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श्री लक्ष्मण चरित्र - भाग - १ (एक)

2 मई 2022

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सनातन धर्म में *रामायण एवं महाभारत* दो महान ग्रंथ है , जहां महाभारत कुछ पाने के लिए युद्ध की घोषणा करता है वही रामायण त्याग का आदर्श प्रस्तुत करती है |  मनुष्य का आदर्श क्या होता है ?  अपने जीवनकाल में मानवोचित मर्यादा का पालन करना ही एक मनुष्य का आदर्श कहा जाता है ! मर्यादा का पालन कैसे किया जाता है ? यदि देखना है तो हमें रामायण का अध्ययन करना होगा | सम्पूर्ण रामायण का यदि सूक्ष्मता से अवलोकन किया जाय तो प्रत्येक मोड़ पर मर्यादा पालन की शिक्षा प्राप्त होती है | रामायण का प्रत्येक पात्र अपने आप में अनुपम है , परंतु यदि प्रत्येक चरित्र का वर्णन किया जाए तो बड़ा ही अद्भुत चरित्र  देखने को मिलता है हमने लेख तो बहुत लिखे परंतु किसी चरित्र विशेष के ऊपर कभी कुछ भी लिखने का साहस नहीं हो सका |  परंतु अनुज भ्राता *👉 आचार्य करुणेश शुक्ला जी 👈* से प्रेरणा लेते हुए कुछ लिखने का प्रयास किया है | *मैं "आचार्य अर्जुन तिवारी" उत्तर-प्रदेश के गौरवशाली जनपद फैजाबाद (अब अयोध्या) के सोहावल ब्लॉक अन्तर्गत एक छोटे से कस्बे "बड़ागाँव" का निवासी हूँ ! हमारे परमपूज्य पिता जी "गोलोकवासी पं० श्री रामकेवल तिवारी जी (पुराणाचार्य) ने बचपन से ही हम सबको सनातन ग्रन्थों की कथाये श्रवण कराते रहते थे !* हमारे गाँव में श्री रामलीला का मंचन होता था *जिसमें हमें लक्ष्मण जी का चरित्र निभाने का अवसर मिला ! लगभग १० वर्षों तक प्रतिवर्ष लक्ष्मण जी का चरित्र निभाते हुए मैंने अनेक ग्रन्थों का गहन अध्ययन किया !* हमारा सबसे प्रिय ग्रन्थ था *श्री रामायण* इस क्रम में हमने जब रामायण के चरित्रों का अध्ययन किया तो हमको *लक्ष्मण जी का चरित्र* बहुत ही अद्भुत लगा ! और *लक्ष्मण जी* का चरित्र निभाते निभाते (रामलीला में) हमारे मन में उनके चरित्रों की अमिट छाप पड़ी ! जब कुछ लिखने का विचार बना तो हमने *लक्ष्मण जी* को ही केन्द्र में रखकर *लक्ष्मण चरित्र* लिखने का सूक्ष्म प्रयास किया है !  मानस में *लक्ष्मण जी का चरित्र* अनुकरणीय , प्रशंसनीय एवं दर्शनीय है |  सर्वप्रथम तो यह जानना आवश्यक है कि *लक्ष्मण जी हैं कौन ?* परमपूज्यपाद , कविकुलशिरोमणि *गोस्वामी तुलसीदास जी* ने मानस में भाव दिया है :--


*लक्ष्मन धाम राम प्रिय सकल जगत आधार !*

*गुरु वशिष्ठ तेहिं राखा लक्ष्मन नाम उदार !!*


*अर्थात :-* जो शुभ लक्षणों के धाम है , श्री राम जी की अति प्यारे और संपूर्ण जगत के आधार हैं , *गुरुदेव वशिष्ठ जी ने उनका श्रेष्ठ नाम लक्ष्मण रखा |*


विचार किया जाए कि *शुभ लक्षण क्या है :--* सक्षम , सक्रिय ,  उदार , ध्यानवान , गंभीर ,  रचनात्मक , हंसमुख , स्वैच्छिक ,  मैत्रीपूर्ण एवं भाग्यशाली होना ही *शुभ लक्षण बताए गए हैं ,* और यह सभी लक्षण *लक्ष्मण जी में* विद्यमान थे | इसीलिए गुरुदेव वशिष्ठ जी ने उन्हें लच्छन धाम कहा |

उसके बाद *तुलसीदास जी* उन्हें राम प्रिय बताते हैं | *लक्ष्मण जी* को भगवान श्री राम इतने प्रिय थे कि कभी भी वे उनके बिना नहीं रहे | जन्म से लेकर मृत्यु पर्यंत *लक्ष्मण जी* भगवान श्री राम जी की ही सेवा में सतत् लगे रहे | गुरु वशिष्ठ जी त्रिकालदर्शी थे इसीलिए उन्होंने *लक्ष्मण जी* का नामकरण करते समय ही यह घोषणा कर दी थी यह भगवान के अति प्रिय रहेंगे |


*लक्ष्मण जी शेषावतार हैं !* श्रीहरि नारायण विष्णु की सुखद शैय्या के रूप में क्षीरसागर में रहने वाले *शेष जी कभी भी नारायण से अलग नहीं रहे |* यह संपूर्ण भूमंडल जिनके फण पर अवस्थित है , *जो संपूर्ण जगत के आधार हैं ,* पृथ्वी का भार वाहन करने वाले *लक्ष्मण जी का चरित्र* उनके नाम से ही प्रतीत होता है |  *"यथा नामे तथा गुणौ"* की कहावत को चरितार्थ करते हुए *लक्ष्मण जी* ने जीवन पर्यंत एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है , जिनके जीवन चरित्र का वर्णन करने का थोड़ा सा प्रयास करते हुए आप सबके समक्ष प्रस्तुत है |



*शेष अगले भाग में*

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रचनाएँ
श्री लक्ष्मण चरित्र
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त्रेतायुग में पृथ्वी का भार उतारने के लिए अयोध्या के चक्रवर्ती सम्राट महाराज दशरथ जी के यहाँ श्रीहरि नारायण ने चार रूपों में अवतार लिया ! शेषावतार श्री लक्ष्मण जी जन्म से लेकर मृत्युपर्यन्त श्री राम जी की छाया बनकर रहे ! लक्ष्मण जी का जीवन चरित्र बहुत ही मर्यादित एवं सेवाभाव से परिपूर्ण रहा ! श्री लक्ष्मण जी की जीवनगाथा लिखने का साहस तो हम में नहीं है क्योंकि लक्ष्मण जी "सकल जगत आधार" हैं फिर भी हमारी ओर से एक पिपीलिका प्रयास के रूप में श्री लक्ष्मण जी का चरित्र प्रस्तुत है
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श्री लक्ष्मण चरित्र - भाग - १ (एक)

2 मई 2022
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सनातन धर्म में *रामायण एवं महाभारत* दो महान ग्रंथ है , जहां महाभारत कुछ पाने के लिए युद्ध की घोषणा करता है वही रामायण त्याग का आदर्श प्रस्तुत करती है |  मनुष्य का आदर्श क्या होता है ?  अपने जीवनकाल मे

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श्री लक्ष्मण चरित्र - भाग - २ (दो)

2 मई 2022
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एक मानव की मर्यादा क्या होती है इसका चित्रण हमको *लक्ष्मण जी* के चरित्र में विधिवत देखने को मिलता है ! यदि *समर्पण भाव* की झलक देखने की लालसा हो तो हमें *लक्ष्मण जी* के चरित्र में देखने को मिलती है |

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श्री लक्ष्मण चरित्र - भाग - ३ (तीन)

2 मई 2022
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हम *लक्ष्मण जी* के जीवन के रहस्यों को उजागर करने का प्रयास करते हुए उनकी विशेषताओं पर चर्चा कर रहे हैं !  *लक्ष्मण सों वीर धीर साहसी प्रतापवान ,*                     *अतुलित बलशाली न देखा जहान में

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लक्ष्मण चरित्र भाग - ४ (चार)

4 मई 2022
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*लक्ष्मण जी* के बिना श्री राम जी का चरित्र अधूरा है | भगवान श्रीराम यदि पूर्ण परमात्मा है तो उनको पूर्णत्व प्रदान करते ही *श्री लक्ष्मण जी* | *लक्ष्मण जी* के बिना श्री राम जी का जीवन भी वैसे ही है

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लक्ष्मण चरित्र भाग - ५ (पाँच)

4 मई 2022
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*श्री लक्ष्मण जी* भगवान श्री राम को पूर्णता प्रदान करते हैं , यदि *लक्ष्मण* ना होते तो शायद भगवान श्री राम एवं भगवती सीता का मिलन कदाचित कठिन था | पुष्प वाटिका जब *लक्ष्मण जी* ने देखा कि:--- *"भये

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श्री लक्ष्मण चरित्र - भाग - ६ (छ:)

5 मई 2022
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*श्री लक्ष्मण जी* ने जो आधारशिला रखी उसी पर चलकर श्री राम ने विशाल शिव धनुष का खंडन करके सीता जी द्वारा जयमाला ग्रहण की |  जनकपुर वासियों में अपार प्रसन्नता फैल गई , महाराज जनक एवं महारानी  सुनैना का

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श्री लक्ष्मण चरित्र - भाग - ७ (सात)

5 मई 2022
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महाराज जनक की सभा में *लक्ष्मण जी* एवं परशुराम जी का घनघोर वाकयुद्ध हुआ | परशुराम जी इतने ज्यादा क्रोध में थे कि *लक्ष्मण जी* के इशारे को समझना तो दूर सुनना भी नहीं चाहते थे |  *जैसा कि यह सत्य है कि

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श्री लक्ष्मण चरित्र - भाग - ८ (आठ)

5 मई 2022
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जनकपुर में *श्री लक्ष्मण जी* के जीवन में आई उर्मिला जी | *लक्ष्मण जी* का चरित्र यदि इतना देदीप्यमान हुअा तो उसमें उर्मिला जी की प्रमुख भूमिका थी | *जिस प्रकार रामराज्य के सूत्रधार लक्ष्मण जी हा उसी प्

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श्री लक्ष्मण चरित्र - भाग - ९ (नौ)

7 मई 2022
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रामायण में *लक्ष्मण जी* का चरित्र बहुत ही सूक्ष्म दर्शाया गया है |  यह भी सच है कि जितना महत्व *भरत जी* का है उससे कम *लक्ष्मण जी* का नहीं है | दोनों ही अपने स्थान पर महत्वपूर्ण हैं परंतु यदि साहित्यि

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श्री लक्ष्मण चरित्र - भाग - १० (दस)

7 मई 2022
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*लक्ष्मण जी* को गोस्वामी तुलसीदास जी ने *चातक* कहा है और गोस्वामी जी का यह चतुर *चातक* देखना हो को *दोहावली* में देखा जा सकता है , क्योंकि यह *चातक* तो स्वयं गोस्वामी जी का अंतः करण हा जो *चातक* के रू

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लक्ष्मण चरित्र - भाग - ११ (ग्यारह)

11 मई 2022
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*लक्ष्मण जी* को यदि गोस्वामी जी *चातक* कहकर यह प्रतिपादित करते हैं कि लक्ष्मण कि ऐसे *चातक* हैं जो श्री राम रूपी स्वाति नक्षत्र के अतिरिक्त कुछ भी ग्रहण नहीं कर सकते अपितु श्री राम जी के लिए सर्वस्व

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लक्ष्मण चरित्र - भाग - १२ (बारह)

21 मई 2022
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*लक्ष्मण जी* श्री राम जी की आज्ञा मिलते ही दौड़ते हुए अपनी माता सुमित्रा के पास पहुंचते हैं | उन्होंने अपनी मैया को प्रणाम तो किया परंतु उनका मन राघवेंद्र सरकार में ही लगा था | अपने पुत्र *लक्ष्मण* के

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लक्षमण चरित्र - भाग - १३ (तेरह)

21 मई 2022
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*लक्ष्मण जी*  अपनी मैया सुमित्रा के सामने खड़े होकर उनके अमृतमयी वचनों को सुन रहे हैं | त्याग की प्रत्यक्ष मूर्ति मैया सुमित्रा ने कहा कि *लक्ष्मण*  मैंने सुना है कि तेरा भैया राम नारायण का अवतार है औ

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लक्ष्मण चरित्र - भाग - १४ (चौदह)

21 मई 2022
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लक्ष्मण जी* अपनी माता सुमित्रा से विदा लेकर प्रभु श्रीराम के पास प्रमुदित मन से पहुंच गये | *गये लखन जहं जानकिनाथू !* *भे मन मुदित पाइ प्रिय साथू !!* आज श्री राम के साथ बन जाने का अवसर पाकर *लक्ष्म

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लक्ष्मण चरित्र - भाग - १५ (पन्द्रह)

21 मई 2022
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श्रीराम मैया कौशल्या के भवन से जैसे ही चलने को तैयार हुए तो सीता जी ने पूछा :- हे नाथ ! अब कहां चल रहे है ? श्रीराम ने कहा ;-  अब हम पिताश्री की चरण वंदना करके वन को प्रस्थान करेंगे ! सीता जी ने कहा :

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लक्ष्मण चरित्र - भाग - १६ (सोलह)

21 मई 2022
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भगवान श्री राम *लक्ष्मण* और सीता जी जब पिता महाराज दशरथ से आज्ञा एवं विदा लेने गये तो दशरथ जी ने सुमन्त्र को आदेश दिया :--- *सुठि सुकुमार कुमार दोउ , जनक सुता सुकुमारी !* *रथ चढ़ाइ देखराउ वन ,

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लक्ष्मण चरित्र - भाग - १७ (सत्रह)

22 मई 2022
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केवट की नाव से गंगा पार करके श्री राम *लक्ष्मण* एवं सीता जी वन पथ पर आगे बढ़े | यहां पर तुलसीदास जी ने लक्ष्मण जी को बहुत सुंदर उपमा दी :--- *आगे राम लखन बने पाछे !* *तापस वेष विराजत काछे !!* *उभ

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लक्ष्मण चरित्र - भाग - १८ (अट्ठारह)

22 मई 2022
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वनवास काल में श्री राम अपने अनुज *लक्ष्मण* एवं भार्या सीता के साथ चित्रकूट पहुंचे , चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के किनारे सुंदर कुटिया बनाकर वही निवास करने लगे | *लक्ष्मण जी* मन , वचन एल कर्म से प्रभु श

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लक्ष्मण चरित्र - भाग - १९ (उन्नीस)

22 मई 2022
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*लक्ष्मण जी* तो जान ही गये थे कि राजा भरत अपनी संपूर्ण सेना के साथ चित्रकूट आ गए हैं |  *लक्ष्मण जी* का दृष्टिकोण परिवर्तित हो गया , अपने प्रभु श्रीराम की असुरक्षा की भावना उनके हृदय में घर बना गई | व

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श्री लक्ष्मण चरित्र - भाग - २० (बीस)

27 मई 2022
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*लक्ष्मण जी* तो जान ही गये थे कि राजा भरत अपनी संपूर्ण सेना के साथ चित्रकूट आ गए हैं | *लक्ष्मण जी* का दृष्टिकोण परिवर्तित हो गया , अपने प्रभु श्रीराम की असुरक्षा की भावना उनके हृदय में घर बना गई | वे

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श्री लक्ष्मण चरित्र - भाग - २१ (इक्कीस)

27 मई 2022
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*लक्ष्मण जी* ज्ञानवान होकर भी आज एक साधारण मनुष्य की भाँति अपने बल का बखान करने लगे | अपने बल का बखान करने पर जो परशुराम जी की हंसी उड़ाते थे आज वही *लक्ष्मण* क्षणिक अहंकार के वशीभूत होकर श्रीराम के स

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श्री लक्ष्मण चरित्र - भाग २२ (बाईस)

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*लक्ष्मण जी* चित्रकूट में भरत जी के प्रति जो प्रतिज्ञा करते हैं उसको सुनकर कि तीनों लोक कम्पित हो गए ! भगवान शिव भी सकुचा गये और लोकपाल लड़खड़ा कर भाग जाना चाहते हैं | एक बार पहले भी जनकराज की सभा में

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श्री लक्ष्मण चरित्र - भाग - २३ (तेईस)

27 मई 2022
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श्री राम जी की चरण पादुका लेकर भरत जी अयोध्या लौटे और कुछ दिन चित्रकूट में रहकर श्री राम ने वह निवास स्थान त्याग दिया क्योंकि वह स्थान सभी लोग जान गये थे | वहाँ से चलकर अत्रि आदि मुनियों का आशीर्वाद ल

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श्री लक्ष्मण चरित्र - भाग - २४ (चौबीस)

27 मई 2022
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पंचवटी में भगवान श्रीराम ने *लक्ष्मण जी* को जो दिव्य उपदेश दिया उसे *अध्यात्म रामायण* में *रामगीता* कहा गया है | *लक्ष्मण जी* के प्रश्नों का उत्तर देते हुए श्री राम कहते हैं *लक्ष्मण* तुमने जो प्रश्न

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श्री लक्ष्मण चरित्र - भाग - २५ (पच्चीस)

27 मई 2022
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पंचवटी में दुर्लभ ज्ञान सरिता प्रवाहित करते हुए भगवान श्रीराम *लक्ष्मण जी* को माया के विषय में बताने के बाद *ज्ञान* के विषय में बताते हुए कहते हैं | *हे लक्ष्मण !* *ग्यान मान जहँ एकउ नाहीं !* *द

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