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12 सितम्बर 2022

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देविका के अरनव को मोबाइल देने के बाद ; उस रात अरनव पूरी रात भर यही सोचता रहा | कि कल देविका के इस खेल के बारे में सबको पता चल जाएगा | और उसे उसके अभी तक किए गए ! सारे गलत कामों की सजा भी मिल जाएगी |

तब वह देेविका को हमेशा के लिए , अपनी जिंदगी से दूर कर देगा | 

अगले दिन सुबह . . . .

देविका सुबह जल्दी उठकर स्कूल जाने के लिए नाश्ता बनाकर तैयार हो रही थी | फिर रूम में अरनव के लिए चाय लेकर जाती है |

देविका : - " अरे ये कहाँ गए | " 

देविका जब रूम मैं चाय लेकर आयी थी । अरनव अपने रूम में नहीं था | देविका ये देखकर डर जाती है | और अरनव को वॉशरूम में देखती है | लेकिन अरनब वहाँ नहीं था | 

देविका मन ही मन सोचने लगती है |

" अगर ये कही चले गए तो विकास तो मुझे जिंदा नहीं छोड़ेगा | और हमारा आज का पूरा प्लान उसका क्या होगा ? "

ये सोचते हुए देविका , अरनव को घर में और जगह दूंढने लगती है | देविका ; विकास के डर की वजह से बहुत घबरा गई थी | और उसके मन में उल्टे - सीधे बहुत विचार आए जा रहे थे | कि तभी पीछे से आवाज आती है |

अरनव : - " क्या हुआ देविका ? ऐसे बाहर यहाँ खड़े होकर क्या सोच रही हो ? तुम्हें आज स्कूल नहीं जाना क्या ? "

देविका ; अरनव की आवाज सुनकर पीछे पलटकर देखती है | और अपने पीछे अरनव को खडा देख कर उसकी जान में जान आ जाती है |

देविका : - " कहाँ चले गए थे आप ? में आपके लिए चाय लेकर आई थी | आप नहीं दिखे इसलिए आपको ही ठूंठ रही थी । "

अरनव : - " तुम तो ऐसे कह रही हो | जैसे तुम्हें मेरी बहुत फिक्र हो रही थी | "

देविका : - " हां ! तभी तो आपको ठूंठ रही थी | आज इतनी सुबह ऐसे तैयार होकर कहाँ गए थे आप ? "

अरनव : - " खुली हवा में सांस लेने | "

देविका : - " क्या ? तो आप कहाँ थे ? "

अरनव : - " में छत पर गया था | आज न जाने कितने दिनों बाद मुझे थोड़ा सुकून मिला है | इसलिए आज कितने दिनों बाद मैंने खुली हवा मे सांस ली है । "

देविका को अरनव की ये बाते सुनकर ऐसा लगा | कि अभी थोडी देर पहले जब मुझे अरनव नहीं मिल रहे थे | तब विकास के डर की वजह से मे कांप गई थी | कि वो मुसे छोड़ेगा नही |

में खुद मरने से डर रही थी | और आज में खुद अरनव को आखिरी बार देख रही हूँ | और उसके साथ क्या होने वाला है । ये जानते हुए भी में चुप हूँ |

अरनव : - " क्या हुआ ? फिर कहीं खो गई तुम ? चलो स्कूल के लिए लेट हो रही हो | अब जाओ जल्दी | "

देविका : - " हाँ ! मे बस जा रही हूं । "

इतना कहकर देविका वहां से चली जाती है I और खुशी को स्कूल के लिए तैयार करने लगती है |

देविका के जाते ही अरनव मन में सोचने लगता है | बस आज की बात और है देविका | फिर तो सब तुम्हारा ये राज जान ही जाएंगे | फिर तुम अपने रास्ते और में अपने l

देविका खुशी को स्कूल के लिए तैयार तो कर रही थी | लेकिन थोड़ी देर बाद होने वाली , अनहोनी को सोचकर आज पहली बार उसके मन में एक बैचेनी सी थी | जो आज से पहले अरनव को लेकर उसे कभी नही हुई ।

क्यूंकि देविका अच्छे से जानती थी । कि अरनव एक अच्छा इंसान है | और आज उसके और विकास के स्वार्थ की वजह से उसके साथ बहुत कुछ होने वाला था |

लेकिन फिर भी देविका चुप थी ।

देविका : - " अरनव अपना ध्यान रखना । में स्कूल जा रही हूँ | "

अरनव बाहर बालकनी में चेयर पर बैठकर आराम से चाय पी रहा था | तब देविका स्कूल जाते हुए अरनव को अपना ध्यान रखने के लिए कहती है |

अरनव : - " एक मिनिट देविका । "

देविका जाने लगती है । तब अरनव उसे एक मिनिट रुकने के लिए पीछे से आवाज लगाता है | और चेयर से उठकर खुशी के पास आता है |

अरनव : - " खुशी ! बेटा बड़ी होकर तुम एक बहुत अच्छा इंसान बनना | लेकिन अपने पापा की तरह कभी मत बनना | "

अरनव खुशी के गले लगकर उसे प्यार से माथे पर चूमते हुए कहता है | क्यूंकि वो सोच रहा था । कि आज जब सब देविका का सच जाएंगे ।

तब ये जानकर देविका , खुशी को लेकर अरनव से दूर चली जाएगी l और फिर शायद अरनव खुशी से कभी मिल नही पाएगा | इसलिए आज वो स्कूल जाते समय खुशी को इस तरह प्यार कर रहा था |

अरनव जानता था । कि खुशी उसकी बच्ची नही है | विकास की है । फिर भी वो खुशी से उतना ही प्यार करता था | जितना कि उसके जन्म से करता आया था |

खुशी : - " ok Papa ! I Love you papa " 

अरनव से I Love you कहते हुए खुशी ! अपने पापा के गले लगकर , अपने हमेशा प्यार करने वाले और कभी न डांटने वाले पापा को प्यार से किस करती है | और Bye करते हुए स्कूल के लिए निकल जाती है |

अरनव : - " I Love you so much beta " 

अरनव Bye करते हुए खुशी से I Love you so much कहता है | और उस समय अरनव की आँखो में आंसु आ जाते है | 

अरनव खुशी को बाहर स्कूल बस तक छोड़ने आता है l

देविका के जाते ही अरनव अपनी दीदी सारिका का नंबर एक डायरी में ढूंढने लगता है | लेकिन उसे दीदी का नंबर कही भी नही मिलता है |

उस समय सुबह के 8 बज चुके थे |

अरनव : - " एक काम करता हूँ | निशांत भैया के पास होगा सारिका दीदी का नंबर | उनसे लेकर आता हूं । "

अरनव निशांत के यहाँ जाता है | लेकिन निशांत उस वक्त घर पर नहीं था |

वरनाली : - " क्या हुआ अरनव भैया ? आज सुबह - सुबह कुछ काम था क्या आपको इनसे ? "

अरनव खडे - खडे मन मै सोचता है | कि वरनाली भाभी से मांग लूं क्या सारिका दीदी का नंबर ? नहीं - नहीं इनका कुछ भरोसा नहीं है |

अरनव : - " नहीं भाभी कोई काम नहीं था | में तो बस ऐसे ही आया था | निशांत भैया से मिलने | "

वरनाली : - " अब तो आपकी पूरी तरह ठीक लग रही है भैया । "

अरनव : - " हाँ ! अब पहले से ठीक हूँ भाभी । अच्छा में चलता हूँ । "

इतना कहकर अरनव वापस आ जाता है | और सोचता है कि अब क्या करूं ? नंबर तो नहीं मिला मुझे | फिर अरनव घडी की ओर देखता है | 

उस समय 9 बज रहे थे |

अरनव : - " एक काम करता हूं । दीदी के घर ही चला जाता हूं | वो मुझे देखकर खुश भी हो जाएंगी l 

लेकिन जाऊंगा कैसे ? मेरे पास तो बिल्कुल पैसे भी नही है ऑटो के I देविका ने मेरे सारे पैसे ले लिए | और दीदी के घर तक इतनी दूर पैदल कैसे जाऊंगा | अभी इतना भी ठीक नही हूं | 

अरनव कुछ सोच जल्दी | "

अरनव ये सोच ही रहा था । कि तभी एक उनके लड़का घर पर आता है | किसी काम से अरनव के पिता से मिलने के लिए |

अरनव : - " ये ठीक रहेगा । इससे पूछ लेता हूं | कि ये मुझे वहाँ तक ड्रॉप कर देगा क्या | "

थोड़ी देर बाद जब वो लड़का जाने लगता है | तब अरनव उसके पास जाकर पूछता है |

" आप किस साइड जा रहे हो ? " 

वो लड़का सारिका दीदी के घर से दूसरी साइड जा रहा था | अरनव मन में सोचता है | जहाँ ये लड़का जा रहा है | उस साइड बलराज भैया रहते है | में उनके यहां चला जाता हूँ | वहां उनसे मिलकर ऑटो के पैसे ले लूंगा | और दीदी के यहाँ चला जाऊंगा |

अरनव : - " ठीक है तो आप मुझे उसी साडड ड्रॉप कर देना | मै बस एक मिनिट में आता हूँ | "

अरनव अपने पिता से कहकर आता है कि वो थोड़ी देर में आ जाएगा | और स्लीपर पहनकर उस लड़के के साथ बाइक पर बैठकर चला जाता है |

देविका के स्कूल के लिए निकल जाने के बाद ही , विकास के दो आदमी जो पेशे से गुंडे थे | देविका के घर के बाहर अरनव का घर से निकलने का इंतजार कर रहे थे |

क्यूंकि विकास जानता था | कि मोबाइल मिलते ही और देविका के स्कूल जाते ही अरनव सच बताने के लिए जरूर कुछ करेगा | 

विकास ने जानबूझकर देविका को अरनव का मोबाइल देने के लिए कहा था | सिम ऑन करके और सारे नंबर डिलीट करके | जिससे वह किसी को कॉल न कर सके |

कॉल न होने पर वह घर से बाहर जरूर जाएगा | अपनी सारिका दीदी के पास जाने के लिए | तब उसे किडनेप कर लेंगे | 

यही विकास का प्लान था |

लेकिन अरनव बाहर तो आया | परउस लड़के के साथ बाइक पर चला गया |

गुंडे : - " हेलो ! विकास भाई । आपने जिसे किडनेप करने के लिए कहा था । वो आदमी अभी - अभी किसी के साथ बाइक पर कहीं गया है | "

विकास : - " उसका पीछा करो तुम लोग | और कैसे भी उसे पकड़कर लाओ | इससे पहले कि वो किसी के सामने अपना मुंह खोले | "

वो दोनो आदमी अरनव का पीछा करते हुए बलराज के घर के बाहर खडे हो जाते है |

गुंडे : - " हेलो ! विकास भाई । हमने उसका पीछा किया और वो अभी - अभी एक घर के अंदर गया है | "

विकास : - " कमीनो एक काम भी ठीक से नही हुआ तुम दोनों से | मैने कहा था ना कि उसे किसी से मिलने नही देना है | किसके यहां गया है वो । "

गुंडे : - " वो घर के बाहर बलराज वेदी लिखा हुआ है | "

विकास : - " सिर्फ 15 मिनिट उसके बाहर आने का इंतजार करो और अगर थोड़ी देर न आए तो अंदर घुसकर उसे किडनैप कर लेना । "

ठीक है भाई कहकर वो लोग फोन रख देते है |

घर के अंदर जाकर अरनव अपने बडे भाई से , बहुत टाइम बाद मिलता है | 

अरनव : - " कैसे हो भईया आप ? " 

बलराज : - " तू कैसा है अरनव ? सुना था कि तेरी तबीयत बहुत खराब हो गई थी | "

अरनव : - " हाँ भैया ! पर अब ठीक हूँ | आपसे कुछ मदद चाहिए थी भैया । "

बलराज : - " हाँ बोल ना अरनव । "

अरनव : - " भैया कुछ पैसे चाहिए थे मुझे । "

बलराज ; अरनव के ये कहते ही उसके लिए 5 हजार रुपये लेकर आता है |

बलराज : - " ये ले अरनव ! ये 5 हजार है | और तो नही चाहिए । "

अरनव : - " नही भैया ! ये तो बहुत ज्यादा है | मुझे बस 100 रु चाहिए | "

अरनव बलराज के हाथ में से 100 रु उठा लेता है |

बलराज : - " अरे ! इतने से पैसे क्यूं ? और ले ले अरनव । "

अरनव : - " अभी मै किसी काम से काम से जा रहा हूँ भैया | कभी और आऊंगा । तब फुर्सत मै पूरी बात बताऊंगा आपको | "

ये कहकर अरनव उठकर चलने लगता है | तभी बलराज रुक अरनव |

बलराज : - " चले जाना अभी | चाय तो पीले । "

ये कहते हुए बलराज , अरनव की शर्ट जेब में 500 रु रख देता है |

अरनव : - " अरे इसकी जरूरत नही है भैया । "

बलराज : - " रख ले | छोटा भाई है ना मेरा l "

चाय कभी और आकर पियूँगा भैया | ये कहकर अरनव बाहर आ जाता है |

बाहर दोनों गुंडे अरनव के आने का इंतजार कर रहे थे | और अरनव को अंदर गए हुए 10 मिनिट हो चुके थे | और वो लोग अंदर जाने ही वाले थे । कि अरनव को बाहर आता देख कर वो दोनो बाहर ही रुक जाते है |

गुंडे : - " विकास भाई ! हाँ वो बाहर आ गया है | और अब वो एक ऑटो के पास जा रहा है | "

विकास : - " अभी उठाओं उसे । "

दोनों गुंडे भागते हुए अरनव के पास आते है | और इससे पहले कि अरनव ऑटो में बैठ पाता । उसके पीछे पिस्टल रख कर उसे साइड में ले जाते है |

अरनव : - " कौन हो तुम लोग ? और मुझे क्यूं रोका तुमने | छोड़ो मुझे जाने दो | "

इससे पहले कि अरनव चीखता चिल्लाता | वो उसे बेहोशी की दवा सुंघा देते है | और उसे गाड़ी में रखकर ले जाते है |

गाडी में अरनव का चेहरा , ऊपर से गर्दन तक पूरी तरह एक कपड़े से ढंक देते है | और उसे उस शहर के बिलकुल बाहर एक सुनसान जगह पर किसी के घर में ले जाते है |

थोड़ी देर बाद अरनव को होश आता है | उसका चेहरा अभी भी ढंका हुआ था | उस समय अरनव अंदर से बहुत डरा हुआ था |

अरनव : - " कोई है ? मुझे इस तरह क्यूं लाया गया है ? कौन हो तुम लोग । "

तभी अरनव को किसी के कदमों की आहट सुनाई देती है | और उसे किसी एक आदमी के हंसने की आवाज आ रही थी |

आखिर कौन था वो इंसान ? और आगे क्या होने वाला था  बेचारे अरनव के साथ ?

जानने के लिए आगे पढ़ते रहे . . . . . . . .

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रचनाएँ
Kya Galti Thi Meri?
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ये कहानी है एक ऐसे लड़के " अरनव वेदी " की । जो बचपन से ही बहुत सीधा सा लड़का था । अरनव पढ़ाई में बहुत होशियार और हेंडसम भी बहुत था। उसके भाई - बहन उसे बहुत प्यार करते थे । लेकिन उसकी भाभी वरनाली ; अरनव का अपने घर में रहना , बिलकुल पसंद नही करती थी । बचपन से ही अरनव संघर्षों से झूझ रहा था । फिर एक दिन उसकी जिंदगी में " देविका " आती है | " देविका कपूर " एक घमंडी और बिगड़ी हुई लड़की थी | और देविका का अरनव से शादी करना किसी इत्तेफाक के जैसा ही था | फिर एक दिन अरनव के साथ जो हुआ ! वो एक दर्दनाक घटना से कम नही था । लेकिन उसके साथ ऐसा क्यूँ हुआ ? आखिर क्या गलती थी उसकी ? और कौन था वो शक्स जिसने उसके साथ ऐसा किया ? अरनव के साथ आखिर क्या हुआ होगा? पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें "Kya Galati Thi Meri "
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अरनव की विदाई

5 सितम्बर 2022
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( ये कहानी एक ऐसे आम इंसान की है | जो किसी भी ! नॉर्मल इंसान की तरह ही , सपने देखता हैं | बचपन से लेकर आखिरी तक , वह अपनी जिंदगी एक आम आदमी की तरह ही , जीना चाहता है । और एक अच्छी जिंदगी के लिए

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देविका का बयान

6 सितम्बर 2022
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देविका ! अब होश में आ गयी थी औेर अब उसकी हालत भी पहले से काफी ठीक थी । ' अरनव ' को गए हुए ! पूरा एक दिन हो गया था | अगला दिन . . . . सुबह के करीब 9 बज रहे थे | चारों ओर सन्नाटा सा फैला हुआ था ।

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छानबीन

6 सितम्बर 2022
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देविका के statement के बाद ! पुलिस ने अरनव की बीती हुई जिंदगी के बारे में जानना शुरू किया | आखिर अरनव कैसा इंसान था ? और क्या सच में वह ऐसा कर सकता था ? क्योंकि देविका का अचानक ये कहना ; क

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट

6 सितम्बर 2022
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सभी पुलिस वाले , आपस मै बात करते है l और उनके मन मे यही सवाल चल रहा था । कि कहीं हम बेवजह ही ! अपना समय बर्बाद तो नहीं कर रहे हैं | क्यूंकि पुलिस को अभी तक अरनव और उसके परिवार के बारे में इतना कुछ जान

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वरनाली की ईष्या

6 सितम्बर 2022
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वरनाली ने भले ही सारिका दीदी और निशांत के सामने ये बात मान ली थी | कि अब वह इलेक्शन नहीं लड़ेगी और वरनाली ने अपनी गलती भी स्वीकार कर ली थी । ( निशांत को बिना बताये , व

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Arnav's headache

8 सितम्बर 2022
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वरनाली , अब हर पल बस इसी मौके के इंतजार मैं ही रहती थी | कि अरनव उसे कब अकेला मिले | अरनव की माँ के जाने के बाद , जब भी अरनव शांत और अकेला बैठा होता था । वरनाली , तुरंत ही अरनव के पास पहुंच जाया

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अरनव का देविका से मिलना

8 सितम्बर 2022
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अरनव के साथ पिछले कुछ महीनो से बहुत कुछ हो गया था | और उसे वरनाली की वेवकूफी की वजह से बहुत कुछ झेलना पड़ा था | अरनव वैसे तो अब पूरी तरह ठीक था । और वह अपनी बहनो और परिवार के साथ पहले की तरह ही बहुत ख

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देविका और अरनव की शादी

8 सितम्बर 2022
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शादी की डेट फाइनल होने वाली थी । और वहां देविका तो मुंह लटकाये हुए बैठी है । जैसे - उसे अंदर से कुछ भी पसंद नहीं हो | दिखने में ' अरनव ' बहुत ही ज्यादा हैंडसम था | एक - दम गौरा चिट्टा रंग , करीब 6 फीट

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प्यार की शुरुआत

8 सितम्बर 2022
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देविका : - " हॉ अरनव ! हाँ . . . . मैं किसी और से . . . . हो गई तुम्हें अब तसल्ली ये जानकर | " ( बहुत तेज गुस्से मे , इतना कहकर ! देविका चुप हो जाती है l ) देविका जो सबके सामने , अभी तक अच्छे से

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unknown number

8 सितम्बर 2022
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अरनव और देविका के बीच ! अगले कुछ महीनो तक सब ठीक चल रहा था I फिर एक दिन श्याम में . . . देविका के मोबाइल फोन की रिंग बजती है l देविका के मोबाइल पर , एक अननोन नंबर शो हो रहा था | देवि

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देविका का अरनव के गले लगना

12 सितम्बर 2022
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देविका , अरनव को कॉल करती है | " भईया आ गये है लेने , आप आ जाओं | हम थोड़ी देर में निकलने वाले है | " अरनव : - " हो सकता है देविका | कि मैं लेट हो जाऊं थोड़ा , तुम चाहो तो निकल जाना | लेकिन जल्दी आ जा

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में तुम्हे किसी अन्जान के साथ नही देख सकता

12 सितम्बर 2022
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देविका . . . . देविका उठो ! सुबह हो गई . . . . ( देविका के बड़े भाई अमित , देविका को अगले दिन सुबह , नींद से उठाते हुए आवाज लगाते है | ) देविका भईया की आवाज सुनकर अपनी ऑखे खोलती है | और वो अपने

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मेरा प्यार सच्चा है देविका

12 सितम्बर 2022
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विकास : - " देविका सुनो ! देविका प्लीज , बस एक बार मुझसे मिल लो | क्या तुम मेरे लिए अब इतना भी नही कर सकती ? " देविका मैसेज देखकर कोई रिप्लाय नही करती हैं l और मन ही मन गुस्से में खुद से कहने लगती है

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वो मेरी सबसे बडी भूल थी

12 सितम्बर 2022
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विकास : - " सॉरी देविका ! तुम्हे मेरी बात का बुरा लगा ना ; में बच्चे की बात नहीं करना चाहता था l पर तुम हो कि मुझसे , मिलना ही नहीं चाहती थी | " देविका : - " अब तो कह दिया पर आगे से उस बात को हमेशा के

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क्या में तुमसे मजाक भी नही कर सकता

12 सितम्बर 2022
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अबॉर्शन के बाद देविका नॉर्मल हो जाती हैं | लेकिन . . . . उस दिन की भूल को सोचकर , आज भी देविका के रोंगटे खड़े हो जाते हैं | और अगर गलती से भी , किसी को भी इस बारे में पता चल जाता | तो वह क्या करती | "

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आखिर सच क्या है देविका

12 सितम्बर 2022
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सिर्फ . . . देविका के बडे भईया को छोड़कर । अरनव को भी बाकी सभी की तरह यही लग रहा था | कि देविका उस एक्सीडेंट को देखकर घबरा गई है | इसलिए उसका प्रेग्नेंसी में ब्लड प्रेशर एक दम से हाई हो गया l देविका क

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अपने पापा की खुशी

12 सितम्बर 2022
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अगले 2 महीने तक ऐसे ही चलता रहा | देविका भी अच्छे से जानती थी | कि अरनव का व्यवहार , उसके लिए क्यूं बदल गया है | लेकिन वह कभी भी देविका से कुछ नही कहता था | और न ही उसने फिर कभी देविका से विकास के बार

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मेरी बात याद रखना अरनव

12 सितम्बर 2022
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10 मिनिट बाद अरनव , रूम में अंदर जाता है | अरनव को देखते ही देविका तुरंत फोन रख देती है और बुरी तरह घबरा जाती है | अरनव : - " अरे ! क्या हुआ तुम्हे ? तुम इतना डर क्यूं गयी ? वो भी मुझे देख कर I " देवि

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ये देविका कौन है विकास

12 सितम्बर 2022
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अरनव : - " देविका के कहने से क्या होता है ? वो मुझसे इस तरह खुशी को नहीं छीन सकती | लेकिन . . . कहीं विकास के साथ मिलकर ! खुशी को उसने मुझसे सच में दूर कर दिया तो | देविका बहुत चालाक है | अपना उल्लू स

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Fake treatment

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अरनव , अपने जीजा जी के साथ ! वहाँ के एक अच्छे डॉक्टर को दिखाने जाता हैं | अरनव ! उस डॉक्टर को अपनी सारी प्रॉब्लम बताता हैं | डॉक्टर : - " ऐसा कितने दिनो से महसूस हो रहा हैं आपको ? " अरनव : - " यही , अ

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झूठ प झूठ

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देविका ; अपने भईया को डॉक्टर को बिना दिखाए ! बापस घर लौटने के लिए तो मना लेती हैं । लेकिन देविका को ये नहीं समझ आ रहा था | कि वह भईया को सारिका दीदी और जीजा जी से झूठ बोलने के लिए कैसे मनाएं ? देविका

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देविका की चाल

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पिछले कुछ महीनों से अरनव अपनी खराब तबीयत की वजह से ; स्कूल भी नही जा रहा था | देविका ने ही अरनव को उसकी जॉब से ; रिजाइन दिलवा दिया था | क्यूंकि . . . . देविका ने , अरनव के स्कूल में उसका पिछले कुछ मही

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सारिका का शक

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दोपहर के 2 बजे ; डोरवेल बजती हैं | सारिका दीदी का घर . . . . और उनकी सबसे छोटी बेटी चारू ; दरवाजा खोलती है | " अरे मामी आप ! आओ , अंदर आ जाओ मामी . . . . खुशी नहीं आयी क्या आपके साथ ? " सा

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श्वेता की मौत

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पुलिस द्वारा ; अभी तक अरनव के साथ रहने वाले , घर के सभी लोगों के बारे में ; अच्छे से छानबीन कर ली गई थी । इससे पुलिस को , ये तो साफ हो गया था । कि अरनव की हत्या या उसकी साजिश के पीछे , कोई

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Negative mind

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संडे का दिन , सुबह के 11 बज रहे थे | अरनव रूम में लेटा हुआ था | अपने अंदर वह पहले से बहुत बीकनेस फील कर रहा था | वह अब ठीक से खड़ा भी नही हो पा रहा था | तभी देविका रूम मे अरनव के पास आती है | देविका :

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Next step

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देविका बहुत confidence के साथ , अब अपने अगले कदम की ओर आगे बढ़ रही थी | और उसे अंजाम देने के लिए वो मेंटली ओर फिजिकली पूरी तरह तैयार थी | देविका का अगला कदम , उसे उसकी सपनों की दुनिया में ले जाने वाला

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kidnaping

12 सितम्बर 2022
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देविका के अरनव को मोबाइल देने के बाद ; उस रात अरनव पूरी रात भर यही सोचता रहा | कि कल देविका के इस खेल के बारे में सबको पता चल जाएगा | और उसे उसके अभी तक किए गए ! सारे गलत कामों की सजा भी मिल जाएगी | त

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तुम ही विकास हो

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गुंडो ने गाडी में अरनव का चेहरा , ऊपर से गर्दन तक पूरी तरह एक काले कपड़े से ढंक दिया था | और वो दोनो गुंडे उसे उस शहर के बिलकुल बाहर , एक सुनसान जगह पर ले गए | वहाँ उस सुनसान जगह पर एक ही घर बना हुआ थ

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बस एक दिन और

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देविका शाम होते ही अपनी प्लानिग के अनुसार , घर के सभी मेम्बर्स को फोन करना शुरू करती है | जैसे - अरनव के सबसे बडे भाई बलराज को , सारिका दीदी को , और अरनव के पिता से पूछना | और सभी को इस तरह दिखा

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प्लीज मुझे जाने दो

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विकास , चेयर से उठकर जाने के लिए खड़ा हो जाता है | और अपने अंदर अरनव की थोडी देर पहले , उसके लिए कहीं गयी बात के लिए , उससे गुस्सा होकर बदला लेने के नजरिये से देखता है | लेकिन फिर भी विकास ऊपर से झूठी

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End of Torture

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विकास , चेयर से उठकर जाने के लिए खड़ा हो जाता है | और अपने अंदर अरनव की थोडी देर पहले , उसके लिए कहीं गयी बात के लिए , उससे गुस्सा होकर बदला लेने के नजरिये से देखता है | लेकिन फिर भी विकास ऊपर से झूठी

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