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स्त्री विमर्श -

hindi articles, stories and books related to Stri vimarsh -


सिमरन की शादी वैभव से तय कर दी गई । सिमरन एक पढी लिखी हँसमुख , सुंदर

मैं द्रौपदी,कितना असहज था ये स्वीकारना कि मेरे पांच पति होगें, माता क

आज मैं तनहाई में भी खुश हूंँ ....
जिसे पा ना सकी....
 उसकी जुदाई में भ

वो दिन भी अच्छे थे ....
दिल क्या मन भी सच्चे थे ....!
रुसवाईयों के डर से ..

किसने साथ दिया किसी का ....
सब बीच मझधार मे ही छोड़ जाते हैं ....
वादा करके

   अरे अभागन तूने तो जन्म लेते ही अपनी माँ को खा दिया था, त

मीता के ऑफिस की आज छुट्टी है। रात को सोचकर सोई थी कि साढ़े पांच के बजाय साढ़े छै: बजे उठेगी। घड़ी देखी तो अभी केवल छै: बजे हैं। सासू मां की भी कोई आहट नहीं थी। अंगड़ाई लेकर करवट बदली तो सीधे सवा सात

सुरभि जब सात साल की थी तब उसके माता-पिता की कार दुर्घटना मे मृत्यु हो

सावित्री तेरी तो किस्मत ही खराब दूसरी पोती का मुंह देख रहीं हैं......

महविश हास्पिटल से सीधे कॉलेज जाती हैं।
सबसे अच्छी दोस्त उसे अर्शी मिलती है। अर्शी कहती तू &nb

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*इस संसार में मानव समाज को पुरुष प्रधान समाज कहा जाता है , परंतु विचार कीजिए कि परमात्म ब्रह्म ने

जिस पिता के लिए , 
बेटी शहजादी होती है।
उसका पति उसे अपनी ,

सब तीज त्योहार तुमसे हैं,❤️

मेरे सारे मान मनुहार तुमसे हैं,💕

इस परिवारिक मोतियों क


कुर्बत में उनकी धडकनोमें होसले है...
इश्क की इबादत ने मीटाए

था खूबसूरत सा वो सफ़र
थीं खूबसूरत सी उसकी यादें
करते हैं याद तन्हाइयों में<

तुम और हम जब सफर पर चले तो दो से एक हुए
फिर नही चला पता कि कब हम

एक लड़की अपनी कार  से बड़ी तेजी से जा रही थी। तभी रास्ते में देखती है कोई लड़का घायल पड़ा हु

कुछ खामियां भी कर देती है मशहूर 
मियाॅं 
खूबियों में इतना भी जोर


बोछारोंकी ख्वाईश थी रुही.....
यादे ताजा हो बूंदो मे ल


ऐसा कोई तरीका नहीं है जिससे आप ये जान सकें कि आपकी बेटी को किस दिन उसका पहला पीर

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