देविका : - " हॉ अरनव ! हाँ . . . . मैं किसी और से . . . . हो गई तुम्हें अब तसल्ली ये जानकर | "
( बहुत तेज गुस्से मे , इतना कहकर ! देविका चुप हो जाती है l )
देविका जो सबके सामने , अभी तक अच्छे से रह रही थी | लेकिन . . . . बस दिखाने के लिए | उसका अभी तक भी ! अरनव के साथ बर्ताव वैसा ही था |
अरनव के अंदर मन ही मन में ! अपने आप को , कोसते हुए बस एक ही विचार आता था | कि न जाने क्यूं मैंने , शादी के लिए हाँ कर दी थी ।
अरनव ने अब ! देविका से बात करना बंद कर दिया था |
सारिका : - " सब ठीक है ना अरनव , तू कुछ उदास सा क्यूं है ? "
( कुछ दिनों बाद जब छुट्टी वाले दिन , सारिका घर पर आयी थी । तब अकेले में वह अरनव से पूछती है । )
अरनव : - " कुछ नही दीदी ! . . . सब ठीक है . . . । "
( जबकि अरनव को मन ही मन , अपनी शादी से परेशानी हो रही थी I ये बात वो अपनी दीदी को बताना चाहता था । लेकिन फिर कुछ सोच कर रह जाता है । )
वहीं देविका . . . अब बड़े मजे से रह रही थी I क्यूंकि अब ज्यादातर वह , अपने मायके ही चली जाया करती थी ।
और दूसरी ओर वहीं वरनाली . . . अब देविका की जिठानी के साथ - साथ उसकी सास भी बन रही थी |
अरनव , ज्यातादर अब तनाव में रहने के कारण ! फिर से पहले जैसी - कंडीशन में आ रहा था l जहाँ से वह निकल वापस कर आया था l
( जैसे - तेज सर दर्द का होना | कुछ भी अच्छा न लगना , जॉव पर जाने का मन न करना और तनाव के कारण कई दिनो से ! नींद का भी पूरा न होना । )
देविका कुछ दिनो के लिए फिर से अपने मायके चली जाती है |
क्यूंकि शादी के बाद , राखी उसका पहला त्यौहार था |
लेकिन इस मायके जाकर देविका को पता चलता है । कि वो जिसे पसंद करती थी l उसकी भी वहीं शादी हो गई है l
देविका शादी से पहले जिससे प्यार करती थी । उसका नाम ' विकास ' था l विकास ने देविका से वादा किया था l कि वो उसके अलावा ! अपनी जिंदगी में कभी भी किसी और से शादी नही करेगा l और देविका भी उसी से शादी करना चाहती थी l
( सिर्फ इसीलिए देविका अभी तक ! अपनी इस शादी को तोड़कर विकास के पास जाना चाहती थी l )
लेकिन , विकास की शादी की खबर सुनकर , देविका पूरी तरह टूट जाती है ।
और अब उसे अरनव के साथ ! अपने द्वारा किए गए बर्ताव के लिए बहुत दुख हो रहा था । इसीलिए देविका को अब अरनव के सामने जाने मे भी ! शर्म आ रही थी l क्यूंकि देविका ने अपने मतलब के लिए ! नई - नई शादी होने के बाद भी अरनव के साथ इस तरह का बर्ताव किया था l
लेकिन अभी तक देविका . . . . अरनव के अपनी वजह से तनाव में आने के कारण हुई हालत से अंजान थी ।
कुछ दिनो बाद . . . देविका अपने मायके से वापस ससुराल आ जाती है l
और अब वह अरनव से बात करना चाहती है I लेकिन अरनव अब देविका की तरफ देखना भी नही चाहता था ।
ऐसे ही . . . दोनो की शादी के 6 महीने निकल जाते हैं l
फिर एक दिन . . . . .
देविका अपने रूम मे बैठी हुई . . . अकेली जोर - जोर से रो रही थी I कि तभी अरनव का रूम में उसी समय आना होता है |
अरनव रूम में आकर अपनी अलमारी में से कुछ फाइल्स निकाल कर उनमे कुछ चैक करने लगता है | और देविका का रोना पूरी तरह से इग्नोर करता है |
उस वक्त अरनव ऐसा विहेव करता है । जैसे उसे देविका का रोना बिल्कुल भी सुनाई ही नही दे रहा है | ये देख कर देविका , अरनव को सुनाने के लिए और जोर - जोर से रोने लगती है |
पहले तो अरनव बहोत देर तक चुप रहता है l पर थोड़ी देर बाद , उसके मन में इंसानियत के नाते ही सही पर उसे देविका का इस तरह रोना ! अच्छा नही लग रहा था l
( इसलिए वह मन मारकर , बस फॉर्मेलिटी करने के लिए वो देविका से पूछ ही लेता है I )
अरनव : - " क्या हुआ ? क्यूं रो रही हो तुम इतनी देर से ? "
अरनव शांति से धीमी आवाज में देविका से पूछता है |
देविका : - " आपको क्या ? इतनी देर से देख रहे हो ! तब कुछ नही और अब जाकर पूछ रहे हो l "
( देविका रोते हुए अरनव से कहती हैं l )
( अरनव ; देविका की ये बात सुनकर ! उसे थोड़ा आश्चर्य से देखता है और कहता है । )
अरनव : - " हाँ . . . क्यूंकि में ! तुमसे बात नही करना चाहता था l "
देविका : - " लेकिन मुझे तो करनी थी l "
( देविका बहुत तेज आवाज में , जबरदस्ती रोते हुए अरनव से कहती है । )
अरनव : - " क्यूं ? पहले जब में तुमसे अच्छे से बात करता था l तब तो तुम्हे नही करनी होती थी ।
और वैसे भी हमारी शादी को . . . . ओह ! सॉरी , सॉरी गलती से कह दिया l और हमारी इस जबरदस्ती की शादी को 6 महीने हो गए है | तो , अब तुम्हे मुझसे बात करनी है l वाह . . . . . I
( अरनव थोडा एटीट्यूट में देविका से कहने लगता है । )
देविका : - " हाँ ! तभी तो में आपसे सॉरी बोलने के लिए बात कर रही हूँ | बात होगी तभी तो सॉरी बोल पाऊंगी ना "
अरनव : - " अच्छा ! बहुत जल्दी तुम्हें अपनी गलती का एहसास हो गया | बहुत बढिया है |
वैसे - इस बार ! जब से तुम मायके से आई हो , तो क्या हो गया है तुम्हे ऐसा . . . . जो तुम्हें मुझसे बात करना है l "
( अरनव तेज आवाज में गुस्से से देविका से कहता है l )
देविका : - " में तो कर रही हूँ ना बात | पर . . . आप ही नही कर रहे हो । "
फिर देविका जोर - जोर से रोने लगती है |
( देविका के जोर - जोर से रोने पर अरनव को लगता है | कि वो शायद ! देविका से ज्यादा ही तेज आवाज में , बोल गया | )
अरनव ! थोड़ी देर के लिए शांत हो जाता हैं l
देविका : - " प्लीज बात करो ना मुझसे । "
अरनव अपने आप को शांत करने की कोशिश करता है | और फिर
" हाँ . . . . तो क्यूं रो रही हो तुम ? . . . . "
( थोड़ी देर बाद अरनव , देविका से दोबारा पूछता हैं | )
देविका तो जैसे अरनव के , यही बात पूछने का इंतजार कर रही थी l
देविका : - " मैंने आपके साथ , शादी से लेकर इतने दिनों तक ! जो गलत बर्ताव किया l उसका मुझे , अब दुख हो रहा है l "
( ये कहते - कहते देविका , अरनव के नजदीक आ जाती है l )
अरनव : - " तुम्हें कोई जरूरत नही है देविका , मेरा दुख मनाने की । तुम अपनी जिंदगी में खुश रहो ! जैसे - तुम्हे रहना हो l "
( इतने में देविका , अरनव का हाथ पकड़ लेती है I और कहने लगती है | )
" मुझे सच में दुख हो रहा है | में अब ऐसे नही रह पा रही हूँ अरनव I वो सब मेरी नादानी की वजह से हुआ था | "
अरनव , देविका का हाथ हटाने की ! कोशिश करता है ! लेकिन देविका . . . अरनव को छोड़ना नहीं चाहती थी l इसलिए वो अरनव का हाथ और टाइट पकड़ लेती है |
देविका : - " प्लीज ! आप मुझे माफ कर दो | मैंने आपका दिल दुखाया है | आप मुझे इसके लिए डांट लो या जो चाहो वो सजा दो | पर प्लीज मुझ से बात करो ! क्यूंकि मुझे अब ऐसे बिल्कुल भी अच्छा नही लग रहा है l "
( ये कहते - कहते देविका , अरनव के और करीब आ जाती है | )
अरनव : - " देविका थोड़ा दूर हो जाओ और तुम क्यूं मेरे पास आ रही हो ? तुम चली जाओ ! उसी के पास जिसे तुम पसंद करती हो I में तुम्हें . . . नही रोकूंगा ! तुम्हें इस बंधन में रहने की जरूरत नहीं है । "
देविका : - " मुझे अब कहीं नही जाना ! मुझे यही रहना है , आपके पास । में , किसी को पसंद नही करती हूँ l "
( यह कहते हुए देविका , अरनव के कंधे पर ! अपना सर रख देती है | और फिर अरनव भी पिघल जाता है I )
और देविका , अरनव को प्यार से चूमते हुए उसे अपनी बाहो में भर लेती है |
ये रात . . . . शादी के बाद की , ऐसी पहली रात थी | जब अरनव , पहली बार सुकून महसूस कर रहा था |
अरनव को अब , सब कुछ ! ठीक लग रहा था |
लेकिन . . कब तक ? क्या अब ये रिश्ता क्या हमेशा ऐसे ही रहेगा ? या अरनव को अभी अपने जीवन मे और भी कुछ देखना बाकी था ?
क्या देविका अपना पहला प्यार भुलाकर , अरनव का विश्वास कायम रख पायेगी ?
जानने के लिए आगे पढ़ते रहें - - - - - - - और मेरी नॉबल आपको अच्छी लगे तो Please Like , comment and share करे |