेखक और कवि बनने की.... मेरे प्रयास की झलक आपको मेरे धारावाहिक लेख और कविताओं में देखने को मिलेगी,,,, मेरे द्वारा लिखी रेसिपी में एक गृहिणी और मेरे आर्टिकल में आप एक अध्यापिका के रूप में मुझे समझ पाएंगे। आप लोगों का प्रोत्साहन मेरे लेखन को निखारने में मदद करेगा और निरंतर प्रयास करते रहने के लिए आपकी समीक्षाएं मुझे प्रोत्साहित करती रहेंगी । 🌹🌹🌹 D
😃😃😃😃
19 दिसम्बर 2021
Very nice 👌🏻 👍
24 नवम्बर 2021
बहुत खूब सय्यदा बहन
26 अक्टूबर 2021