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End of Torture

12 सितम्बर 2022

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विकास , चेयर से उठकर जाने के लिए खड़ा हो जाता है | और अपने अंदर अरनव की थोडी देर पहले , उसके लिए कहीं गयी बात के लिए , उससे गुस्सा होकर बदला लेने के नजरिये से देखता है |

लेकिन फिर भी विकास ऊपर से झूठी मुस्कान दिखाते हुए ; अरनव से मुस्कुराते हुए अपनी भोहे ऊपर चढ़ाते हुए कहता है |

" अच्छा अरनव जी ! तो अब हम चलते है | आप आराम कीजिए | थोड़ी देर बाद आपकी फिर खातिर दारी की जाएगी । 

मॉन्टी इस बार और अच्छे से करना खातिर दारी इनकी | कोई भी कमी न रह जाए ; वरना अरनव जी को हम से शिकायत रह जाएगी | "

विकास , मॉन्टी को कुछ कहते हुए ; हाथ से अरनव की ओर इशारा करता है | और उसे अपना काम पूरा करने की कहकर वहां से जाने लगता है | 

तभी विकास को जाता हुआ देखकर अरनव पीछे से जोर से आवाज लगाता है |

" प्लीज मुझे जाने दो विकास , मुझे छोड दो । "

विकास , अरनव की आवाज सुनकर पीछे पलटकर देखता है | और मुस्कुराता है | और बाहर जाने के लिए चलते हुए अरनव से कहता है |

" जरूर जाने देंगे हम तुम्हें अरनव , हमेशा के लिए चले जाना तुम सब कुछ छोड़कर | "

विकास की इस तरह की सारी बातों से अरनव समझ तो गया था | कि ये लोग उसे जिंदा नहीं छोड़ने वाले है । और उसके पास ज्यादा समय भी नही है |

लेकिन अरनव अंदर से बहुत डर गया था | क्यूंकि वहाँ आस - पास किसी भी तरह की चहल - पहल की आवाज नही आ रही थी l उसे शहर से बाहर किसी सुनसान जगह पर लाया गया था | और अब अरनव कैसे भी करके बस वहां से भागना चाहता था |

इसके लिए वो एक मौके का इंतजार कर रहा था | 

तभी उसके सामने आकर , मॉन्टी वहीं चेयर पर बैठ जाता है | काफी देर तक अरनव मॉन्टी को देखकर कुछ सोचता रहता है | और थोड़ी देर बाद उससे पूछने की हिम्मत करता है |

" देखो तुम लोग मुझे यहाँ क्यूं लाए हो । मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है | "

मॉन्टी : - " हमारा इस बात से कुछ लेना - देना नही है | हम बस अपने बॉस के ऑर्डर फॉलो कर रहे हैं । "

अरनव : - " तुम्हारा बॉस एक निर्दोष के साथ गलत कर रहा है | साथ ही वो ओर लोगो को भी फंसा रहा है I तुम नहीं जानते हो कि वो कितने लोगों की जिंदगी बर्बाद कर रहा है | " 

अरनव मौन्टी को किसी भी तरह मनाने की कोशिश कर रहा था | ये सोचकर कि शायद उसकी बात सुनकर उसका दिल पिघल जाए और वो विकास के आने से पहले उसे छोड दे |

लेकिन अरनव ये नही जानता था ! कि मॉन्टी खुद एक छटा हुआ बदमाश है | जो विकास के इशारे पर न जाने कितने लोगो की जान ले चुका है |

अरनव की बाते सुनकर ! मॉन्टी अरनव की ओर गुस्से से घूरकर देखता है | और उससे तेज आवाज मे चिल्लाकर कहता है |

" देखो मैंने तुमसे कहा ना अभी , कि इस बात से हमारा कुछ लेना - देना नही है | क्यूं बहस कर रहे हो और अब तुम चुप हो जाओ । "

मॉन्टी पर अरनव की किसी भी बात का कोई असर नही हुआ | अरनव मन ही मन बस ईश्वर से प्रार्थना कर रहा था | और कैसे भी बस वहाँ से भागना चाहता था |

बहुत अंधेरा हो चुका था | रात के करीब 9 - 10 बज रहे होंगे | रोशनी के नाम पर सिर्फ एक बल्ब लगा हुआ था | वहाँ पर इधर - उधर जाने के लिए मॉन्टी कई बार टॉर्च का इस्तेमाल करता था |

कि तभी चेयर से उठकर मॉन्टी , अरनव के हाथो की रस्सी खोल देता है | इतने में वहाँ अरनव को किसी के सिढियो से ऊपर चढने की आवाज आती है |

वो आदमी अपने एक हाथ में टॉर्च और एक हाथ में लोहे का सरिया लिए हुआ था |

धीरे - धीरे वो आदमी अरनव की ओर आ रहा था | तभी मॉन्टी उस आदमी को अरनव की ओर हाथ से बताते हुए कहता है | 

" यही है वो , बाकी सब तो तुम्हे बता ही दिया होगा | "

ये कहकर मॉन्टी वहाँ से चला जाता है | मॉन्टी के बहाँ से जाते ही वो आदमी अरनव को बहुत ही बेरहमी से पीटने लगता है |

अरनव : - " तुम क्यूं मार रहे हो मुझे ? मुझे छोड दो , मुझे जाने दो | "

लेकिन वो अरनव को बुरी तरह पीटता रहता है | कुछ ही देर मे अरनव खून से लथपथ हो जाता है | तभी उस आदमी के मोबाइल पर किसी का कॉल आता है | और वो अरनव को मारना बंद कर , लोहे के सरिये को छोड़कर फोन पर बात करते हुए चला जाता है |

अरनव बहुत मुश्किल से बैठने की हिम्मत करता है | और वो आदमी सिगरेट पीते हुए सीढियो से नीचे चला जाता है |

अरनव उस आदमी को जाता हुआ देखकर मन ही मन सोचता है |

" यही मौका है यहाँ से जाने का , अगर में अभी यहाँ से नही जा पाया तो ये लोग मुझे मार डालेंगे | "

अरनव के हाथों की रस्सी खुली हुई थी | वो अपने पैरो की रस्सी खोलता है | लेकिन उसका शरीर पूरी तरह टूट चुका था | 

अरनव जैसे - तैसे गिरते उढते सीढियो तक पहुंचता है |

अरनव : - " यहाँ तो अंधेरा ही अंधेरा है | कुछ भी दिखाई नही दे रहा है | अगर गलती से भी कोई आवाज आई तो वो आदमी मुझे छोडेगा नही |

हे भगवान ! मै क्या करूं ? यहाँ भी तो नहीं रुक सकता | जाना तो होगा मुझे । चाहे जो भी हो | "

अरनव धीरे - धीरे सीढियो से नीचे उतरने की कोशिश करता है | उसके पैरो से खून निकल रहा था | अरनव दर्द से कराहता हुआ और बिना कोई आवाज किए नीचे पहुँचता है | 

नीचे थोड़ी ही दूरी पर वो आदमी बैठा हुआ था और सिगरेट पीते हुए फोन पर किसी से कह रहा था | 

" अगर आप कहें तो आज ही तो उसका काम खत्म कर देता हूँ | कल तक क्यों इंतजार करना | "

अरनव बहुत धीरे से वहां से भाग जाता है | लेकिन बहुत अंधेरा होने की वजह से वो ये नही समझ पा रहा था कि वो अब जाए भी तो कहाँ जाए | 

अरनव : - " यहाँ तो चारों ओर जंगल ही जंगल है | दूर - दूर तक रोड पर भी कोई गाड़ी नही निकल रही है | मुझे जल्दी ही किसी safe जगह पर जाना होगा | नही तो इन लोगो को जैसे ही पता चलेगा मुझे ढूंढ निकालेंगे | "

खून से लथपथ अरनव , मदद के लिए बस चलता जा रहा था |

उधर देविका सभी के साथ मिलकर , शहर में और शहर से थोड़ा बाहर तक अरनव को ढूंढने का नाटक कर रही थी |

देविका ने सभी को पूरी तरह यकीन दिला दिया था | कि उसे अरनव की बहुत फिक्र हो रही है | और अपनी तबीयत बिगड़ने का नाटक करने लगती है |

उधर थोड़ी ही देर बाद वो आदमी ऊपर जाता है | और वहाँ अरनव को न पाकर इधर - उधर देखने लगता है |

" अरे ये कहाँ चला गया | इतनी बेरहमी से दो बार पिटने के बाद भी इसमें इतनी जान बची थी | मैंने बॉस से कहाँ था कि अभी काम खत्म कर लेने दो |

लेकिन अगर ये नही मिला तो वो मुझे नहीं छोड़ेगे । "

तभी वो आदमी मॉन्टी को फोन लगाता है |

" हैलो मॉन्टी ! उस आदमी की पिटाई करने के बाद में थोडी देर के लिए अभी नीचे चला गया था | ऊपर आया तो वो नही है | पता नहीं कहां चला गया । "

मॉन्टी : - " अगर वो गलती से भी वहाँ से भाग गया तो बॉस हमें नही छोड़ेंगे | वो इतना पिटने के बाद ज्यादा दूर तक नही जा पाएगा | यहीं कही होगा ढूंढो उसे | में अभी आ रहा हूं । "

फोन रखकर वो आदमी अरनव को आस - पास ढूंढने के लिए निकल जाता है |

उधर अरनव बहुत थक चुका था और उससे अब एक कदम भी नही चला जा रहा था | दूर - दूर तक उसे कोई भी दिखाई नही दे रहा था | और आखिरकार बहुत दूर तक चलने के बाद ! वो बेहोश होकर रोड के एक साइड किनारे पर झाडियो में गिर जाता है |

उधर मॉन्टी और वो आदमी उस जगह का हर एक कोना छान डालते है | लेकिन उन्हें अरनव नहीं मिलता |

मॉन्टी : - " आखिर कार गया कहा वो l इतना जख्मी होने के बाद वो उड़कर तो नही जा सकता । आस - पास का पूरा इलाका छान डाला फिर भी उसका कुछ पता नहीं चला |

तेरी एक गलती की वजह से विकास हम दोनों को मार डालेगा | ढूंढो उसे | "

तभी वो दूसरा आदमी माॅन्टी से कहता है |

" मॉन्टी क्यूं न हम उसे पैदल ही आस - पास देखते है | हो सकता है | कि वो कही गया ही न हो | कहीं छुपकर बैठा हो | क्यूंकि वो पैदल आखिर कितनी दूर तक जा पाएगा | और यहाँ कोई है भी नही जो उसकी मदद कर सके | "

फिर वो दोनो अरनव को पैदल ही रोड के दोनों साइड झाडियो में ढूंढने लगते है |

और 2 घंटे की मशक्कत के बाद , अरनव उन्हें झाडियों में रोड के किनारे बेहोश पड़ा हुआ मिल जाता है |

मॉन्टी : - " ये मर तो नहीं गया | चैक कर | वरना विकास का सारा प्लान फेल हो जाएगा | और वो हमें किसी कीमत पर नही छोड़ेगा | "

मॉन्टी के कहने पर वो अरनव को चैक करता है | 

" मॉन्टी शायद जिंदा है | इसे अभी ले चलते है । वही देखेंगे जो भी होगा | "

दोनो अरनव को गाडी में रखकर उस सुनसान जगह पर ले आते है | और उसे बाँधकर ऐसे ही छोड़ देते है | 

लेकिन दोनो ही विकास की वजह से डरे हुए थे | और सुबह होने का इंतजार कर रहे थे | और अरनव की हालत बहुत खराब थी | उसे एक दिन जिंदा रखना दोनों के लिए जरूरी था | 

विकास को जब इस बारे में पता चलेगा तो क्या होगा ?

अब आगे क्या होने वाला है ? आखिर विकास और क्या करने वाला था अरनव के साथ ?

जानने के लिए आगे पढ़ते रहे . . . . .

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रचनाएँ
Kya Galti Thi Meri?
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ये कहानी है एक ऐसे लड़के " अरनव वेदी " की । जो बचपन से ही बहुत सीधा सा लड़का था । अरनव पढ़ाई में बहुत होशियार और हेंडसम भी बहुत था। उसके भाई - बहन उसे बहुत प्यार करते थे । लेकिन उसकी भाभी वरनाली ; अरनव का अपने घर में रहना , बिलकुल पसंद नही करती थी । बचपन से ही अरनव संघर्षों से झूझ रहा था । फिर एक दिन उसकी जिंदगी में " देविका " आती है | " देविका कपूर " एक घमंडी और बिगड़ी हुई लड़की थी | और देविका का अरनव से शादी करना किसी इत्तेफाक के जैसा ही था | फिर एक दिन अरनव के साथ जो हुआ ! वो एक दर्दनाक घटना से कम नही था । लेकिन उसके साथ ऐसा क्यूँ हुआ ? आखिर क्या गलती थी उसकी ? और कौन था वो शक्स जिसने उसके साथ ऐसा किया ? अरनव के साथ आखिर क्या हुआ होगा? पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें "Kya Galati Thi Meri "
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अरनव की विदाई

5 सितम्बर 2022
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( ये कहानी एक ऐसे आम इंसान की है | जो किसी भी ! नॉर्मल इंसान की तरह ही , सपने देखता हैं | बचपन से लेकर आखिरी तक , वह अपनी जिंदगी एक आम आदमी की तरह ही , जीना चाहता है । और एक अच्छी जिंदगी के लिए

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देविका का बयान

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देविका ! अब होश में आ गयी थी औेर अब उसकी हालत भी पहले से काफी ठीक थी । ' अरनव ' को गए हुए ! पूरा एक दिन हो गया था | अगला दिन . . . . सुबह के करीब 9 बज रहे थे | चारों ओर सन्नाटा सा फैला हुआ था ।

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छानबीन

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देविका के statement के बाद ! पुलिस ने अरनव की बीती हुई जिंदगी के बारे में जानना शुरू किया | आखिर अरनव कैसा इंसान था ? और क्या सच में वह ऐसा कर सकता था ? क्योंकि देविका का अचानक ये कहना ; क

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट

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सभी पुलिस वाले , आपस मै बात करते है l और उनके मन मे यही सवाल चल रहा था । कि कहीं हम बेवजह ही ! अपना समय बर्बाद तो नहीं कर रहे हैं | क्यूंकि पुलिस को अभी तक अरनव और उसके परिवार के बारे में इतना कुछ जान

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वरनाली ने भले ही सारिका दीदी और निशांत के सामने ये बात मान ली थी | कि अब वह इलेक्शन नहीं लड़ेगी और वरनाली ने अपनी गलती भी स्वीकार कर ली थी । ( निशांत को बिना बताये , व

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Arnav's headache

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वरनाली , अब हर पल बस इसी मौके के इंतजार मैं ही रहती थी | कि अरनव उसे कब अकेला मिले | अरनव की माँ के जाने के बाद , जब भी अरनव शांत और अकेला बैठा होता था । वरनाली , तुरंत ही अरनव के पास पहुंच जाया

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अरनव का देविका से मिलना

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अरनव के साथ पिछले कुछ महीनो से बहुत कुछ हो गया था | और उसे वरनाली की वेवकूफी की वजह से बहुत कुछ झेलना पड़ा था | अरनव वैसे तो अब पूरी तरह ठीक था । और वह अपनी बहनो और परिवार के साथ पहले की तरह ही बहुत ख

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शादी की डेट फाइनल होने वाली थी । और वहां देविका तो मुंह लटकाये हुए बैठी है । जैसे - उसे अंदर से कुछ भी पसंद नहीं हो | दिखने में ' अरनव ' बहुत ही ज्यादा हैंडसम था | एक - दम गौरा चिट्टा रंग , करीब 6 फीट

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प्यार की शुरुआत

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देविका : - " हॉ अरनव ! हाँ . . . . मैं किसी और से . . . . हो गई तुम्हें अब तसल्ली ये जानकर | " ( बहुत तेज गुस्से मे , इतना कहकर ! देविका चुप हो जाती है l ) देविका जो सबके सामने , अभी तक अच्छे से

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8 सितम्बर 2022
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अरनव और देविका के बीच ! अगले कुछ महीनो तक सब ठीक चल रहा था I फिर एक दिन श्याम में . . . देविका के मोबाइल फोन की रिंग बजती है l देविका के मोबाइल पर , एक अननोन नंबर शो हो रहा था | देवि

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में तुम्हे किसी अन्जान के साथ नही देख सकता

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विकास : - " देविका सुनो ! देविका प्लीज , बस एक बार मुझसे मिल लो | क्या तुम मेरे लिए अब इतना भी नही कर सकती ? " देविका मैसेज देखकर कोई रिप्लाय नही करती हैं l और मन ही मन गुस्से में खुद से कहने लगती है

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वो मेरी सबसे बडी भूल थी

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क्या में तुमसे मजाक भी नही कर सकता

12 सितम्बर 2022
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अबॉर्शन के बाद देविका नॉर्मल हो जाती हैं | लेकिन . . . . उस दिन की भूल को सोचकर , आज भी देविका के रोंगटे खड़े हो जाते हैं | और अगर गलती से भी , किसी को भी इस बारे में पता चल जाता | तो वह क्या करती | "

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आखिर सच क्या है देविका

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सिर्फ . . . देविका के बडे भईया को छोड़कर । अरनव को भी बाकी सभी की तरह यही लग रहा था | कि देविका उस एक्सीडेंट को देखकर घबरा गई है | इसलिए उसका प्रेग्नेंसी में ब्लड प्रेशर एक दम से हाई हो गया l देविका क

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अपने पापा की खुशी

12 सितम्बर 2022
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अगले 2 महीने तक ऐसे ही चलता रहा | देविका भी अच्छे से जानती थी | कि अरनव का व्यवहार , उसके लिए क्यूं बदल गया है | लेकिन वह कभी भी देविका से कुछ नही कहता था | और न ही उसने फिर कभी देविका से विकास के बार

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मेरी बात याद रखना अरनव

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10 मिनिट बाद अरनव , रूम में अंदर जाता है | अरनव को देखते ही देविका तुरंत फोन रख देती है और बुरी तरह घबरा जाती है | अरनव : - " अरे ! क्या हुआ तुम्हे ? तुम इतना डर क्यूं गयी ? वो भी मुझे देख कर I " देवि

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ये देविका कौन है विकास

12 सितम्बर 2022
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अरनव : - " देविका के कहने से क्या होता है ? वो मुझसे इस तरह खुशी को नहीं छीन सकती | लेकिन . . . कहीं विकास के साथ मिलकर ! खुशी को उसने मुझसे सच में दूर कर दिया तो | देविका बहुत चालाक है | अपना उल्लू स

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अरनव , अपने जीजा जी के साथ ! वहाँ के एक अच्छे डॉक्टर को दिखाने जाता हैं | अरनव ! उस डॉक्टर को अपनी सारी प्रॉब्लम बताता हैं | डॉक्टर : - " ऐसा कितने दिनो से महसूस हो रहा हैं आपको ? " अरनव : - " यही , अ

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झूठ प झूठ

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देविका ; अपने भईया को डॉक्टर को बिना दिखाए ! बापस घर लौटने के लिए तो मना लेती हैं । लेकिन देविका को ये नहीं समझ आ रहा था | कि वह भईया को सारिका दीदी और जीजा जी से झूठ बोलने के लिए कैसे मनाएं ? देविका

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देविका की चाल

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पिछले कुछ महीनों से अरनव अपनी खराब तबीयत की वजह से ; स्कूल भी नही जा रहा था | देविका ने ही अरनव को उसकी जॉब से ; रिजाइन दिलवा दिया था | क्यूंकि . . . . देविका ने , अरनव के स्कूल में उसका पिछले कुछ मही

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सारिका का शक

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दोपहर के 2 बजे ; डोरवेल बजती हैं | सारिका दीदी का घर . . . . और उनकी सबसे छोटी बेटी चारू ; दरवाजा खोलती है | " अरे मामी आप ! आओ , अंदर आ जाओ मामी . . . . खुशी नहीं आयी क्या आपके साथ ? " सा

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श्वेता की मौत

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पुलिस द्वारा ; अभी तक अरनव के साथ रहने वाले , घर के सभी लोगों के बारे में ; अच्छे से छानबीन कर ली गई थी । इससे पुलिस को , ये तो साफ हो गया था । कि अरनव की हत्या या उसकी साजिश के पीछे , कोई

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Negative mind

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संडे का दिन , सुबह के 11 बज रहे थे | अरनव रूम में लेटा हुआ था | अपने अंदर वह पहले से बहुत बीकनेस फील कर रहा था | वह अब ठीक से खड़ा भी नही हो पा रहा था | तभी देविका रूम मे अरनव के पास आती है | देविका :

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Next step

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देविका बहुत confidence के साथ , अब अपने अगले कदम की ओर आगे बढ़ रही थी | और उसे अंजाम देने के लिए वो मेंटली ओर फिजिकली पूरी तरह तैयार थी | देविका का अगला कदम , उसे उसकी सपनों की दुनिया में ले जाने वाला

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kidnaping

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देविका के अरनव को मोबाइल देने के बाद ; उस रात अरनव पूरी रात भर यही सोचता रहा | कि कल देविका के इस खेल के बारे में सबको पता चल जाएगा | और उसे उसके अभी तक किए गए ! सारे गलत कामों की सजा भी मिल जाएगी | त

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तुम ही विकास हो

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गुंडो ने गाडी में अरनव का चेहरा , ऊपर से गर्दन तक पूरी तरह एक काले कपड़े से ढंक दिया था | और वो दोनो गुंडे उसे उस शहर के बिलकुल बाहर , एक सुनसान जगह पर ले गए | वहाँ उस सुनसान जगह पर एक ही घर बना हुआ थ

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बस एक दिन और

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देविका शाम होते ही अपनी प्लानिग के अनुसार , घर के सभी मेम्बर्स को फोन करना शुरू करती है | जैसे - अरनव के सबसे बडे भाई बलराज को , सारिका दीदी को , और अरनव के पिता से पूछना | और सभी को इस तरह दिखा

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प्लीज मुझे जाने दो

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विकास , चेयर से उठकर जाने के लिए खड़ा हो जाता है | और अपने अंदर अरनव की थोडी देर पहले , उसके लिए कहीं गयी बात के लिए , उससे गुस्सा होकर बदला लेने के नजरिये से देखता है | लेकिन फिर भी विकास ऊपर से झूठी

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End of Torture

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विकास , चेयर से उठकर जाने के लिए खड़ा हो जाता है | और अपने अंदर अरनव की थोडी देर पहले , उसके लिए कहीं गयी बात के लिए , उससे गुस्सा होकर बदला लेने के नजरिये से देखता है | लेकिन फिर भी विकास ऊपर से झूठी

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