विकास : - " सॉरी देविका ! तुम्हे मेरी बात का बुरा लगा ना ; में बच्चे की बात नहीं करना चाहता था l पर तुम हो कि मुझसे , मिलना ही नहीं चाहती थी | "
देविका : - " अब तो कह दिया पर आगे से उस बात को हमेशा के लिए भूल जाना | और अगर इस बारे में गलती से भी किसी को भी पता चला तो देख लेना विकास , में तुम्हे नही छोडूंगी |
क्यूंकि . . . . जितनी गलती मेरी थी उतनी तुम्हारी भी थी | और अब तुम भी किसी के पति हो | में जा रही हूं ; इसलिए प्लीज आगे से मुझे परेशान मत करना | "
विकास से इतना कहकर देविका वहाँ से चली जाती हे |
देविका घर आकर , गहरी सांस लेकर शांति से अपने रूम में बैठ जाती है | वो बैड पर पीछे अपना सर टिकाकर एक टक ऊपर की तरफ देखे जा रही थी |
देविका के मन में , इस समय बहुत उथल - पुथल मची हुई थी | बहुत सारे विचार , लगातार उसके अंदर आ रहे थे | इसलिए वह ! अपने आप को शांत करना चाहती थी |
[ लगातार कुछ देर तक , ऊपर देखने के बाद . . . . ]
देविका : - " तुमने मेरी जिंदगी में आकर , इसे पूरी तरह नर्क बना दिया विकास l आखिर तुम मुझे मिले ही क्यूं थे |
[ ये कहते हुए देविका जोर - जोर से ( सुबक - सुबक ) कर रोने लगती है | ]
तभी , रूम के दरवाजे पर कोई नॉक करता हैं |
देविका : - " हाँ आई "
( देविका जल्दी से अपने आंसू पोंछकर , अपना फेस ठीक करके दरवाजा खोलने जाती है | दरवाजा खोलते ही बाहर भाभी खड़ी थी | )
भाभी : - " क्या हुआ दीदी ? आपको आए हुए बहुत देर हो गई थी | आप नीचे नहीं आयी , इसलिए मैं देखने आ गयी | कुछ परेशान सी लग रही हो आप , क्या हुआ ? आप ठीक तो हो ना दीदी ?
देविका : - " नहीं भाभी ! कोई बात नहीं है | बस अचानक ही फ्रैंड के यहाँ मुझे मेरी तबीयत ठीक नहीं लग रही थी | तो में वहाँ से जल्दी आ गई और आकर बस लेट गयी थी |
सॉरी भाभी ! आप से कहने का , मुझे याद ही नही रहा | मेरी वजह से आप भी परेशान हो गई | "
( देविका भारी आवाज में भाभी से कहती हैं और भाभी के गले लग जाती है | )
भाभी : - " अरे नहीं दीदी ! मुझे आपकी फ्रिक्र हो रही थी | क्योंकि प्रेगनेसी में अक्सर तबीयत कई बार खराब हो जाती है | "
( भाभी , देविका के गले लगकर उसे प्यार से कहती हैं । )
देविका : - " भाभी , ऐसा कब तक रहता है | "
भाभी : - " बस 2 - 3 महीने फिर धीरे - धीरे सब ठीक लगने लगेगा | दीदी ! आप आराम करो , में आपके लिए अच्छी सी चाय बनाकर लाती हूँ और कुछ खाने के लिए भी लाती हूँ | ऐसे समय में थोड़ी - थोड़ी देर में कुछ खाते रहना चाहिए | "
भाभी हंसते हुए देविका से कहती हैं | भाभी को हंसता हुआ देखकर देविका के चेहरे पर भी मुस्कान आ जाती है |
देविका भाभी के गले लगकर पहले से काफी सुकून महसूस कर रही थी |
देविका अपने मोबाइल में उन सारे अननोन नंबर्स को ब्लॉक कर देती हैं I जिन नंबर्स से विकास का फोन आया था |
अगले कुछ दिनों तक विकास का कोई फोन नहीं आता है |
2 - 3 दिन बाद देविका अपने बडे भाई से कहती है |
" भईया ! मुझे यहाँ आए हुए अब 10 - 12 दिन हो गए है | मुझे अब वापस जाना है l क्या आप मुझे वहाँ छोड़ आएंगे ? "
भईया : - " सब ठीक तो है ना देविका इतनी जल्दी क्यूं जा रही है l कुछ दिन और रुक जा | "
देविका : - " नही भईया , मैं फिर आ जाऊँगी और टेंशन की कोई बात नहीं है l सब ठीक है l "
भईया : - " ठीक है देविका , तू जब कहेगी में छोड आऊँगा । "
1 - 2 बाद देविका , अपने ससुराल वापस आ जाती हैं |देविका उस दिन अरनव को देखकर बहुत खुश हो जाती है |
अरनव कमरे में बैठा हुआ देविका का इंतजार कर रहा था | क्यूंकि वो भी इतने दिनो बाद , अपनी पत्नि से मिल रहा था |
देविका किचन का काम खत्म कर आ रही थी |
कमरे में आते ही उस रात देविका , अरनव के पास बैठकर उसे एक टक निहारने लगती हैं |
अरनव भी उसे प्यार से देखे जा रहा था |
तभी देविका की आँखो मैं आंसु आ जाते है और वो रोने लगती हैं |
अरनव : - " अरे ! अरे क्या हुआ देविका ? तुम रो क्यूं रही हो ? "
अरनव , देविका के आंसु पोंछते हुए उससे पूछता है |
" तुम ठीक तो हो ना देविका ? "
देविका : - " हाँ ! में ठीक हूँ , बस आपको बहुत दिनों बाद देखा ना इसलिए रोना आ गया | वहाँ आपको बहुत मिस कर रही थी मैं | "
अरनव मिस करने वाली बात सुनकर , देविका को प्यार से चिड़ाते हुए कहता है |
" अच्छा मैडम ! वैसे - ये कैसा मिस कर रही थी तुम मुझे ? कि इतने दिनो में , बस दो ही बार फोन किया तुमने मुझे |हर बार मैं ही फोन करता था | वो कॉल भी तुम कभी - कभी उठाती थी | "
देविका : - " आप भी ना । मुझे क्यूं छेड रहे हो | "
अरनव , देविका को अपने सीने से लगा लेता हैं | और देविका को प्यार करने लगता है | उस रात ! बहुत दिनों बाद देविका अरनव की बाहों में चैन की नींद सोयी थी |
अगले दिन अरनव , देविका को डॉक्टर के पास चैकअप और कुछ टेस्ट करवाने के लिए ले जाता है |
डॉक्टर् के मुताबिक सब कुछ नार्मल था | बस कुछ complication और देविका को वीकनेस बहुत ज्यादा लग रही थी |
इसलिए ! डॉक्टर ने देविका से पूछा . . .
" देविका क्या अभी कुछ महीने पहले आपका एक बार अबॉर्शन हुआ था क्या ? ''
डॉक्टर के ये पूछते ही देविका , अरनव की ओर देखती हैं और फिर डॉक्टर से कहती है |
देविका : - " नहीं मैम , ऐसा तो कभी नहीं हुआ । ये हमारा पहला बच्चा है | हमारी शादी को अभी एक साल भी पूरा नहीं हुआ है | "
डॉक्टर : - " अभी 1 - 2 महीने ठीक से , जितना हो सके आप बैड रेस्ट ही करें | क्यूंकि आप अबॉर्शन की मना कर रही है | तो मुझे कुछ दिन बाद एक बार फिर आपका टेस्ट करवाना होगा |
लेकिन Don't worry प्रॉब्लम की कोई बात नही है | "
डॉक्टर की ये बात सुनकर , अरनव भी थोड़ा चौंक जाता है | लेकिन फिर देविका ने डॉक्टर से जो कहा उसे सुनकर अरनव को लगता है ; कि शायद कोई गलत फहमी ही हुई होगी |
देविका ये सोचकर घबरा जाती हैं | कि कहीं अरनव ने उससे इस बारे में फिर कोई सवाल किया तो वह क्या कहेगी ?
लेकिन अरनव ने देविका से इस बारे में कभी भी कोई भी सवाल नही किया |
कुछ दिनों बाद . . . .
देविका , दोपहर को अपने रूम में आराम कर रही थी |
कि तभी वह अपने बच्चे के बारे में सोचने लगती हैं I वो बच्चा जिसके बारे में विकास बात कर रहा था I
देविका रोते हुए मन ही मन सोच रही थी | कि मैं अरनव को धोखा दे रहीं हूँ | लेकिन में क्या करूं ? उसे बता भी तो नहीं सकती | मेरी गलती ही ऐसी हैं |
उस दिन मुझे विकास से मिलना ही नहीं चाहिए था |
वो मेरी जिंदगी की सबसे बडी भूल थी |
जब देविका की शादी अरनव से फाइनल हो गई थी | तब देविका , विकास से अपनी शादी नही हो पाने की वजह से बहुत दुखी हो गई थी |
वह पूरी तरह टूट गई थी |
क्यूंकि . . . विकास ने उससे वादा किया था | कि वो सिर्फ देविका से शादी करेगा | उसके जीवन में देविका के अलावा कोई और लड़की नहीं आएगी | और वह दोनों के परिवार को हमारी शादी के लिए मना लेगा |
लेकिन . . . ऐसा कुछ भी नहीं हुआ |
इसलिए , दुःखी होकर देविका , विकास से मिलने गई थी |
उस दिन विकास की बातो में आकर देविका बहुत भावुक हो गई थी | और उस दिन भावनाओ में बहकर , विकास और देविका के बीच पहली बार वो हुआ , जो गलत था | जो नहीं होना चाहिए था |
उसके कुछ दिन बाद ही देविका की तबीयत बिगड़ने लगती है | उसे हर समय मन में बैचैनी सी होने लगती है | उसे कभी - कभी चक्कर और उल्टी जैसा मन भी होने लगता है |
एक - दो दिन तक तो देविका को यहीं लगा ; कि शायद गर्मी की वजह से उसे ऐसा हो रहा हैं |
लेकिन . . . उसे जब दो - चार दिन बाद भी आराम नहीं मिला तो देविका को बहुत डर लगने लगा था और उसने विकास को फोन किया I
विकास भी एक पल के लिए डर गया था |
फिर जब देविका को ये बात , पूरी तरह कन्फर्म हो गयी कि वह प्रेगनेंट हैं | उसके पैरों के नीचे से जैसे - जमीन ही खिसक गई हो | आखिर कुछ टाइम बाद उसकी शादी है |
देविका को , जैसे ही प्रेगनेंसी कन्फर्म होती है | वह तुरंत विकास को फोन करती हैं |
विकास उसे तसल्ली रखने के लिए कहता है | और
" तुम्हे डरने की कोई जरूरत नहीं है देविका , में कुछ करता हूँ | Don't worry देविका "
अगले दिन विकास , देविका को कुछ दवा लाकर देता है |
विकास : - " देविका , तुम ये दवा खा लो | इससे सब ठीक हो जाएगा | "
देविका वो दवाएँ खा लेती है |
वो दवाई विकास एक मेडीकल शॉप से लेकर आया था |जो अबॉर्शन के लिए थी |
( कुछ दिन बाद . . )
अबॉर्शन के बाद देविका नॉर्मल हो जाती हैं |
लेकिन . . . . उस दिन की भूल को सोचकर , आज भी उसके रोंगटे खड़े हो जाते हैं |
अगर गलती से भी , किसी को भी इस बारे में पता चल जाता | तो वह क्या करती |
में उस दिन को कभी भुला नहीं पाऊंगी | अगर अरनव को मुझ पर जरा भी शक हो जाता तो |
पर अभी तो यह बात देविका ने अरनव से छिपा ली | पर क्या वाकई अरनव कभी भी इस बात को जान पाएगा ?
अगर देविका आगे विकास से बात नहीं करेगी ! तो क्या वह अरनव को इस बात का सच बता देगा ? या किसी और से ही अरनव के सामने आएगा ये सच ?
जानने के लिए आगे पढ़ते रहे . . . . . .