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मेरी बात याद रखना अरनव

12 सितम्बर 2022

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10 मिनिट बाद अरनव , रूम में अंदर जाता है | अरनव को देखते ही देविका तुरंत फोन रख देती है और बुरी तरह घबरा जाती है |

अरनव : - " अरे ! क्या हुआ तुम्हे ? तुम इतना डर क्यूं गयी ? वो भी मुझे देख कर I "

देविका : - " अरे नहीं ! नही ! में कहां डर रही हूँ | मे तो थोड़ी देर के लिए लेट गयी थी | तो मेरी कब नींद लग गयी पता ही नही चला | इतनी देर में ही , मैंने एक बुरा सपना देखा लिया था | बसस . . . . "

[ देविका , हडबडा कर अरनव से कहती है और उठकर रूम से बाहर चली जाती है | ]

देविका रूम से बाहर निकलते ही एक गहरी सांस लेती है | जैसे आज उसकी चोरी पकड़ी ही जाने वाली थी | और गहरी सांस लेते हुए देविका , खुद से ही बाते करने लगती है l

 " थैंक गॉड यार ! मैं तो डर ही गयी थी | अगर गलती से भी इन्हें पता चल जाता | तो मैं तो आज गई थी समझो | अगर ये सुन लेते तो पता नही आज क्या होता |

वैसे - कहीं इन्होंने सुन तो नहीं ली हमारी बाते ? नहीं - नहीं देविका , इन्होंनें कुछ नही सुना होगा | मैं भी ना कुछ भी सोच रही हूँ |

लेकिन . . राहुल की शादी में इन्होंने सब सुन लिया था | क्या यार देविका तू भी ना कुछ भी सोच लेती है | पागल है पूरी की पूरी . . . इस बार में अपने रूम मै थी । किसी गार्डन मै नहीं | चल छोड़ , वैसे ही डर रही है | "

अरनव : - " देविका को शायद में , अभी भी समझ नहीं पाया | उससे शादी करना ही मेरी जिंदगी की बहुत बड़ी भूल थी । "

[ देविका के रूम से बाहर जाने के बाद अरनव अपने मन में देविका के बारे मै सोचता है I ]

उसी दिन रात को अरनव और देविका जब वो दोनो अपने रूम मै थे |

अरनव : - " तुम इतना झूठ क्यूं बोलती हो ? तुम्हें झूठ बोलकर क्या मिलता है ? क्या तुमने कभी भी सोचा है एक बार भी | कि ऐसा करने से , किसी का तुम पर जो विश्वास है वो टूट रहा है देविका ।

क्या मिल रहा है आखिर तुम्हे ऐसा करने से ? "

रूम में अरनव , देविका से दोपहर को झूठ बोलने का कारण पूछता है | लेकिन अरनव के इतना कहते ही देविका गुस्से में अरनव से कहती है |

" आखिर मैंने किया क्या है ऐसा ? जो आप मुझे ये सब बोल रहे हो ? "

अरनव : - " तुम्हें ! अभी भी इस बात का एहसास नहीं है जरा भी | देविका मत भूलो कि ईश्वर यही हैं | कभी न कभी ! इसी जीवन में तुम्हें , इस बात का एहसास देखना जरूर होगा और तब तुम पछताओगी | "

देविका से इतना कहकर अरनव करवट लेकर सोने लगता हैं |

देविका : - " देख लूंगी और एहसास किसे होगा ? ये भी पता चल जाएगा , वो भी यहीं | "

अरनव , अब बस यही जानना चाहता था l कि देविका आखिर फोन पर किससे बात कर रही थी ? जिसकी बजह से उसने , इतना बडा झूठ बोला |

4 दिन बाद - - - - - - - -

हर रोज सुबह अरनव , जल्दी उठ जाता था | लेकिन . . . उस दिन सुबह के लगभग 7 बजे तक अरनव सो ही रहा था |

तभी देविका रूम मे अंदर आती है |

देविका : - " अरनव उठिये 7 बज गए ! आज आपको स्कूल नही जाना क्या ? "

देविका , अरनव को सोता हुआ देखकर नींद से जगाने के लिए आवाज लगाती हैं |

अरनव : - " नहीं देविका , में आज स्कूल नहीं जा रहा हूँ | मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं हैं आज | ठीक सा नहीं लग रहा है | इसलिए आज में घर पर ही आराम करना चाहता हूं | आज की लीव ले ली हैं मैंने |

देविका : - " क्या हुआ ? दिखाओ मुझे |

अरे ! आपका सिर तो बहुत गर्म हैं | आपको तो बहुत तेज बुखार आ रहा है | मैं आपके लिए दवाई लाती हूँ | "

अरनव : - " तुम रहने दो देविका , मे खुद ले लूंगा | तुम स्कूल के लिए लेट हो जाओगी | "

देविका : - " नही मैं ला रही हूँ ना आपके लिए दवाई । "

देविका , अरनव के लिए फीवर की दवा लेकर आती है | और अरनव को देती है |

" ये लो आप दवाई खाकर सो जाओ | "

अरनव : - " हममम . . . .  दवा लेकर सो जाता हैं | "

दोपहर को अरनव अपने रूम में ही बैठकर ! लैपटॉप पर स्कूल का कुछ वर्क कर रहा था | तभी देविका और खुशी स्कूल से वापस आती है l और अरनव को काम करता हुआ देखकर ; देविका अरनव से पूछती है |

" कैसी तबीयत है अब आपकी ? फीवर वापस कितने घंटे मै आया ? "

अरनव : - " हाँ ! अब पहले से ठीक हूँ में | फीवर आया था 3 - 4 घंटे बाद , फिर दवा ले ली थी मैंने I "

देविका स्कूल से आकर अपने और खुशी के हाथ मुंह धुला कर लाती हैं |

खुशी : - " मुझे नींद आ रही हैं . . . मम्मा ! मुझे सोना हैं | "

देविका , खुशी को सुलाकर बाहर चली जाती हैं | थोड़ी देर बाद देविका के मोबाइल पर फोन आता हैं | देविका का मोबाइल रूम में ही रखा हुआ था |

मोबाइल पर रिंग बजती हुई देखकर

अरनव : - " अरे ! देविका अपना मोबाइल यहीं भूल गई | "

अरनव , रूम में से ही देविका को आवाज लगाता है |

" देविका . . . . तुम्हारा फोन आ रहा है | देविका तुम्हारा फोन बार - बार आ रहा है । देखो कौन है | "

अरनव के आवाज लगाने पर भी देविका नही सुनती है | और देविका के मोबाइल पर किसी का बार - बार फोन आ रहा था | इसलिए अरनव को ही उठकर देखना पड़ा I

अरनव : - " मे ही उठकर देखता हूं कौन है ? "

देविका के मोबाइल पर , जो नाम आ रहा था | उसे देखकर अरनव चौंक जाता हैं | और मन ही सोचता है | कि ये नाम , ये कहीं वहीं तो नहीं है | अरनव जैसे - ही फोन रिसीव करता है | दूसरी साइड से आवाज आती हैं |

" सॉरी देविका ! आज में फोन करने में लेट हो गया | आज कुछ जरूरी काम आ गया था | तुम घर तो नहीं पहुंची अभी | हलो देविका . . . . . . हलो . . . . "

तभी अरनव फोन काट देता है | फोन पर इतना सुनकर जैसे अरनव का सिर ही घूम जाता है |

फिर अरनव को उस कॉल की याद आती है | जिसके बारे में अरनव को पता करना था |

अरनव तुरंत फोन की , कॉल लिस्ट को चैक करता है | 4 दिन पहले ! दिन के करीब 12 बजे की बात है | जब में बाजार से घर आया था |

अरनव देखता है कि उस दिन की कॉल में 11 बजकर 50 मिनिट पर इसी नंबर पर 30 - 35 मिनिट बात हुई थी | अरनव उस नाम को देविका की पूरी कॉल लिस्ट मे देखता है | देविका की इस नंबर पर डेली बात हो रही थी |

अरनव : - " इसका मतलब उस दिन देविका इसी से बात कर रही थी l और इसीलिए उसने मुझसे झूठ बोला | देविका इससे अभी भी हर रोज बात करती हैं | "

अरनव को , देविका के मोबाइल की कॉल लिस्ट में ये नंबर देखकर देविका पर बहुत तेज गुस्सा आ रहा था |

" क्यूं देविका क्यूं ? आखिर तुम दोनों मुझसे क्या चाहते हो ? "

तभी रूम मै देविका आ जाती है | और अरनव देविका से कहता हैं |

" तुम्हारे मोबाइल पर किसी का बार - बार फोन आ रहा था देविका | "

अरनव के ये कहते ही देविका समझ तो जाती है | कि कही विकास का ही फोन तो नहीं था | और धीमी आवाज में अरनव से पूछती है |

देविका : - " किसका फोन था अरनव ? "

लेकिन अरनव बहुत गुस्से में देविका से कहता है |

" तुम्हे शर्म नही आती क्या थोडी भी ? तुम अभी भी उससे बात करती हो | इतना कुछ होने के बाद भी ; तुम्हे जरा भी अपनी बेटी की फिक्र नही है | "

अरनव को इस तरह गुस्से में बोलता हुआ देखकर , देविका को confirm हो जाता है कि विकास का ही फोन था | और मन ही मन सोचने लगती है | कि अब जब अरनव को सच पता ही चल गया है । तो अब क्या छुपाना उससे |

इसलिए देविका भी अरनव को बिना किसी झिझक के खुलकर साफ - साफ कह देती है |

" हाँ ! में करती हूं अभी भी विकास से बात और उससे प्यार भी करती हूँ और वो भी मुझसे प्यार करता हैं | "

अरनव : - " तो फिर यहां क्यूं रह रही हो तुम ? चली जाओ उसी के पास | मैने तो नहीं रोका तुम्हें I लेकिन . . . यहाँ रहकर तुम ये सब क्यूं कर रही हो मेरे साथ | "

देविका : - " चिंता मत कीजिए चली जाऊंगी . . . वैसे भी ! आप क्या रोकेंगे मुझे | लेकिन जब भी जाऊंगी अरनव अपनी मर्जी से जाऊंगी | आपके कहने से नहीं |

आगे से मेरे फोन को उठाने की जरूरत नहीं हैं आपको | और हाँ ! अगर गलती से भी आपने किसी को भी घर में इस बारे में बताने की कोशिश की या शारदा दीदी और सरला दीदी को , इस बारे में बताया | तो आप अपनी खुशी से हाथ धो बैठेंगे | इसलिए अपना मुंह खोलने से पहले ! इस बात को याद रखना | "

अब पानी सिर से ऊपर निकल चुका था | लेकिन अरनव किसी भी कीमत पर खुशी को खोना नही चाहता था | क्यूंकि खुशी ही उसके लिए सब कुछ थी |

उधर वरनाली भी देविका के इस राज को जान चुकी थी | लेकिन . . . वह अब घर में हो रहे तमाशे को देख रही थी और बहती गंगा मे जैसे - अपने हाथ धो रही थी | क्यूंकि कही न कहीं वो भी तो यही चाहती थी | और अब उसके मन का काम खुद देविका ही कर रही थी |

देविका और वरनाली ! दोनों ही खुशी के होने के बाद से उसी घर में अलग - अलग रहते है | दोनो की आपस में नही बनती थी | लेकिन . . . त्यौहारो पर पूजा और सभी का खाना अभी तक , एक ही जगह बनता आ रहा था और दोनो के बच्चे भी आपस में खेलते हैं |

अरनव , देविका की बात से बहुत सोच मै पड़ जाता है | क्यूंकि उसने खुशी को अरनव से छीनने की बात कही | और देविका अच्छे से जानती थी कि अरनव खुशी के बिना नही रह सकता |

अरनव : - " देविका के कहने से क्या होता है ? वो मुझसे इस तरह खुशी को नहीं छीन सकती | लेकिन . . . कहीं विकास के साथ मिलकर ! खुशी को उसने मुझसे सच में दूर कर दिया तो |

देविका बहुत चालाक है | अपना उल्लू सीधा करने के लिए वह कुछ भी कर सकती हैं | मुझे सारिका दीदी को बताना ही होगा |

लेकिन अभी नही | कुछ दिन बाद जब इस बात को कुछ दिन हो जाएंगे तब | वरना घर पर देविका से इस बारे में , किसी ने बात कर ली तो | मुझे तो वो विकास भी ठीक नहीं लगता है ! मुझे कुछ दिन रुकना ही होगा | "

अब आगे क्या होगा अरनव की जिंदगी में ? क्या वह ला पाएगा देविका का ये सच सबके सामने ? क्या देविका सच में खुशी को , अरनव से दूर कर देगी ? या फिर होगा कुछ और ही |

जानने के लिए आगे पढ़ते रहे _ _ _ _ _

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रचनाएँ
Kya Galti Thi Meri?
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ये कहानी है एक ऐसे लड़के " अरनव वेदी " की । जो बचपन से ही बहुत सीधा सा लड़का था । अरनव पढ़ाई में बहुत होशियार और हेंडसम भी बहुत था। उसके भाई - बहन उसे बहुत प्यार करते थे । लेकिन उसकी भाभी वरनाली ; अरनव का अपने घर में रहना , बिलकुल पसंद नही करती थी । बचपन से ही अरनव संघर्षों से झूझ रहा था । फिर एक दिन उसकी जिंदगी में " देविका " आती है | " देविका कपूर " एक घमंडी और बिगड़ी हुई लड़की थी | और देविका का अरनव से शादी करना किसी इत्तेफाक के जैसा ही था | फिर एक दिन अरनव के साथ जो हुआ ! वो एक दर्दनाक घटना से कम नही था । लेकिन उसके साथ ऐसा क्यूँ हुआ ? आखिर क्या गलती थी उसकी ? और कौन था वो शक्स जिसने उसके साथ ऐसा किया ? अरनव के साथ आखिर क्या हुआ होगा? पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें "Kya Galati Thi Meri "
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अरनव की विदाई

5 सितम्बर 2022
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( ये कहानी एक ऐसे आम इंसान की है | जो किसी भी ! नॉर्मल इंसान की तरह ही , सपने देखता हैं | बचपन से लेकर आखिरी तक , वह अपनी जिंदगी एक आम आदमी की तरह ही , जीना चाहता है । और एक अच्छी जिंदगी के लिए

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देविका का बयान

6 सितम्बर 2022
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देविका ! अब होश में आ गयी थी औेर अब उसकी हालत भी पहले से काफी ठीक थी । ' अरनव ' को गए हुए ! पूरा एक दिन हो गया था | अगला दिन . . . . सुबह के करीब 9 बज रहे थे | चारों ओर सन्नाटा सा फैला हुआ था ।

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छानबीन

6 सितम्बर 2022
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देविका के statement के बाद ! पुलिस ने अरनव की बीती हुई जिंदगी के बारे में जानना शुरू किया | आखिर अरनव कैसा इंसान था ? और क्या सच में वह ऐसा कर सकता था ? क्योंकि देविका का अचानक ये कहना ; क

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट

6 सितम्बर 2022
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सभी पुलिस वाले , आपस मै बात करते है l और उनके मन मे यही सवाल चल रहा था । कि कहीं हम बेवजह ही ! अपना समय बर्बाद तो नहीं कर रहे हैं | क्यूंकि पुलिस को अभी तक अरनव और उसके परिवार के बारे में इतना कुछ जान

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वरनाली की ईष्या

6 सितम्बर 2022
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वरनाली ने भले ही सारिका दीदी और निशांत के सामने ये बात मान ली थी | कि अब वह इलेक्शन नहीं लड़ेगी और वरनाली ने अपनी गलती भी स्वीकार कर ली थी । ( निशांत को बिना बताये , व

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Arnav's headache

8 सितम्बर 2022
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वरनाली , अब हर पल बस इसी मौके के इंतजार मैं ही रहती थी | कि अरनव उसे कब अकेला मिले | अरनव की माँ के जाने के बाद , जब भी अरनव शांत और अकेला बैठा होता था । वरनाली , तुरंत ही अरनव के पास पहुंच जाया

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अरनव का देविका से मिलना

8 सितम्बर 2022
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अरनव के साथ पिछले कुछ महीनो से बहुत कुछ हो गया था | और उसे वरनाली की वेवकूफी की वजह से बहुत कुछ झेलना पड़ा था | अरनव वैसे तो अब पूरी तरह ठीक था । और वह अपनी बहनो और परिवार के साथ पहले की तरह ही बहुत ख

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देविका और अरनव की शादी

8 सितम्बर 2022
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शादी की डेट फाइनल होने वाली थी । और वहां देविका तो मुंह लटकाये हुए बैठी है । जैसे - उसे अंदर से कुछ भी पसंद नहीं हो | दिखने में ' अरनव ' बहुत ही ज्यादा हैंडसम था | एक - दम गौरा चिट्टा रंग , करीब 6 फीट

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प्यार की शुरुआत

8 सितम्बर 2022
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देविका : - " हॉ अरनव ! हाँ . . . . मैं किसी और से . . . . हो गई तुम्हें अब तसल्ली ये जानकर | " ( बहुत तेज गुस्से मे , इतना कहकर ! देविका चुप हो जाती है l ) देविका जो सबके सामने , अभी तक अच्छे से

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unknown number

8 सितम्बर 2022
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अरनव और देविका के बीच ! अगले कुछ महीनो तक सब ठीक चल रहा था I फिर एक दिन श्याम में . . . देविका के मोबाइल फोन की रिंग बजती है l देविका के मोबाइल पर , एक अननोन नंबर शो हो रहा था | देवि

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देविका का अरनव के गले लगना

12 सितम्बर 2022
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देविका , अरनव को कॉल करती है | " भईया आ गये है लेने , आप आ जाओं | हम थोड़ी देर में निकलने वाले है | " अरनव : - " हो सकता है देविका | कि मैं लेट हो जाऊं थोड़ा , तुम चाहो तो निकल जाना | लेकिन जल्दी आ जा

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में तुम्हे किसी अन्जान के साथ नही देख सकता

12 सितम्बर 2022
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देविका . . . . देविका उठो ! सुबह हो गई . . . . ( देविका के बड़े भाई अमित , देविका को अगले दिन सुबह , नींद से उठाते हुए आवाज लगाते है | ) देविका भईया की आवाज सुनकर अपनी ऑखे खोलती है | और वो अपने

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मेरा प्यार सच्चा है देविका

12 सितम्बर 2022
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विकास : - " देविका सुनो ! देविका प्लीज , बस एक बार मुझसे मिल लो | क्या तुम मेरे लिए अब इतना भी नही कर सकती ? " देविका मैसेज देखकर कोई रिप्लाय नही करती हैं l और मन ही मन गुस्से में खुद से कहने लगती है

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वो मेरी सबसे बडी भूल थी

12 सितम्बर 2022
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विकास : - " सॉरी देविका ! तुम्हे मेरी बात का बुरा लगा ना ; में बच्चे की बात नहीं करना चाहता था l पर तुम हो कि मुझसे , मिलना ही नहीं चाहती थी | " देविका : - " अब तो कह दिया पर आगे से उस बात को हमेशा के

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क्या में तुमसे मजाक भी नही कर सकता

12 सितम्बर 2022
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अबॉर्शन के बाद देविका नॉर्मल हो जाती हैं | लेकिन . . . . उस दिन की भूल को सोचकर , आज भी देविका के रोंगटे खड़े हो जाते हैं | और अगर गलती से भी , किसी को भी इस बारे में पता चल जाता | तो वह क्या करती | "

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आखिर सच क्या है देविका

12 सितम्बर 2022
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सिर्फ . . . देविका के बडे भईया को छोड़कर । अरनव को भी बाकी सभी की तरह यही लग रहा था | कि देविका उस एक्सीडेंट को देखकर घबरा गई है | इसलिए उसका प्रेग्नेंसी में ब्लड प्रेशर एक दम से हाई हो गया l देविका क

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अपने पापा की खुशी

12 सितम्बर 2022
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अगले 2 महीने तक ऐसे ही चलता रहा | देविका भी अच्छे से जानती थी | कि अरनव का व्यवहार , उसके लिए क्यूं बदल गया है | लेकिन वह कभी भी देविका से कुछ नही कहता था | और न ही उसने फिर कभी देविका से विकास के बार

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मेरी बात याद रखना अरनव

12 सितम्बर 2022
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10 मिनिट बाद अरनव , रूम में अंदर जाता है | अरनव को देखते ही देविका तुरंत फोन रख देती है और बुरी तरह घबरा जाती है | अरनव : - " अरे ! क्या हुआ तुम्हे ? तुम इतना डर क्यूं गयी ? वो भी मुझे देख कर I " देवि

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ये देविका कौन है विकास

12 सितम्बर 2022
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अरनव : - " देविका के कहने से क्या होता है ? वो मुझसे इस तरह खुशी को नहीं छीन सकती | लेकिन . . . कहीं विकास के साथ मिलकर ! खुशी को उसने मुझसे सच में दूर कर दिया तो | देविका बहुत चालाक है | अपना उल्लू स

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Fake treatment

12 सितम्बर 2022
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अरनव , अपने जीजा जी के साथ ! वहाँ के एक अच्छे डॉक्टर को दिखाने जाता हैं | अरनव ! उस डॉक्टर को अपनी सारी प्रॉब्लम बताता हैं | डॉक्टर : - " ऐसा कितने दिनो से महसूस हो रहा हैं आपको ? " अरनव : - " यही , अ

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झूठ प झूठ

12 सितम्बर 2022
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देविका ; अपने भईया को डॉक्टर को बिना दिखाए ! बापस घर लौटने के लिए तो मना लेती हैं । लेकिन देविका को ये नहीं समझ आ रहा था | कि वह भईया को सारिका दीदी और जीजा जी से झूठ बोलने के लिए कैसे मनाएं ? देविका

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देविका की चाल

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पिछले कुछ महीनों से अरनव अपनी खराब तबीयत की वजह से ; स्कूल भी नही जा रहा था | देविका ने ही अरनव को उसकी जॉब से ; रिजाइन दिलवा दिया था | क्यूंकि . . . . देविका ने , अरनव के स्कूल में उसका पिछले कुछ मही

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सारिका का शक

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दोपहर के 2 बजे ; डोरवेल बजती हैं | सारिका दीदी का घर . . . . और उनकी सबसे छोटी बेटी चारू ; दरवाजा खोलती है | " अरे मामी आप ! आओ , अंदर आ जाओ मामी . . . . खुशी नहीं आयी क्या आपके साथ ? " सा

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श्वेता की मौत

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पुलिस द्वारा ; अभी तक अरनव के साथ रहने वाले , घर के सभी लोगों के बारे में ; अच्छे से छानबीन कर ली गई थी । इससे पुलिस को , ये तो साफ हो गया था । कि अरनव की हत्या या उसकी साजिश के पीछे , कोई

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Negative mind

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संडे का दिन , सुबह के 11 बज रहे थे | अरनव रूम में लेटा हुआ था | अपने अंदर वह पहले से बहुत बीकनेस फील कर रहा था | वह अब ठीक से खड़ा भी नही हो पा रहा था | तभी देविका रूम मे अरनव के पास आती है | देविका :

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Next step

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देविका बहुत confidence के साथ , अब अपने अगले कदम की ओर आगे बढ़ रही थी | और उसे अंजाम देने के लिए वो मेंटली ओर फिजिकली पूरी तरह तैयार थी | देविका का अगला कदम , उसे उसकी सपनों की दुनिया में ले जाने वाला

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kidnaping

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देविका के अरनव को मोबाइल देने के बाद ; उस रात अरनव पूरी रात भर यही सोचता रहा | कि कल देविका के इस खेल के बारे में सबको पता चल जाएगा | और उसे उसके अभी तक किए गए ! सारे गलत कामों की सजा भी मिल जाएगी | त

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तुम ही विकास हो

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गुंडो ने गाडी में अरनव का चेहरा , ऊपर से गर्दन तक पूरी तरह एक काले कपड़े से ढंक दिया था | और वो दोनो गुंडे उसे उस शहर के बिलकुल बाहर , एक सुनसान जगह पर ले गए | वहाँ उस सुनसान जगह पर एक ही घर बना हुआ थ

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बस एक दिन और

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देविका शाम होते ही अपनी प्लानिग के अनुसार , घर के सभी मेम्बर्स को फोन करना शुरू करती है | जैसे - अरनव के सबसे बडे भाई बलराज को , सारिका दीदी को , और अरनव के पिता से पूछना | और सभी को इस तरह दिखा

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प्लीज मुझे जाने दो

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विकास , चेयर से उठकर जाने के लिए खड़ा हो जाता है | और अपने अंदर अरनव की थोडी देर पहले , उसके लिए कहीं गयी बात के लिए , उससे गुस्सा होकर बदला लेने के नजरिये से देखता है | लेकिन फिर भी विकास ऊपर से झूठी

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End of Torture

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विकास , चेयर से उठकर जाने के लिए खड़ा हो जाता है | और अपने अंदर अरनव की थोडी देर पहले , उसके लिए कहीं गयी बात के लिए , उससे गुस्सा होकर बदला लेने के नजरिये से देखता है | लेकिन फिर भी विकास ऊपर से झूठी

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