सिर्फ . . . देविका के बडे भईया को छोड़कर ।
अरनव को भी बाकी सभी की तरह यही लग रहा था | कि देविका उस एक्सीडेंट को देखकर घबरा गई है | इसलिए उसका प्रेग्नेंसी में ब्लड प्रेशर एक दम से हाई हो गया l
देविका के बडे भाई ये बात अच्छी तरह समझ चुके थे | कि देविका एक्सीडेंट की वजह से नहीं ... बल्कि विकास के एक्सीडेंट की वजह से घबरा गई थी | और इसलिए उसने , गाड़ी मे भाभी की बात भी नही मानी थी |
और इस एक्सीडेंट से , भईया को यह भी कन्फर्म हो गया था | कि देविका अभी भी विकास से प्यार करती है |
जबकि . . . कुछ महीने पहले उन्हें लगा था । कि अब सब ठीक हो गया हैं | जब पिछली बार देविका घर आयी थी l
2 दिन निकल चुके थे और अब राहुल की सगाई की वो शाम आ गई थी । जिसके लिए देविका और अरनव वहाँ गये थे |
सभी लोग आज शाम को होने वाले फंक्शन की तैयारीयों में लगे हुए थे |
राहुल की सगाई है | घर के सभी लोग और रिलेटेवि फेमिली मेंमर्स बहुत खुश है I क्यूंकि देविका की शादी के बाद घर में ! सेकेंड जनरेशन का ये पहला फंक्शन हैं |
अमित के सभी भाई और बहनों के बच्चे बहुत एन्जॉय कर रहे थे |
देविका की तबीयत भी पहले से अब काफी ठीक थी और उसका ब्लड प्रेशर भी नॉमल हो गया था ।
शाम में बडे भईया , सभी लोगो से कहने आते है |
सभी लोग , श्याम 7 बजे तक टाइम पर तैयार हो जाना | क्यूंकि हमें गार्डन के लिए निकलना हैं |
सगाई का मुहुर्त ठीक 8 बजे है |
शाम को सभी लोग गार्डन पहुंचकर , engagement ceremony को enjoy कर रहे थे और राहुल की सगाई भी ठीक समय पर हो गई थी |
घर के सभी लोग engagement के बाद खाना खा रहे थे | देविका भी , घर के बाकी सदस्यों के साथ enjoy कर रही थी | कि तभी पीछे से देविका के बचपन की फ्रेंड दीपा , देविका से कहती है |
" Hi देविका ! कैसी है ? बहुत दिनो बाद मिल रहे है आज हम | "
दीपा , अचानक इस तरह पीछे से आकर देविका को सरप्राइज देती है |
देविका भी दीपा को देखकर शॉक्ड हो जाती है | और खुशी से दीपा के गले लग जाती है |
देविका : - " तू कब आयी यहाँ ? "
दीपा : - " बस अभी कुछ दिन पहले ही आयी हूँ । "
देविका : - " राहुल की सगाई के बारे में तुझे भाभी ने बताया क्या ? "
दीपा : - " हाँ और नही तो क्या ? कुछ दिन पहले भाभी मार्केट में मिली थी | में भी ससुराल से यहां आयी हुई थी अभी कुछ दिनों के लिए | तब भाभी ने बताया कि देविका भी आ रही हैं और तभी तेरी प्रेगनेंसी के बारे में भी भाभी ने बताया था |
और . . . फिर तो यार मुझे आना ही था | "
अपनी बातें करते हुए देविका और दीपा जोर से हंसने लगती है |
तभी अरनव , देविका के पास आता है l
देविका , अरनव से हाथ से दीपा की ओर इशारा करते हुए , कहती हैं |
" ये मेरी बेस्ट फ्रेंड दीपा हैं | और दीपा ये मेरे हसबेंड . . . " ( इससे पहले की देविका , दीपा को अरनव का का नाम बता पाती , उससे पहले ही दीपा बहुत खुश होकर कहती है |
दीपा : - " हलो , विकास जी ! आपसे मिलकर बहुत खुशी हुई | आपकी शादी में नहीं आ पायी मैं | "
अरनव , विकास सुनकर चौक जाता है |
दीपा का अरनव से विकास कहने पर , देविका बात को पलटने के लिए हंसते हुए कहती है |
"अरे ! दीपा तू भी ना । तेरी अभी तक मजाक करके ; लोगों को डराने की आदत नही गयी | ये मेरे हसबेंड अरनव जी है | और कुछ सेकेन्डस के लिए तुने तो मुझे भी डरा ही दिया था । "
देविका की बात सुनकर दीपा , देविका की तरफ़ आश्चर्य से देखने लगती हैं |
अरनव ने उस वक्त किसी से कुछ कहा नही | लेकिन वह मन ही मन दीपा की अचानक से कही हुई बात के बारे में ही सोच रहा था |
अरनव : - " आखिर दीपा ने मुझसे विकास क्यूं कहा ? वो भी देविका का हसबैंड सुनते ही l "
देविका : - " अरनव , अरे आप सीरीयस मत होना | ये ऐसी ही है | इसकी सबको शुरू से ही डराने की आदत है | "
अरनव : - " नहीं देविका में सीरीयसली नहीं ले रहा | तुम दोनो फ्रेंडस इन्जॉय करो , में अभी आता हूं | "
ये कहकर अरनव उन दोनों को अकेला बात करते हुए छोड़कर वहाँ से चला जाता है | और अरनव के जाते ही दीपा , देविका से कहती है |
" क्यूं देविका ये क्या है ? तू तो विकास से प्यार करती थी ना . . . तूने ही तो बताया था l कि तू सिर्फ उसी से शादी करेगी | और विकास भी तेरे सिवा किसी और से शादी नहीं करेगा ।
मैंने विकास को कभी देखा नहीं था | इसलिए मुझे लगा यही विकास है | "
देविका और दीपा बातो में अपने आस - पास का सब भूल गई थी | कि कोई उनकी बाते तो नही सुन रहा | तभी देविका पीछे पलटती हैं | और अपने पीछे अरनव को खडा देखकर डर जाती है |
देविका : - " अरे ! आप . . . आप तो चले गए थे ना | "
अरनव : - " हाँ ! लेकिन में जिस बात को कहने के लिए ; तुम्हारे पास आया था | वो तो कहना भूल ही गया |
में तुम्हें अपने साथ खाना खाने के लिए लेने आया था | "
अरनव , देविका से खाना खाने के लिए कहते हुए हल्की स्माइल करता हैं | और वहां से चला जाता है | '
लेकिन देविका मन ही मन सोचने लगती है |
" कही इन्होंने हमारी बातें सुन न ली हो । "
चलते - चलते देविका ये सोचते हुए अरनव के पास , खाना खाने के लिए जाने लगती है |
वह इतना ज्यादा सोचने लगती है | कि बीच में रखी हुई चेयर भी उसे दिखाई नहीं देती है और उससे टकरा जाती हैं | और देविका का बैलेंस बिगड़ जाता है | वह गिरने से तो बच जाती है |
लेकिन ; झटका लगने की बजह से देविका के पेट मे दर्द होने लगता है |
ये देखते ही अरनव और सभी घर वाले भागते हुए देविका के पास पहुँचते है |
देविका : - " आह ! मेरे पेट में दर्द हो रहा है | "
ये सुनकर ! सभी देविका को तुरंत हॉस्पिटल ले जाते है |
वहाँ देविका का चैकअप करने के बाद , डॉक्टर देविका को एडमिट कर लेती है |
डॉक्टर देविका और अरनव से गुस्से में कहती है |
" थोडी सी लापरवाही , आप लोगों को बहुत महंगी पड सकती थी | आपका बच्चा झटका लगने की वजह से नीचे आ गया है | अभी ऑपरेशन करना पड़ सकता था |
प्रीमेच्योर डिलीवरी जानते है ना आप | और ये एक बार थोड़े टाइम पहले ही हुए अबॉर्शन की वजह से वैसे ही वीक है | आप लोगों को दुबारा इतनी जल्दी बच्चे की प्लानिंग नही करनी चाहिए थी | एक साल तक तो नही |
वो भी देविका की हालत को देखते हुए मिस्टर अरनव कम से कम आपको तो ! इन सब मामले में अपनी बीबी का ध्यान रखना चाहिए था | "
डॉक्टर की ये सारी बातें सुनकर अरनव के तो जैसे होश ही उड गए | और हो भी क्यूं न बात ही कुछ ऐसी थी |
अरनव : - " सॉरी डॉक्टर ! में पूरा ध्यान रखूंगा अब देविका का | "
इतना कहकर अरनव वहां से उठकर बाहर अकेला बेंच पर बैठ जाता है |
अब अरनव के मन में बहुत सारे विचार आ रहे थे और वह मन ही मन अकेला बैठकर सोचे जा रहा था |
डॉक्टर ने अभी कहा , थोड़े टाइम पहले अबॉर्शन इसका मतलब ; लेकिन शुरूआत के 6 महीने तो , हमारे बीच कुछ हुआ ही नहीं था | तो फिर कब ? और वहाँ की डॉक्टर ने भी अबॉशर्न की पूछा था और तब तो देविका का पहला महीना ही चल रहा था |
उससे पहले तो हमारे बीच कुछ हुआ ही नहीं था | क्या ये देविका और उस विकास के ? नहीं ! नहीं देविका ऐसा नही कर सकती |
[ ये सारी बातें सोचते - सोचते अरनव अपना सिर पकड़ लेता है | जैसे उसका सिर दर्द से फटा जा रहा हो | ]
थोड़ी देर बाद . . . .
अरनव हॉस्पिटल रूम में देविका के पास जाता है | और देविका से कहता है |
" आखिर क्या बात है ? कौन है ये विकास ? देविका बताओ मुझे | "
देविका : - " कोई नहीं है विकास . . . दीपा ! मजाक कर रही थी | "
अरनव गुस्से में देविका से कहता है |
" झूठ मत बोलो मुझसे देविका . . . . मैनें बाद मै , तुम दोनो की बातें सुन ली थी और यहाँ सगाई मै , जब में आ रहा था | तब वो ड्राइवर भी मुझे यही कह रहा था | कि उस दिन विकास का एक्सीडेंट हुआ था |
भाभी ने तुम्हे वहाँ जाने से रोका भी था | लेकिन तुमने भाभी की भी बात नहीं मानी और अब ये डॉक्टर जो कह रही है वो क्या है ? क्या दोनों ही डॉक्टर्स को गलत फहमी हुई है ?
आखिर क्यूं ? और क्या छुपा रही हो तुम मुझसे ? कि तुम्हे विकास की वजह सें हमारे . . . बच्चे तक की परवाह नहीं रही | क्यूं देविका , क्यूं ?
देविका : - " ऐसा कुछ भी नहीं है अरनव | "
अरनव के इतना पूछने के बाद भी , देविका ने एक शब्द नही कहा | देविका उस समय ऐसे शांत बैठी हुई थी जैसे अरनव की सारी बांते बेबुनियाद हो |
लेकिन कही न कही अरनव को ये महसूस हो रहा था | कि वो जो कुछ भी सोच रहा है | उस बात मे सच्चाई तो है लेकिन कितनी ये नही जानता | इसलिए वो सारा सच देविका से जानना चाहता था | पर देविका तो सारी बातो से साफ इंकार कर रही थी |
देविका ने कुछ न कहने पर अरनव वहाँ से उठकर चला जाता है | हॉस्पिटल के बाहर बेंच पर बैठ कर अरनव ; अब इन सब से परेशान होकर सोच रहा था |
" आखिर मैं विकास के बारे मे पूँछू भी तो किससे ? "
तभी अरनव को राहुल की सगाई में मिली देविका की बचपन की फ्रैंड दीपा का ख्याल आता है |
अरनव : - " शायद दीपा विकास और देविका के बारे में सब जानती भी होगी | इसीलिए उसने उस दिन मुझसे बिना सोचे समझे विकास कहा था | अभी सिर्फ वही है जो मुझे सच बता सकती है | "
तब अरनव , भाभी से दीपा का नंबर लेता है | और दीपा को कॉल करता है | और अगले दिन उससे थोड़ी देर के लिए मिलने की कहता है |
अरनव : - " हेलो दीपा ! में अरनव बोल रहा हूँ । देविका का हसबैंड | "
दीपा : - " हाँ जीजू ! में आपको पहचान गयी | कैसी है देविका की तबीयत अब | "
अरनव : - " पहले से काफी बेहतर है | पर अभी हॉस्पिटल में ही एडमिट है । दीपा क्या तुम मुझसे थोड़ी देर के लिए मिल सकती हो । तुमसे कुछ बात करनी थी | "
दीपा : - " क्या हुआ जीजू सब ठीक तो है ना ? "
अरनव : - " कुछ भी ठीक नहीं है इसलिए तुमसे कुछ बात करना चाहता हूँ | प्लीज दीपा मना मत करना | अपनी फ्रेंड देविका के लिए | "
दीपा : - " ठीक है जीजू "
दीपा को अरनव काफी परेशान सा लग रहा था | इसलिए अरनव के insist करने पर दीपा , अरनव से मिलने के लिए हाँ कर देती है | और दोनों उसी दिन शाम में एक कैफे में मिलते है |
अरनव कैफे में दीपा का इंतजार कर रहा था | कि तभी दीपा आ जाती है |
अरनव : - " thanks दीपा यहाँ आने के लिए । "
दीपा : - " क्या बात है जीजू आप फोन पर काफी परेशान लग रहे थे | सब ठीक तो है | "
अरनव : - " ये विकास कौन है दीपा ? "
अरनव के इस सवाल को सुनकर पहले तो दीपा मना करती हैं कि वो विकास को नही जानती | और अरनव के सामने अनजान बनने की कोशिश करती है |
दीपा : - " विकास . . . मैं नही जानती जीजू कि ये विकास कौन है ? "
अरनव : - " देखो दीपा ! तुम प्लीज मुझे सब कुछ सच बता दो | क्यूंकि राहुल की सगाई में ; मैंने तुम दोनो की बाते सुन ली थी | जब तुमने मुझे विकास कहा था |
इसलिए प्लीज मुझसे झूठ मत कहना | देविका और विकास के बारे में जो कुछ भी तुम जानती हो | फॉर गोड सेक प्लीज़ . . . मुझे सच सच बता दो | "
अरनव के ये कहने के बाद अब दीपा के पास , सच बताने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था |
दीपा : - " जीजू देविका और विकास कॉलेज टाइम से ही , एक - दूसरे को जानते थे और वो दोनो ही एक - दूसरे से प्यार करते थे | और शादी भी करना चाहते थे | पर उनकी शादी क्यूं नही हुई ? ये में नहीं जानती | "
अरनव : - " दीपा ! में तुमसे ये बात पूछना तो नही चाहता हूँ | लेकिन इस वक्त मेरे लिए ये जानना बहुत जरूरी है |क्या विकास और देविका के बीच ; कभी कोई फिजिकल रिलेशन भी . . . . "
अरनव इतना कहकर रुक जाता है | और दीपा , अरनव के इस सवाल के जबाव में नीचे सिर झुका लेती है |
क्यूंकि . . . देविका ने शादी से पहले दीपा को अपने और विकास के बारें में ये बात भी बतायी थी |
दीपा के कुछ न कहने पर और नीचे सिर झुका लेने पर अरनव दीपा का जबाव समझ जाता है |
अरनव : - " thanks दीपा , में समझ गया | "
इसके बाद दीपा वहाँ से अपने घर चली जाती है | लेकिन वहीं बैठकर मन ही मन सोच रहा होता है | और फिर अरनव खुद को कोसते हुए कहता है ।
अरनव : - " देविका ने शादी के बाद एक बार गुस्से मै मुझसे कहा था | कि हाँ ! वो किसी और को पसंद करती है । पर बाद में देविका ने कहा था | कि वो सब झूठ था ।
और अभी जो कुछ भी सामने दिख रहा है | इसका मतलब देविका अभी भी विकास से प्यार करती है | और वो अबॉर्शन भी शादी से पहले विकास . . . . . । "
अरनव ये सब कुछ जानने के बाद भी ! देविका का ऐसे समय में पूरा ध्यान रखता था | लेकिन . . . अब वह बहुत मायूस और दुखी रहने लगा था और देविका से पहले की तरह कोई बात नहीं करता था |
अगले 2 महीने तक ऐसे ही चलता रहा | देविका भी अच्छे से जानती थी | कि अरनव का व्यवहार , क्यूं उसके लिए बदल गया है | लेकिन वह कभी भी देविका से कुछ नही कहता था | और न ही उसने फिर कभी देविका से विकास के बारे में कोई बात की |
क्यूंकि . . . वह देविका को ऐसी हालत मे , अपनी वजह से कोई टेंशन नही देना चाहता था |
तभी एक - दिन देविका को लेबर - पेन होने लगता हैं | हॉस्पिटल में ! देविका को एडमिट कराया जाता है और कुछ ही घंटों में देविका को एक प्यारी सी बेटी होती है |
अरनव ये खबर सुनते ही बहुत खुश हो जाता है और अपनी बेटी को गोद में लेते ही , वह अपने और देविका के बीच चल रही सारी नाराजगीयो को भूल जाता है |
अब बेटी आने की खुशी में अरनव , देविका से वापस अच्छे से बात करने लगता हैं | और अरनव अब अपनी हर छोटी से छोटी खुशी को अपनी बेटी मै ही देखने लगता हैं |
अब , उसकी बेटी ही उसके लिए सब कुछ थी |
अरनव के सामने अब सारा सच आ चुका था | लेकिन क्या अभी भी कोई बात ऐसी है ? जो अरनव नही जानता |
क्या यही वजह अरनव से उसकी जिंदगी और बची हुई खुशियां छीन लेगी ?
आखिर क्या है वो वजह ? या यही से अरनव की जिंदगी की वो सच्चाई सामने आएगी जिसकी वजह ही उसकी मौत थी ?
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