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12 सितम्बर 2022

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देविका बहुत confidence के साथ , अब अपने अगले कदम की ओर आगे बढ़ रही थी | और उसे अंजाम देने के लिए वो मेंटली ओर फिजिकली पूरी तरह तैयार थी |

देविका का अगला कदम , उसे उसकी सपनों की दुनिया में ले जाने वाला था | वो दुनिया जो उसने खुद , इंसानियत की सारी हदे पार करके अपने दिमाग बनायी थी | अपने लिए और अपनी छोटी सी बच्ची के लिए | 

देविका की ऑखो के सामने ! विकास के साथ रहने का सपना , अब उसके लिए बस एक कदम दूर था | 

अगले कुछ ही दिनों बाद करवाचौथ आने वाला था | और देविका ने करवाचौथ के लिए नई साड़ी भी खरीद ली थी | 

देविका ने , पिछले कुछ दिनों से अरनव को दवाएं देना बंद कर दिया था | और उसने स्कूल से कुछ दिनो के लिए छुट्टियाँ भी ले ली थी | जिससे वह हर समय अरनव पर नजर रख सके |

अरनव को दवाई न देने की वजह से , अब उसकी हालत में सुधार हो रहा था | और वह अब पहले से अच्छा महसूस कर रहा था |

अरनव : - " देविका पिछले एक हफ्ते से मुझे वो दवाईयां नही दे रही है | जिन्हें वो मुझे रोज खिलाती रही थी | शायद इसीलिए में अब पहले से better feel कर रहा हूँ |

लेकिन ये देविका की कोई चाल तो नही है | वो कुछ और तो नहीं सोच रही है | कुछ बड़ा करने की | वरना इतनी आसानी से वो मुझे छोड़कर जाने वाली नहीं है | "

लेकिन अरनव अभी भी देविका के सामने पहले की तरह ही बहुत बीमार होने का नाटक कर रहा था | क्यूंकि वो जानना चाहता था । कि देविका के मन में आखिर चल क्या रहा है ?

देविका रूम में अपना मोबाइल फोन चला रही थी | वहीं बेड पर अरनव लेटा हुआ था |

अरनव : - " देविका तुमने स्कूल छोड़ दिया है क्या ? आजकल तुम कुछ दिनों से स्कूल नही जा रही हो | "

देविका ( मोबाइल चलाते हुए कहती है ) : - " मैंने कुछ दिनों की छुट्टियाँ ली है स्कूल से | "

अरनव : - " लेकिन क्यूं ? तुम्हे कोई काम है क्या ? "

देविका : - " आप पर नजर रखने के लिए | "

ये कहकर देविका , अरनव की ओर देखकर जोर से हंसने लगती है | और फिर 

" अब तो अच्छा फील कर रहे होगे ना आप । दवा जो नही खा रहे हो | वैसे कुछ दिन बाद देखना आपको और भी अच्छा फील होगा | "

अरनव : - " तुम्हारे दिमाग में आखिर चल क्या रहा है । "

देविका : - " वही जो आप सोच रहे हो । "

अरनव : - " तुम मुझे ठीक से बता क्यूं नही रही हो ? और तुम मुझे कौन सी दवा खिला रही थी अभी तक ? "

देविका : - " थोड़ा और सब्र कर लो | फिर तो बस आपको सुकून ही सुकून मिलेगा चारो ओर शांति ही शांति होगी | और तब वहाँ मे आपके साथ नही रहूंगी । आप अकेले सुकुन से रहना | "

अरनव : - " ऐसा मेरा नसीब कहाँ ? जिस तरह से तुमने मेंरी जिंदगी बर्बाद की है | उसे देखकर तो कभी - कभी मुझे लगता है । कि मरने के बाद भी मुझे सुकून नही मिलेगा | वैसे तुम कहाँ जा रही हो ? "

देविका : - " आप ही तो चाहते थे ना। कि में आपको छोड़कर चली जाऊं । तो बस आपका सपना पूरा करने में लगी हुई हूँ | बस फर्क सिर्फ इतना है कि आपको छोड़कर में नही जाऊंगी । बल्कि आप जाओगे | 

वैसे ये बताओ कि आपको शांति कब मिलेगी ? "

अरनव : - " जब तुम्हे और तुम्हारा साथ दे रहे विकास को अपनी करनी की सजा मिलेगी | मेरी जिंदगी बर्बाद करने की सजा | ये जो तकलीफे दी है ना तुमने मुझे उसकी सजा | समझी तुम | "

देविका : - " फिर तो मुश्किल है | क्यूंकि मेरे और विकास के अलावा ये सब सच तो सिर्फ आप ही जानते हो | और आप तो बहुत जल्द  . . . हा . . हा . . हा . . . "

देविका ; अरनव से आप तो बहुत जल्द कहकर रुक जाती है | और जोर - जोर से हंसने लगती है | और उसकी इस हंसी के पीछे बहुत सारे राज छुपे हुए थे | जिन्हे अरनव समझने की कोशिश कर रहा था |

लेकिन अरनव को देविका की इन बातो सें साफ - साफ समझ आ रहा था । कि वो कुछ बड़ा करने वाली है | और अरनव ये भी जानता था । कि इन सबके पीछे देविका का दिमाग नहीं है |

वो जो कुछ भी कर रही है और अभी तक करती आ रही थी | उसके पीछे विकास का दिमाग है | वो उसने खिलौने की तरह इस्तेमाल कर रहा है | 

अरनव ये बात नहीं जानता था | कि विकास की पत्नी श्वेता अब इस दुनिया में नही है | और उसकी मौत के पीछे विकास का ही हाथ था | 

अरनव ; देविका की चाल समझने की कोशिश कर रहा था | लेकिन उसे ये अंदाजा नही था । कि ये दोनो मिलकर श्वेता की तरह ही उसे भी मौत के घाट उतारने की सोच रहे है |

2 दिन बाद . . . . 

देविका इतने दिनों से स्कूल से छुटटी लेकर , अरनव की हर हरकत पर नजर रख रही थी | और वो सबको यही बता रही थी | कि अरनव के लिए उसका प्यार , और उसकी मेहनत दोनो ही सफल हो गई ।

एक दिन देविका सारिका दीदी को फोन करती है |

देविका : - " हेलो दीदी ! आज आप घर आजाइए ना । आपको कुछ दिखाना है | "

सारिका : - " क्या हुआ देविका ? आज बहुत खुश लग रही है । "

देविका : - " हाँ दीदी ! बात ही कुछ ऐसी है | इसीलिए तो आपको घर बुला रही हूँ । आप जल्दी फ्री होकर आ जाओ ना दीदी ! प्लीज । जीजा जी को भी ले आना l "

सारिका : - " ठीक है देविका में आती हूँ थोड़ी देर में । "

सारिका फोन रख देती है | और सोचती है । कि आज देविका इतनी खुश क्यूं है ? हाँ लेकिन अरनव अब पहले से थोडा ठीक हो रहा है । शायद इसीलिए |

तभी सारिका के पति पीछे से निकल रहे होते है | और सारिका को इस तरह बहुत ध्यान से कुछ सोचते हुए  ; और हाथ में फोन लेकर बुदबुदाते हुए देखते है |

" क्या हुआ सारिका ? अकेले बैठकर क्या सोच रही हो ? वो भी इतने ध्यान से कि मेरे आने का तुम्हे पता ही नही चला | "

सारिका : - " देविका का फोन आया था । हम दोनों को घर पर बुला रही है | आज फोन पर बहुत खुश लग रही थी देविका | बस इसलिए कुछ सोच रही थी मैं | "

सारिका के पति : - " ये तो बहुत अच्छी बात है | बहुत दिनों बाद उसे थोड़ी खुशी मिली है | और तुम भी अब कुछ मत सोचो | अरनव अब जल्दी ही पूरी तरह ठीक हो जाएगा । "

सारिका : - " वो तो वहाँ पहुंचकर ही मुझे पता चलेगा | चलो चलते है । "

सारिका और उनके पति दोनो देविका के घर पहुंचते है ।

देविका : - " आइए दीदी , जीजा जी में आप दोनों का ही इंतजार कर रही थी | क्यूंकि मुझे आप दोनों को कुछ दिखाना था इसलिए | "

देविका ; सारिका दीदी और जीजा जी को अरनव के रूम में ले जाती है । 

देविका : - " अरनव देखो ना कौन आया है ? "

अरनव कुछ काम कर रहा था | देविका की आवाज सुनकर वो पीछे पलटकर देखता है | और सारिका दीदी , जीजा जी को देख कर वो चौंक जाता है |

अरनव : - " अरे दीदी ! जीजा जी आप । "

और फिर बेड से उठ कर अरनव अपनी दीदी के गले लग जाता है | ये देखकर सारिका और उसके पति भी खुश हो जाते है |

सारिका : - " अरनव आज मै बहुत खुश हूं । न जाने कितने दिनों बाद तुझे ऐसे अपने पैरो पर खड़ा होकर चलते हुए देख रही हूं | "

जीजा जी : - " अरनव ये तो सच मै ! आज बहुत खुशी की बात है | अच्छा किया देविका जो तुमने हमै बुला लिया | "

देविका : - " मै जानती थी जीजा जी | कि आप लोग भी मेरी तरह इन्हें इस तरह देखकर बहुत खुश होगे | "

और फिर ये कहते - कहते देविका , सारिका दीदी और जीजा जी के सामने रोने लगती है |

सारिका ; देविका को चुप कराते हुए उसे अपने गले लगा लेती है | 

सारिका : - " अब क्यूं रो रही हो ? अब तो ठीक हो गया । "

देविका : - " हाँ दीदी ! ये तो बस खुशी के आंसु है | मेरे दिल मै इनके लिए जो सच्चा प्यार था | और अभी तक की मेरी सारी मेहनत भी सफल हो गई । बस इसलिए दीदी रोना आ गया | "

जीजा जी : - " हाँ देविका ! तुमने अरनव को ठीक करने के लिए बहुत मेहनत की है । "

अरनव ये सब देखकर कुछ समझ नही पा रहा था | कि देविका कैसे उनके सामने इस तरह Acting कर रही है | और वो लोग भी इसकी बातों में आ रहे है | क्यूंकि कोई भी देविका के पीछे का सच नही जानता था |

लेकिन अब अरनव अपनी दीदी को देविका का पूरा सच बताना चाहता था | लेकिन कैसे ?

तभी 3 - 4 दिन बाद . . . . .

रात का समय था | करीब रात के 8 बज रहे थे | तभी देविका ; अरनव के पास आती है | 

देविका : - " ये लीजिए आपका मोबाइल "

अरनव एक पल के लिए सोच में पड़ जाता है । कि ये , सब कुछ जानकर भी आज मुझे मोबाइल क्यूं दे रही है ? और अरनव देविका के हाथ से फोन ले लेता है |

देविका : - " अब आप ठीक हो ! इसलिए में कल सुबह से स्कूल जाऊंगी | "

ये सुनकर अरनव मन ही मन खुश हो जाता है | कि अब कल जब देविका स्कूल चली जाएगी | मै बिना देर किए दीदी और जीजा जी को इसके बारे में सब सच बता दूंगा |

अरनव अपना फोन ऑन करके देखता है | उसमें से सारे नंबरर्स डिलीट कर दिए थे |

अरनव मन में सोचता है | कोई बात नही देविका दीदी का नंबर तो मुझे कहीं से भी मिल जाएगा | बस आज रात की ही तो बात है | और अरनव इस खुशी के साथ सो जाता है |

लेकिन वो नही जानता था | कि कल उसके साथ क्या होने वाला है ? देविका ने उसे उसका मोबाइल क्यूं दिया ?

आखिर कल क्या होने वाला था अरनव के साथ ? क्या था विकास और देविका का आखिरी प्लान ?

जानने के लिए आगे पढ़ते रहे . . . . . .

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रचनाएँ
Kya Galti Thi Meri?
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ये कहानी है एक ऐसे लड़के " अरनव वेदी " की । जो बचपन से ही बहुत सीधा सा लड़का था । अरनव पढ़ाई में बहुत होशियार और हेंडसम भी बहुत था। उसके भाई - बहन उसे बहुत प्यार करते थे । लेकिन उसकी भाभी वरनाली ; अरनव का अपने घर में रहना , बिलकुल पसंद नही करती थी । बचपन से ही अरनव संघर्षों से झूझ रहा था । फिर एक दिन उसकी जिंदगी में " देविका " आती है | " देविका कपूर " एक घमंडी और बिगड़ी हुई लड़की थी | और देविका का अरनव से शादी करना किसी इत्तेफाक के जैसा ही था | फिर एक दिन अरनव के साथ जो हुआ ! वो एक दर्दनाक घटना से कम नही था । लेकिन उसके साथ ऐसा क्यूँ हुआ ? आखिर क्या गलती थी उसकी ? और कौन था वो शक्स जिसने उसके साथ ऐसा किया ? अरनव के साथ आखिर क्या हुआ होगा? पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें "Kya Galati Thi Meri "
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अरनव की विदाई

5 सितम्बर 2022
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( ये कहानी एक ऐसे आम इंसान की है | जो किसी भी ! नॉर्मल इंसान की तरह ही , सपने देखता हैं | बचपन से लेकर आखिरी तक , वह अपनी जिंदगी एक आम आदमी की तरह ही , जीना चाहता है । और एक अच्छी जिंदगी के लिए

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देविका का बयान

6 सितम्बर 2022
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देविका ! अब होश में आ गयी थी औेर अब उसकी हालत भी पहले से काफी ठीक थी । ' अरनव ' को गए हुए ! पूरा एक दिन हो गया था | अगला दिन . . . . सुबह के करीब 9 बज रहे थे | चारों ओर सन्नाटा सा फैला हुआ था ।

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छानबीन

6 सितम्बर 2022
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देविका के statement के बाद ! पुलिस ने अरनव की बीती हुई जिंदगी के बारे में जानना शुरू किया | आखिर अरनव कैसा इंसान था ? और क्या सच में वह ऐसा कर सकता था ? क्योंकि देविका का अचानक ये कहना ; क

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट

6 सितम्बर 2022
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सभी पुलिस वाले , आपस मै बात करते है l और उनके मन मे यही सवाल चल रहा था । कि कहीं हम बेवजह ही ! अपना समय बर्बाद तो नहीं कर रहे हैं | क्यूंकि पुलिस को अभी तक अरनव और उसके परिवार के बारे में इतना कुछ जान

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वरनाली की ईष्या

6 सितम्बर 2022
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वरनाली ने भले ही सारिका दीदी और निशांत के सामने ये बात मान ली थी | कि अब वह इलेक्शन नहीं लड़ेगी और वरनाली ने अपनी गलती भी स्वीकार कर ली थी । ( निशांत को बिना बताये , व

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Arnav's headache

8 सितम्बर 2022
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वरनाली , अब हर पल बस इसी मौके के इंतजार मैं ही रहती थी | कि अरनव उसे कब अकेला मिले | अरनव की माँ के जाने के बाद , जब भी अरनव शांत और अकेला बैठा होता था । वरनाली , तुरंत ही अरनव के पास पहुंच जाया

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अरनव का देविका से मिलना

8 सितम्बर 2022
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अरनव के साथ पिछले कुछ महीनो से बहुत कुछ हो गया था | और उसे वरनाली की वेवकूफी की वजह से बहुत कुछ झेलना पड़ा था | अरनव वैसे तो अब पूरी तरह ठीक था । और वह अपनी बहनो और परिवार के साथ पहले की तरह ही बहुत ख

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देविका और अरनव की शादी

8 सितम्बर 2022
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शादी की डेट फाइनल होने वाली थी । और वहां देविका तो मुंह लटकाये हुए बैठी है । जैसे - उसे अंदर से कुछ भी पसंद नहीं हो | दिखने में ' अरनव ' बहुत ही ज्यादा हैंडसम था | एक - दम गौरा चिट्टा रंग , करीब 6 फीट

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प्यार की शुरुआत

8 सितम्बर 2022
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देविका : - " हॉ अरनव ! हाँ . . . . मैं किसी और से . . . . हो गई तुम्हें अब तसल्ली ये जानकर | " ( बहुत तेज गुस्से मे , इतना कहकर ! देविका चुप हो जाती है l ) देविका जो सबके सामने , अभी तक अच्छे से

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unknown number

8 सितम्बर 2022
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अरनव और देविका के बीच ! अगले कुछ महीनो तक सब ठीक चल रहा था I फिर एक दिन श्याम में . . . देविका के मोबाइल फोन की रिंग बजती है l देविका के मोबाइल पर , एक अननोन नंबर शो हो रहा था | देवि

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देविका का अरनव के गले लगना

12 सितम्बर 2022
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देविका , अरनव को कॉल करती है | " भईया आ गये है लेने , आप आ जाओं | हम थोड़ी देर में निकलने वाले है | " अरनव : - " हो सकता है देविका | कि मैं लेट हो जाऊं थोड़ा , तुम चाहो तो निकल जाना | लेकिन जल्दी आ जा

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में तुम्हे किसी अन्जान के साथ नही देख सकता

12 सितम्बर 2022
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देविका . . . . देविका उठो ! सुबह हो गई . . . . ( देविका के बड़े भाई अमित , देविका को अगले दिन सुबह , नींद से उठाते हुए आवाज लगाते है | ) देविका भईया की आवाज सुनकर अपनी ऑखे खोलती है | और वो अपने

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मेरा प्यार सच्चा है देविका

12 सितम्बर 2022
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विकास : - " देविका सुनो ! देविका प्लीज , बस एक बार मुझसे मिल लो | क्या तुम मेरे लिए अब इतना भी नही कर सकती ? " देविका मैसेज देखकर कोई रिप्लाय नही करती हैं l और मन ही मन गुस्से में खुद से कहने लगती है

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वो मेरी सबसे बडी भूल थी

12 सितम्बर 2022
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विकास : - " सॉरी देविका ! तुम्हे मेरी बात का बुरा लगा ना ; में बच्चे की बात नहीं करना चाहता था l पर तुम हो कि मुझसे , मिलना ही नहीं चाहती थी | " देविका : - " अब तो कह दिया पर आगे से उस बात को हमेशा के

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क्या में तुमसे मजाक भी नही कर सकता

12 सितम्बर 2022
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अबॉर्शन के बाद देविका नॉर्मल हो जाती हैं | लेकिन . . . . उस दिन की भूल को सोचकर , आज भी देविका के रोंगटे खड़े हो जाते हैं | और अगर गलती से भी , किसी को भी इस बारे में पता चल जाता | तो वह क्या करती | "

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आखिर सच क्या है देविका

12 सितम्बर 2022
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सिर्फ . . . देविका के बडे भईया को छोड़कर । अरनव को भी बाकी सभी की तरह यही लग रहा था | कि देविका उस एक्सीडेंट को देखकर घबरा गई है | इसलिए उसका प्रेग्नेंसी में ब्लड प्रेशर एक दम से हाई हो गया l देविका क

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अपने पापा की खुशी

12 सितम्बर 2022
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अगले 2 महीने तक ऐसे ही चलता रहा | देविका भी अच्छे से जानती थी | कि अरनव का व्यवहार , उसके लिए क्यूं बदल गया है | लेकिन वह कभी भी देविका से कुछ नही कहता था | और न ही उसने फिर कभी देविका से विकास के बार

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मेरी बात याद रखना अरनव

12 सितम्बर 2022
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10 मिनिट बाद अरनव , रूम में अंदर जाता है | अरनव को देखते ही देविका तुरंत फोन रख देती है और बुरी तरह घबरा जाती है | अरनव : - " अरे ! क्या हुआ तुम्हे ? तुम इतना डर क्यूं गयी ? वो भी मुझे देख कर I " देवि

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ये देविका कौन है विकास

12 सितम्बर 2022
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अरनव : - " देविका के कहने से क्या होता है ? वो मुझसे इस तरह खुशी को नहीं छीन सकती | लेकिन . . . कहीं विकास के साथ मिलकर ! खुशी को उसने मुझसे सच में दूर कर दिया तो | देविका बहुत चालाक है | अपना उल्लू स

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Fake treatment

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अरनव , अपने जीजा जी के साथ ! वहाँ के एक अच्छे डॉक्टर को दिखाने जाता हैं | अरनव ! उस डॉक्टर को अपनी सारी प्रॉब्लम बताता हैं | डॉक्टर : - " ऐसा कितने दिनो से महसूस हो रहा हैं आपको ? " अरनव : - " यही , अ

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झूठ प झूठ

12 सितम्बर 2022
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देविका ; अपने भईया को डॉक्टर को बिना दिखाए ! बापस घर लौटने के लिए तो मना लेती हैं । लेकिन देविका को ये नहीं समझ आ रहा था | कि वह भईया को सारिका दीदी और जीजा जी से झूठ बोलने के लिए कैसे मनाएं ? देविका

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देविका की चाल

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पिछले कुछ महीनों से अरनव अपनी खराब तबीयत की वजह से ; स्कूल भी नही जा रहा था | देविका ने ही अरनव को उसकी जॉब से ; रिजाइन दिलवा दिया था | क्यूंकि . . . . देविका ने , अरनव के स्कूल में उसका पिछले कुछ मही

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सारिका का शक

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दोपहर के 2 बजे ; डोरवेल बजती हैं | सारिका दीदी का घर . . . . और उनकी सबसे छोटी बेटी चारू ; दरवाजा खोलती है | " अरे मामी आप ! आओ , अंदर आ जाओ मामी . . . . खुशी नहीं आयी क्या आपके साथ ? " सा

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श्वेता की मौत

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पुलिस द्वारा ; अभी तक अरनव के साथ रहने वाले , घर के सभी लोगों के बारे में ; अच्छे से छानबीन कर ली गई थी । इससे पुलिस को , ये तो साफ हो गया था । कि अरनव की हत्या या उसकी साजिश के पीछे , कोई

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Negative mind

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संडे का दिन , सुबह के 11 बज रहे थे | अरनव रूम में लेटा हुआ था | अपने अंदर वह पहले से बहुत बीकनेस फील कर रहा था | वह अब ठीक से खड़ा भी नही हो पा रहा था | तभी देविका रूम मे अरनव के पास आती है | देविका :

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Next step

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देविका बहुत confidence के साथ , अब अपने अगले कदम की ओर आगे बढ़ रही थी | और उसे अंजाम देने के लिए वो मेंटली ओर फिजिकली पूरी तरह तैयार थी | देविका का अगला कदम , उसे उसकी सपनों की दुनिया में ले जाने वाला

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kidnaping

12 सितम्बर 2022
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देविका के अरनव को मोबाइल देने के बाद ; उस रात अरनव पूरी रात भर यही सोचता रहा | कि कल देविका के इस खेल के बारे में सबको पता चल जाएगा | और उसे उसके अभी तक किए गए ! सारे गलत कामों की सजा भी मिल जाएगी | त

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तुम ही विकास हो

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गुंडो ने गाडी में अरनव का चेहरा , ऊपर से गर्दन तक पूरी तरह एक काले कपड़े से ढंक दिया था | और वो दोनो गुंडे उसे उस शहर के बिलकुल बाहर , एक सुनसान जगह पर ले गए | वहाँ उस सुनसान जगह पर एक ही घर बना हुआ थ

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बस एक दिन और

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देविका शाम होते ही अपनी प्लानिग के अनुसार , घर के सभी मेम्बर्स को फोन करना शुरू करती है | जैसे - अरनव के सबसे बडे भाई बलराज को , सारिका दीदी को , और अरनव के पिता से पूछना | और सभी को इस तरह दिखा

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प्लीज मुझे जाने दो

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विकास , चेयर से उठकर जाने के लिए खड़ा हो जाता है | और अपने अंदर अरनव की थोडी देर पहले , उसके लिए कहीं गयी बात के लिए , उससे गुस्सा होकर बदला लेने के नजरिये से देखता है | लेकिन फिर भी विकास ऊपर से झूठी

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End of Torture

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विकास , चेयर से उठकर जाने के लिए खड़ा हो जाता है | और अपने अंदर अरनव की थोडी देर पहले , उसके लिए कहीं गयी बात के लिए , उससे गुस्सा होकर बदला लेने के नजरिये से देखता है | लेकिन फिर भी विकास ऊपर से झूठी

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