आप सभी ने देखा है आज के समय में सभी लोग एक दूसरे से आगे बढ़ने की होड़ में है आगे बढ़न
यूं सताओ ना मेरी ख्वाहिशें मेरे ही ख्वाबों में आकर,
सुबह से रिमझिम रिमझिम बारिश हो रही है और अतुल अपने कमरें की खिड़की से
"प्रकृति ने दी नारी को खुद की एक पहचान,
मैं और हमारे 3 दोस्त रात को बाते कर रहे थे। तभी वीर ने बोला कि आज कही बाहर चलते है , हमलोगों ने हामी
औरते पागल होती है
कुछ दिन ऐसे ही बीते । फिर एक दिन मेड्डी का फोन आया ।
औरतें हर जगह अपना हक जताती है ..........
आभा
आभा- नाम तो दे दिया मुझे माता पिता ने- पर यह न सोचा कि मेरे न