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Fake treatment

12 सितम्बर 2022

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अरनव , अपने जीजा जी के साथ ! वहाँ के एक अच्छे डॉक्टर को दिखाने जाता हैं | अरनव ! उस डॉक्टर को अपनी सारी प्रॉब्लम बताता हैं |

डॉक्टर : - " ऐसा कितने दिनो से महसूस हो रहा हैं आपको ? "

अरनव : - " यही , अभी 5 - 6 दिन से . . . .  "

डॉक्टर : - " अरनव आप कोई दवा ले रहे हैं क्या ? "

अरनव : - " नहीं ! बस फीवर आया था | तब दो दिन ये दवा ली थी । लेकिन तब मुझे वीकनेस नही लग रही थी | ये सब फीवर आने के बाद से हुआ हैं । " 

अरनव डॉक्टर को बताते हुए कह रहा था | इसलिए डॉक्टर अरनव को कुछ दवा लिखकर देते है |

डॉक्टर : - " कुछ दिन अरनव इन दवाओ को लो फिर बताना | "

अरनव और जीजा जी डॉक्टर को दिखाकर घर आते है | तब देविका उनसे पूछती है ।

" जीजा जी क्या कहा डाँक्टर ने ?  कुछ बताया , क्यूं हो रहा है इन्हें ये सब ? "

जीजा जी : - " नहीं ! अभी बस ये दवा दी हैं | इन्हें कुछ दिन तक टाइम पर लेना है | फिर कितना आराम मिलता है उस हिसाब से तब देखेंगे । "

देविका : - " अच्छा ! ठीक है जीजा जी । "

अरनव को , देविका ने सारी दवाएं अगले कुछ दिनों तक टाइम पर दी | लेकिन फिर भी उसकी तबीयत में 1 % भी ! आराम नही मिल रहा था | उल्टा ; अरनव की तबीयत ! पहले से भी ज्यादा बिगड़ती ही जा रही थी | 

देविका : - " जीजा जी ! इनकी तबीयत तो ; उन दवाओ से और खराब होती जा रही हैं | आप और दीदी घर आ जाओ जल्दी । इन्हें पता नही क्या हो रहा हैं ? "

देविका ; सारिका दीदी को फोन करके उन्हे और जीजा जी को घर पर आने के लिए कहती हैं l

थोड़ी ही देर में दोनों घर आ जाते है |

जीजा जी : - " क्या हुआ अरनव को ? 4 - 5 दिन में उन दवाओं से बिलकुल भी आराम नही मिला क्या ? " 

सारिका और जीजा जी दोनों देविका से अरनव की तबीयत के बारे मे पूछते हैं । 

देविका : - " नहीं दीदी , जीजा जी ! देखो इनकी हालत तो और बिगड़ती ही जा रही हैं | "

ये कहते हुए देविका उनके सामने रोने लगती हैं ।

अरनव : - " दीदी , जीजा जी ; अब मुझे पहल से और भी बहुत अजीब सा लग रहा है | पता नही ! बस पागल सा हुआ जा रहा हूं |

मेरी भूंख , प्यास भी बिल्कुल खत्म हो गई हैं जैैैसे I आंखों के सामने हर पल अंधेरा सा छाया रहता हैं | कुछ भी ठीक से याद नहीं रहता | "

ये कहते - कहते अरनव की आंखो मे आंसु आ जाते हैं और वो अपनी सारिका दीदी के गले लगकर रोने लगता हैं |

सारिका : - " तू चिंता मत कर ! मेरे बच्चे अरनव | हम तुझे कहीं बाहर किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाने ले जाएंगे | तू देखना जल्दी ही ठीक हो जाएगा | "

सारिका को भी ! अरनव की ऐसी हालत देखकर रोना आ जाता हैं | और वो अरनव की पीठ पर प्यार से हाथ फेरते हुए , उसके आंसु पोंछकर उसे चुप कराती है |

वहीं देविका को अंदर ही अंदर ये टेंशन हो रही थी । कि अरनव कहीं दीदी और जीजा जी को मेरे और विकास के बारे में न बता दें । इसलिए देविका उन तीनों को एक मिनिट के लिए भी ; अकेला नहीं छोड़ रही थी |

और अरनव मन ही मन ये सोच रहा था । कि देविका थोड़ा  इधर - उधर जाए तो दीदी को देविका के बारे में कुछ बताऊँ | हालांकि ! अरनव की तबीयत ; इतनी ठीक नही थी । कि वह सही से दीदी को पूरी बात बता पाता |

अरनव : - " दीदी ! कितने दिनों से तो मैं स्कूल नही गया । बस खुशी के साथ खेलकर ! मेरा मन थोडा हल्का हो जाता है । "

अरनव सारिका दीदी से अपने मन की बात कह कर थोड़ा अच्छा फील करता है |

देविका : - " में ! कल ही अपने बड़े भईया को बुलावा लेती हूँ | भोपाल , इंदौर में उनकी पहचान के बहुत डाँक्टर है | भईया ; इन्हे किसी अच्छे डॉक्टर को दिखा देंगे | "

अरनव की बात सारिका दीदी से पूरी भी नही हुई थी । कि देविका बीच में ही अपने भईया की कहने लगती हैं |

जीजा जी : - " एक काम करेंगे ! फिर में भी साथ में चला जाऊंगा तुम्हारे | "

जीजा जी देविका से कहते हैं |

देविका : - " देख लेना जीजा जी ! वैसे तो भईया हैं ही | फिर आप क्यूं परेशान होते हैं | वो मेरा मतलब था कि आप दोनों परेशान होंगे | एक ही बहुत है । बस इन्हें दिखाकर ही तो वापस आना हैं | "

( देविका नही चाहती कि जीजा जी साथ मैं जाएं नही तो उसका सारा प्लान बिगड़ जाएगा I और अगर रास्ते में अरनव ने जीजा जी को कुछ बता दिया तो । वो अलग टेंशन I )

जीजा जी : - " अरे नहीं ! देविका इसमे परेशानी कैसी ? में साथ में चलूंगा । "

जीजा जी देविका से साथ में ही जाने के लिए कहते है । 

अरनव : - " हाँ ! जीजा जी सही कह रहे है । वो भी साथ चलेंगे । "

अरनव मन ही मन देविका का सच कैसे सबको बताऊँ यही सोच रहा था ।

" अगर आज सारिका दीदी को देविका के बारे में कुछ भी बताने का मौका नही मिला मुझे । तो डॉक्टर को दिखाने जाएंगे तब में जीजा जी को ही रास्ते में मौका देखकर बता दूंगा । और वो फिर दीदी को बता देंगे | "

देविका : - " जीजा जी ! हम जब जाएंगे तो आपके घर होते हुए ही निकल जाएंगे । तब तक आप और सोच लेना अगर चलना हो तो | "

देविका थोड़ी बात को घुमाते हुए कहती है |

अरनव के मन में , एक आइडिया उस समय ये भी चल रहा था । कि  सारिका दीदी के घर पहुंचकर भी उन्हे बता सकता हूँ | जब देविका ! दीदी के बच्चो से बात कर रही होगी | तब में दीदी को अकेले में जल्दी से बता दूंगा |

यहाँ तो देविका हमारा पीछा ही नही छोड रही | तब दीदी के यहाँ ;  अपने बडे भईया के सामने ! वो मुझ पर इतनी नजर भी नही रख पाएगी |

अगले दिन ही ! देविका के भईया आ जाते हैं | और अरनव को जब उन्होंने घर पर देखा तब उन्हें भी ये समझ नहीं आ रहा था । कि एक दम से अच्छा भला अरनव उसे ऐसा क्या हुआ ? जो उसकी इतनी कंडीशन खराब हो गई ।

पर वो अपनी बहन देविका से इस बारे मे कुछ भी इसलिए नहीं कह रहें थें । क्यूंकि उन्हें कुछ तो गड़बड़ लग रही थी | जिसका कारण शायद उनकी बहन ही थी ।

और फिर अगले दिन इंदौर के एक डॉक्टर को दिखाने का डिसाइड हुआ | जो एक बहुत बड़ा साइकाइट्रिस्ट डॉक्टर था |

अरनव : - ( देविका के भैया से ) " भईया ! जीजा जी भी हमारे साथ चलेंगे ; हम वहीं से होकर निकल जाएंगे | उन्हें अपने साथ मे लेते हुए । "

देविका : - " नही ! वो हम देख लेंगे . . . "

देविका ऐसे ही थोड़ी दबी हुई आवाज में कहने लगती है |

देविका के ऐसे बडबडाते ही अरनव समझ जाता है । कि इसके मन में कुछ गड़बड़ चल रही है | लेकिन चलो देविका के भईया है वो कुछ गड़बड नही होने देंगे | उनसे तो मैंने कह ही दिया है |

अगले दिन देविका अकेले में . . . . 

देविका : - " भईया ! वो अब जीजा जी को क्यूं परेशान करते हैं । हम ही दिखा लेंगे इन्हें ! फिर वापस आते टाइम उनके घर होते हुए आएंगे । "

भईया : - " ठीक हैं देविका । "

भईया , देविका के कहते ही समझ जाते है कि उनका अपनी बहन पर शक ठीक ही था | उसके दिमाग में सच में कुछ चल रहा है ।

देविका ने , भईया से ये कहा ! ये बात अरनव नहीं जानता था |

अगले दिन - - - -

घर से सुबह 10 बजे अरनव  , देविका , भईया और उनका बेटा राहुल ; चारों इंदौर के लिए गाडी से रवाना होते है | 

अरनव : - " भईया , जीजाजी का घर लेफ्ट साइड हैं । "

जब भईया किसी और रास्ते पर गाडी ले जा रहे थे ।

देविका : - " नहीं ! हम सही जा रहे हैं | लौटकर आएंगे ; हम जीजा जी के घर । "

देविका बीच में ही अरनव को टोकते हुए कहने लगती है l

अरनव को अब ! उसके डॉक्टर को दिखाने जाने में भी कुछ तो गडबड लग रही थी |

गाड़ी में अरनव मन ही मन सोच रहा था । कि देविका के  भईया को बता दूं अगर में देविका के बारे में तो ? जैसे - ही रास्ते में मौका मिलेगा |

नहीं ! नहीं ! वो देविका के भाई हैं | वो मेरी बात क्यूं मानेंगे ? और मुझे तो देविका ने ; वैसे भी सबके सामने रो - रो कर ! मेंटली डिस्टर्ब खोबित कर दिया है | 

और क्या पता भईया भी देविका से मिलें हो ? तभी तो उन्होंने अभी कुछ भी नहीं कहा उसे | और फिर हो सकता है । कि उन्हें देविका और  विकास के बारें में पहले से ही पता हो तो I इसलिए वो चुप हो |

और फिर मैंन भईया से कहा भी तो वो उसे बता देंगे और देविका तो मेरे मुंह खोलने का ही इंतजार कर रही हैं | इसीलिए तो मेरा फोन भी रख लिया है उसने । 

अरनव बहुत ही असमंजस में पड़ जाता है । और उस वक्त अपने आप को चारो ओर से परेशानियों से घिरा हुआ पाता है |

" हे भगवान ! में क्या करूं ? आपने मेरी शादी करवाई ही क्यूं ? और वो भी इस लड़की से | क्यूं भगवान ? इसने मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी | देख रहे हो ना आप क्या से क्या हो गया ? 

माँ ! आज मुझे आपकी बहुत याद आ रही हैं | आप क्यूं चली गई | आपका मेरी जिंदगी से जाना जैसे मेरा सब कुछ ले गया माँ | "

अरनव अपनी जिंदगी मै ; दूसरो के षड़यंत्र की वजह से आ रहे उतार - चढ़ाव से अब बहुत परेशान हो गया था । वो शांति से जीना चाहता था | भगवान भी अब जैसे उसकी कुछ भी सुन ही नही रहे हो । 

इंदौर जाने के लिए ये लोग , गुना तक पहुंच गए थे | गुना पहुंचते ही

देविका : - " भईया ! मैंने इन्हें दिखाने के लिए दिल्ली के एक बहुत अच्छे डॉक्टर से अपायमेंट लिया था | अभी मैसेज आया है | कि 4 दिन बाद ही जाना हैं | तो में सोच रही हूं कि वहीं ले जाऊंगी इन्हें | अब इंदौर जाकर हम क्या करेंगे वापस चलते है | "

भईया : - " अरे ! ये क्या मजाक हैं देविका | पहले बताना चाहिए था ना तुझे | अब रहने दे हम इंदौर ही चल रहे है । यहीं दिखा लेते हैं | दिल्ली नही जाना अब । "

भईया देविका से परेशान होकर कहते है | कि तुम्हें दिखाना भी है या नहीं । जो अब आधे रास्ते में ये कह रही हैं | 

देविका : - " अरे ! नहीं भईया ! प्लीज ! प्लीज ! प्लीज . . बडी मुश्किल से ये अपायमेंट मिली है मुझे | बहुत अच्छे डॉक्टर हैं वो | में ले जाऊंगी इन्हें ! वहाँ तो सरला दीदी हैं ना . . . इसलिए ... प्लीज वापस चलते हैं । "

भईया : - " ठीक है ! देविका लेकिन फिर में कभी तेरे साथ कहीं नहीं जाऊंगा | "

देविका : - " सॉरी भईया | लेकिन . . भईया ! सारिका दीदी और जीजा जी के यहां आप ये मत कहना । कि हम इन्हे दिखाकर नहीं आए है डॉक्टर को | "

देविका भईया से गिडगिड़ाते हुए कहती है |

भईया : - " लेकिन . . . अब ये क्यूं देविका ? "

भईया देविका से ये झूठ बोलने का कारण पूछते है |

देविका : - "क्यूंकि वो यहीं सोचेंगे कि मैं इन्हें दिखाना नहीं चाहती हूं ।इसलिए बस ! प्लीज भईया ! प्लीज . . . . . "  

और देविका बीच रास्ते से ही ;  सबको वापस लौटा कर ले आती हैं । भईया और देविका के बीच हुई ! कोई भी बात ;  देविका ने जानबूझ कर अरनव के सामने नही की |

लेकिन . . . क्या भईया समझ पाएंगे अपनी ही बहन की चाल ?

अरनव वापस लौट आने पर सारिका दीदी को बता पाएगा सच ? देविका की हकीकत या आगे होने वाला था कुछ और ही ? 

जानने के लिए आगे पढते रहें . . . . . . . . . 

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रचनाएँ
Kya Galti Thi Meri?
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ये कहानी है एक ऐसे लड़के " अरनव वेदी " की । जो बचपन से ही बहुत सीधा सा लड़का था । अरनव पढ़ाई में बहुत होशियार और हेंडसम भी बहुत था। उसके भाई - बहन उसे बहुत प्यार करते थे । लेकिन उसकी भाभी वरनाली ; अरनव का अपने घर में रहना , बिलकुल पसंद नही करती थी । बचपन से ही अरनव संघर्षों से झूझ रहा था । फिर एक दिन उसकी जिंदगी में " देविका " आती है | " देविका कपूर " एक घमंडी और बिगड़ी हुई लड़की थी | और देविका का अरनव से शादी करना किसी इत्तेफाक के जैसा ही था | फिर एक दिन अरनव के साथ जो हुआ ! वो एक दर्दनाक घटना से कम नही था । लेकिन उसके साथ ऐसा क्यूँ हुआ ? आखिर क्या गलती थी उसकी ? और कौन था वो शक्स जिसने उसके साथ ऐसा किया ? अरनव के साथ आखिर क्या हुआ होगा? पूरी कहानी जानने के लिए पढ़ें "Kya Galati Thi Meri "
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अरनव की विदाई

5 सितम्बर 2022
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( ये कहानी एक ऐसे आम इंसान की है | जो किसी भी ! नॉर्मल इंसान की तरह ही , सपने देखता हैं | बचपन से लेकर आखिरी तक , वह अपनी जिंदगी एक आम आदमी की तरह ही , जीना चाहता है । और एक अच्छी जिंदगी के लिए

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देविका का बयान

6 सितम्बर 2022
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देविका ! अब होश में आ गयी थी औेर अब उसकी हालत भी पहले से काफी ठीक थी । ' अरनव ' को गए हुए ! पूरा एक दिन हो गया था | अगला दिन . . . . सुबह के करीब 9 बज रहे थे | चारों ओर सन्नाटा सा फैला हुआ था ।

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छानबीन

6 सितम्बर 2022
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देविका के statement के बाद ! पुलिस ने अरनव की बीती हुई जिंदगी के बारे में जानना शुरू किया | आखिर अरनव कैसा इंसान था ? और क्या सच में वह ऐसा कर सकता था ? क्योंकि देविका का अचानक ये कहना ; क

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पोस्टमार्टम रिपोर्ट

6 सितम्बर 2022
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सभी पुलिस वाले , आपस मै बात करते है l और उनके मन मे यही सवाल चल रहा था । कि कहीं हम बेवजह ही ! अपना समय बर्बाद तो नहीं कर रहे हैं | क्यूंकि पुलिस को अभी तक अरनव और उसके परिवार के बारे में इतना कुछ जान

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वरनाली की ईष्या

6 सितम्बर 2022
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वरनाली ने भले ही सारिका दीदी और निशांत के सामने ये बात मान ली थी | कि अब वह इलेक्शन नहीं लड़ेगी और वरनाली ने अपनी गलती भी स्वीकार कर ली थी । ( निशांत को बिना बताये , व

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Arnav's headache

8 सितम्बर 2022
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वरनाली , अब हर पल बस इसी मौके के इंतजार मैं ही रहती थी | कि अरनव उसे कब अकेला मिले | अरनव की माँ के जाने के बाद , जब भी अरनव शांत और अकेला बैठा होता था । वरनाली , तुरंत ही अरनव के पास पहुंच जाया

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अरनव का देविका से मिलना

8 सितम्बर 2022
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अरनव के साथ पिछले कुछ महीनो से बहुत कुछ हो गया था | और उसे वरनाली की वेवकूफी की वजह से बहुत कुछ झेलना पड़ा था | अरनव वैसे तो अब पूरी तरह ठीक था । और वह अपनी बहनो और परिवार के साथ पहले की तरह ही बहुत ख

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देविका और अरनव की शादी

8 सितम्बर 2022
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शादी की डेट फाइनल होने वाली थी । और वहां देविका तो मुंह लटकाये हुए बैठी है । जैसे - उसे अंदर से कुछ भी पसंद नहीं हो | दिखने में ' अरनव ' बहुत ही ज्यादा हैंडसम था | एक - दम गौरा चिट्टा रंग , करीब 6 फीट

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प्यार की शुरुआत

8 सितम्बर 2022
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देविका : - " हॉ अरनव ! हाँ . . . . मैं किसी और से . . . . हो गई तुम्हें अब तसल्ली ये जानकर | " ( बहुत तेज गुस्से मे , इतना कहकर ! देविका चुप हो जाती है l ) देविका जो सबके सामने , अभी तक अच्छे से

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unknown number

8 सितम्बर 2022
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अरनव और देविका के बीच ! अगले कुछ महीनो तक सब ठीक चल रहा था I फिर एक दिन श्याम में . . . देविका के मोबाइल फोन की रिंग बजती है l देविका के मोबाइल पर , एक अननोन नंबर शो हो रहा था | देवि

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देविका का अरनव के गले लगना

12 सितम्बर 2022
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देविका , अरनव को कॉल करती है | " भईया आ गये है लेने , आप आ जाओं | हम थोड़ी देर में निकलने वाले है | " अरनव : - " हो सकता है देविका | कि मैं लेट हो जाऊं थोड़ा , तुम चाहो तो निकल जाना | लेकिन जल्दी आ जा

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में तुम्हे किसी अन्जान के साथ नही देख सकता

12 सितम्बर 2022
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देविका . . . . देविका उठो ! सुबह हो गई . . . . ( देविका के बड़े भाई अमित , देविका को अगले दिन सुबह , नींद से उठाते हुए आवाज लगाते है | ) देविका भईया की आवाज सुनकर अपनी ऑखे खोलती है | और वो अपने

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मेरा प्यार सच्चा है देविका

12 सितम्बर 2022
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विकास : - " देविका सुनो ! देविका प्लीज , बस एक बार मुझसे मिल लो | क्या तुम मेरे लिए अब इतना भी नही कर सकती ? " देविका मैसेज देखकर कोई रिप्लाय नही करती हैं l और मन ही मन गुस्से में खुद से कहने लगती है

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वो मेरी सबसे बडी भूल थी

12 सितम्बर 2022
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विकास : - " सॉरी देविका ! तुम्हे मेरी बात का बुरा लगा ना ; में बच्चे की बात नहीं करना चाहता था l पर तुम हो कि मुझसे , मिलना ही नहीं चाहती थी | " देविका : - " अब तो कह दिया पर आगे से उस बात को हमेशा के

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क्या में तुमसे मजाक भी नही कर सकता

12 सितम्बर 2022
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अबॉर्शन के बाद देविका नॉर्मल हो जाती हैं | लेकिन . . . . उस दिन की भूल को सोचकर , आज भी देविका के रोंगटे खड़े हो जाते हैं | और अगर गलती से भी , किसी को भी इस बारे में पता चल जाता | तो वह क्या करती | "

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आखिर सच क्या है देविका

12 सितम्बर 2022
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सिर्फ . . . देविका के बडे भईया को छोड़कर । अरनव को भी बाकी सभी की तरह यही लग रहा था | कि देविका उस एक्सीडेंट को देखकर घबरा गई है | इसलिए उसका प्रेग्नेंसी में ब्लड प्रेशर एक दम से हाई हो गया l देविका क

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अपने पापा की खुशी

12 सितम्बर 2022
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अगले 2 महीने तक ऐसे ही चलता रहा | देविका भी अच्छे से जानती थी | कि अरनव का व्यवहार , उसके लिए क्यूं बदल गया है | लेकिन वह कभी भी देविका से कुछ नही कहता था | और न ही उसने फिर कभी देविका से विकास के बार

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मेरी बात याद रखना अरनव

12 सितम्बर 2022
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10 मिनिट बाद अरनव , रूम में अंदर जाता है | अरनव को देखते ही देविका तुरंत फोन रख देती है और बुरी तरह घबरा जाती है | अरनव : - " अरे ! क्या हुआ तुम्हे ? तुम इतना डर क्यूं गयी ? वो भी मुझे देख कर I " देवि

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ये देविका कौन है विकास

12 सितम्बर 2022
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अरनव : - " देविका के कहने से क्या होता है ? वो मुझसे इस तरह खुशी को नहीं छीन सकती | लेकिन . . . कहीं विकास के साथ मिलकर ! खुशी को उसने मुझसे सच में दूर कर दिया तो | देविका बहुत चालाक है | अपना उल्लू स

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Fake treatment

12 सितम्बर 2022
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अरनव , अपने जीजा जी के साथ ! वहाँ के एक अच्छे डॉक्टर को दिखाने जाता हैं | अरनव ! उस डॉक्टर को अपनी सारी प्रॉब्लम बताता हैं | डॉक्टर : - " ऐसा कितने दिनो से महसूस हो रहा हैं आपको ? " अरनव : - " यही , अ

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झूठ प झूठ

12 सितम्बर 2022
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देविका ; अपने भईया को डॉक्टर को बिना दिखाए ! बापस घर लौटने के लिए तो मना लेती हैं । लेकिन देविका को ये नहीं समझ आ रहा था | कि वह भईया को सारिका दीदी और जीजा जी से झूठ बोलने के लिए कैसे मनाएं ? देविका

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देविका की चाल

12 सितम्बर 2022
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पिछले कुछ महीनों से अरनव अपनी खराब तबीयत की वजह से ; स्कूल भी नही जा रहा था | देविका ने ही अरनव को उसकी जॉब से ; रिजाइन दिलवा दिया था | क्यूंकि . . . . देविका ने , अरनव के स्कूल में उसका पिछले कुछ मही

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सारिका का शक

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दोपहर के 2 बजे ; डोरवेल बजती हैं | सारिका दीदी का घर . . . . और उनकी सबसे छोटी बेटी चारू ; दरवाजा खोलती है | " अरे मामी आप ! आओ , अंदर आ जाओ मामी . . . . खुशी नहीं आयी क्या आपके साथ ? " सा

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श्वेता की मौत

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पुलिस द्वारा ; अभी तक अरनव के साथ रहने वाले , घर के सभी लोगों के बारे में ; अच्छे से छानबीन कर ली गई थी । इससे पुलिस को , ये तो साफ हो गया था । कि अरनव की हत्या या उसकी साजिश के पीछे , कोई

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Negative mind

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संडे का दिन , सुबह के 11 बज रहे थे | अरनव रूम में लेटा हुआ था | अपने अंदर वह पहले से बहुत बीकनेस फील कर रहा था | वह अब ठीक से खड़ा भी नही हो पा रहा था | तभी देविका रूम मे अरनव के पास आती है | देविका :

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Next step

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देविका बहुत confidence के साथ , अब अपने अगले कदम की ओर आगे बढ़ रही थी | और उसे अंजाम देने के लिए वो मेंटली ओर फिजिकली पूरी तरह तैयार थी | देविका का अगला कदम , उसे उसकी सपनों की दुनिया में ले जाने वाला

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kidnaping

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देविका के अरनव को मोबाइल देने के बाद ; उस रात अरनव पूरी रात भर यही सोचता रहा | कि कल देविका के इस खेल के बारे में सबको पता चल जाएगा | और उसे उसके अभी तक किए गए ! सारे गलत कामों की सजा भी मिल जाएगी | त

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तुम ही विकास हो

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गुंडो ने गाडी में अरनव का चेहरा , ऊपर से गर्दन तक पूरी तरह एक काले कपड़े से ढंक दिया था | और वो दोनो गुंडे उसे उस शहर के बिलकुल बाहर , एक सुनसान जगह पर ले गए | वहाँ उस सुनसान जगह पर एक ही घर बना हुआ थ

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बस एक दिन और

12 सितम्बर 2022
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देविका शाम होते ही अपनी प्लानिग के अनुसार , घर के सभी मेम्बर्स को फोन करना शुरू करती है | जैसे - अरनव के सबसे बडे भाई बलराज को , सारिका दीदी को , और अरनव के पिता से पूछना | और सभी को इस तरह दिखा

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प्लीज मुझे जाने दो

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विकास , चेयर से उठकर जाने के लिए खड़ा हो जाता है | और अपने अंदर अरनव की थोडी देर पहले , उसके लिए कहीं गयी बात के लिए , उससे गुस्सा होकर बदला लेने के नजरिये से देखता है | लेकिन फिर भी विकास ऊपर से झूठी

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End of Torture

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विकास , चेयर से उठकर जाने के लिए खड़ा हो जाता है | और अपने अंदर अरनव की थोडी देर पहले , उसके लिए कहीं गयी बात के लिए , उससे गुस्सा होकर बदला लेने के नजरिये से देखता है | लेकिन फिर भी विकास ऊपर से झूठी

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