देविका ! अब होश में आ गयी थी औेर अब उसकी हालत भी पहले से काफी ठीक थी ।
' अरनव ' को गए हुए ! पूरा एक दिन हो गया था |
अगला दिन . . . .
सुबह के करीब 9 बज रहे थे | चारों ओर सन्नाटा सा फैला हुआ था । पूरा परिवार ! अभी भी सदमें मैं था |
घर की बहनो और दोनों भाइयों को छोड़कर बाकी सभी जा चुके थे ।
कि तभी वहाँ देविका से , पूछताछ के लिए पुलिस आ जाती हैं | क्योंकि अरनव की मौत के पीछे का ! बहुत कुछ रहस्य , अब देविका के बयान पर ही निर्भर करता था l
( पुलिस को बताते हुए )
देविका : - " अरनव दो दिन से ! घर नहीं आये थे | मेंने उन्हें बहुत ढूंढा ! और हर जगह ही उन्हें ढूंढने की बहुत कोशिश की | पर वह नहीं मिले |
शहर मे ऐसी कोई जगह नही थी ! जहाँ मैने उनकी तलाश नही की हो | सारे रिश्तेदारों के यहां भी गयी | पर अरनव किसी के यहाँ भी नहीं गए थे उस दिन | "
पुलिस : - " लेकिन आप पहले पुलिस के पास क्यूं नहीं आयी ? "
देविका : - " मै एक प्राइवेट स्कूल में टीचर हूं और उसी स्कूल मैं ! मेरे साथ मेरी बेटी माहिरा भी जाती हैं |
देविका और अरनव की बेटी माहिरा , अभी 6 साल की है । और उनकी शादी को 7 साल पूरे हो चुके थे |
देविका : - " 2 दिन पहले , जब में ! स्कूल जा रही थी I तब - तक तो , घर में ! सब कुछ ठीक था । और ' अरनव ' भी ठीक थे |
और उस दिन में हर रोज की तरह ही , स्कूल जाने के लिए , सुबह जल्दी उठी और सभी के लिए खाना बनाया | और घर का सारा काम ! करने के बाद अरनव को चाय और नाश्ता दिया | फिर अपनी बेटी को तैयार करके , मे ' स्कूल के लिए निकल ही रही थी । "
( पुलिस : - देविका का कहना था | कि हर रोज भी वह ! इसी तरह स्कूल जाया करती थी I यही उसका रोज का रूटीन था । )
कि तभी ' अरनव ' अपनी बेटी माहिरा के पास आकर , उसे प्यार से ! गले लगा लेते हैं | और अपनी बेटी से कहते है |
" कि तुम बड़ी होकर एक बहुत अच्छा इंसान बनना , ईश्वर तुम्हारी हर कदम पर मदद करे , पर बेटा तुम कभी भी अपने पापा की तरह नहीं बनना । फिर आशु दोनों को बाहर स्कूल बस तक छोड़ने के लिए आते हैं | "
पुलिस ( सोचते हुए ) : - " देविका ने कहा कि अरनव ने , उस दिन से पहले कभी भी , अपनी बेटी से स्कूल जाते समय इस तरह की बात नहीं कही थी | "
देविका : - " में स्कूल मैं , छोटे क्लास के बच्चों को पढ़ाती हूं | और मेरा स्कूल दोपहर 2 बजे तक लगता है |
दोपहर के 2 : 30 बजे के लगभग , मैं स्कूल से ! घर लौटकर आती हूं | और उस दिन जब में स्कूल से घर वापस आयी | तब अरनव घर पर नहीं थे |
मैंने उन्हें पूरे घर में देखा ! पर अरनव कहीं भी नहीं थे | फिर मैंने , ' अरनव ' को फोन किया | पर उस समय उनका फोन ! स्विच ऑफ आ रहा था |
तब मैंने यही सोचा | कि , अरनव शायद बाजार गए होंगे या अपनी बड़ी बहन या भाई के यहां गए होंगे | "
( जैसा - कि अरनव अक्सर जाया करते थे । )
पुलिस : - उस समय आपने अपने पिता से पूछना जरूरी नही समझा ?
देविका : - " क्यूंकि मुझे लगा कि वो पास में ही गये होंगे । इसलिए | "
पुलिस : - अच्छा फिर क्या किया आपने ?
पुलिस के इस तरह के cross question से देविका थोड़ा घबरा गई थी l
देविका : - " जी फिर में माहिरा को स्कूल का होम वर्क करवाने लगी | और फिर थोड़ी देर बाद मे सो गई थी | क्यूंकि उस दिन मुझे ! सुबह से ही बहुत थकान महसूस हो रही थी | "
पुलिस : - " सिर्फ उस दिन या हर रोज ही l "
देविका : - " जी पिछले कुछ दिनों से हर रोज ही ! क्यूंकि मुझे हर रोज सुबह 4 बजे उठना पड़ता है | और पूरा दिन हो जाता है | कुछ टाइम से थोड़ा स्ट्रेस भी हो रहा था | शायद इसलिए " |
पुलिस : - " अच्छा मान लेते है | आप कह रहीं है तो | चलिए फिर आगे " |
देविका : - " फिर अचानक से कुछ देर बाद मेरी आँख खुलती हैं | मैंने देखा कि , मेरे पास ही माहिरा भी लेटी हुई है |
फिर मैं ! पिता जी के लिए शाम की चाय बना कर , घर के बाकी काम करने लग जाती हूं | "
पुलिस : - " लेकिन उठने के बाद भी ! जब अरनव नही आया था | तब भी आपको फिक्र नहीं हुई | अजीब है | खैर आगे बताइए | "
देविका ( थोड़ा डरते हुए ) : - " तब शाम के करीब 6 बजने वाले होंगे | पर अरनव तब तक भी घर नहीं आये थे | इसलिए फिर मुझे उन की , फिक्र होने लगी थी |
तब मुझे यही लगा | कि आखिर अरनव गये कहा है ? जो अभी तक घर नहीं आये | फिर मैंने अरनव के पिता जी से पूछा था | कि अरनव कहां गए हैं ? क्या वह आपसे कुछ बोलकर गये थे ? कि वो कहां जा रहे हैं | "
पुलिस : - " अच्छा तो अब याद आया ये आपको ! कि पिता से पूछ लूं | "
पुलिस के बार - बार इस तरह बीच में सवाल पूछने से देविका थोड़ा परेशान हो रही थी | इसलिए नीचे face करके वो चुप हो गयी थी |
देविका : - " तब उन्होंने कहा कि अरनव उनसे कुछ भी बोलकर नहीं गए और उन्होंने भी ! अरनव को सुबह 10 बजे के बाद से नहीं देखा है | "
पुलिस : - " एक मिनिट सुबह 10 बजे के बाद से करीबन 8 घंटे हो गए थे अरनव को घर से गये हुए | "
देविका : - " फिर मैंने अरनव की बड़ी दीदी को फोन किया | कि कहीं अरनव वहां तो नहीं गये , ये पूछने के लिए ! पर ये वहां भी नहीं थे |
फिर मैंने ! अरनव के सबसे बड़े भाई ' बलराज ' को फोन किया | तब उन्होंने बताया था I हाँ अरनव सुबह 11- बजे के करीब आया तो था | पर वह तो 1 बजे ही यह कह कर ! यहाँ से निकल गया था | कि अब वह घर जा रहा है | फिर उसके बाद तो नहीं आया |
अरनव अभी तक घर नहीं आए है भईया | में ये कहकर फोन रख देती हूँ | "
पुलिस : - " लेकिन देविका जी ! आपने बलराज जी से ये भी नही पूछा | कि अरनव आपके यहाँ 2 घंटे रुके तो उन्होंने आपसे कुछ कहा क्या या वो परेशान थे क्या ? "
देविका ( घबराते हुए ) : - " जी वो में , टेंशन में भूल गई थी उनसे ये पूछना | "
पुलिस : - " टेंशन में आप अरनव के बारे में ही पूछना भूल गई । चलिए ठीक है बताइए फिर क्या हुआ ?
देविका : - " फिर मैंने हमारे आसपास जितने भी पड़ोस में रहते है | सभी से पूछा , लेकिन कोई कुछ भी नहीं जानता था इनके बारे में |
ये कहते हुए देविका भावुक होकर बहुत रोने लगी |
देविका ( रोते हुए ) : - " देखिए ! आप लोग समझने की कोशिश कीजीए | उस वक्त मेरे मन में बहुत सारे विचार आ रहे थे | और मेरी बेचैनी धीरे - धीरे बड़ती ही जा रहीं थीं |
क्योंकी रात के 9 - बजने वाले थे और इनका अभी तक कुछ भी पता नहीं चला था | "
देविका ने पुलिस को बताया कि उसने सभी रिश्तेदारों को फोन कर लिया था पर अरनव कही भी नहीं गये थे | फिर वह अरनव के एक और भाई निशांत , जो उसी घर में अलग रहते हैं | उनके पास जाती हैं और उनसे अरनव के बारे में पूछती है । पर अरनव वहाँ भी नहीं गये थे ।
( अरनव और देविका की उनसे नहीं बनतीं है और अयान इन्हीं का बेटा है | )
पुलिस : - " देविका जी क्या आप हमे ये बताएंगी कि आपने अपने घर में ही रह रहे निशांत जी से सबसे पहले पूछना क्यूं जरूरी नहीं समझा ? "
देविका : - " मैने अभी कहा ना हमारी उनसे नही बनती थी I "
पुलिस : - " क्या वाकई यहीं वजह थी या कुछ और "
देविका : - " जी और कोई वजह नहीं थी | मैंने तब फिर से सारिका दीदी को फोन किया | और उन्हें इनके बारे में बताया | "
देविका फोन पर बहुत रो रही थी |
सारिका : - " देविका ! रोते नही ऐसे | तू फिक्र मत कर , कही नही गया होगा अरनव वो यहीं - कही होगा | हम आ रहे हैं | "
फिर सारिका और उनका बेटा मयंक देविका के घर आये |
देविका : - " फिर में और मयंक हम दोनों अरनव को ढूढने के लिए निकले | साथ ही मेंने 2 - 3 लोगों को और अपने साथ बुला लिया था जो पास ही रहते थे |
हम सभी अलग - अलग ! शहर में हर जगह अरनव को ठूंठ रहे थे | हमने शहर का कोना - कोना छान डाला पर हमें अरनव का कुछ पता नहीं चला |
हम सभी थक हार - कर ! घर लौटकर आ जाते है | सभी लोग बहुत परेशान थे औेर सभी मुझे दिलासा दे रहे थे | कि हो सकता है | वह शहर के बाहर गया हो , देखना कल जरूर आ जाएगा |
अभी तुम सो जाओ और बच्ची का ध्यान रखो | "
पुलिस : - " अच्छा किसी ने भी या आपके ही मन में एक बार भी ये नहीं आया कि हमें पुलिस के पास जाना चाहिए l "
देविका : - " जी वो अरनव पहले भी 2 - 3 बार कुछ घंटो के लिए घर से चले गए थे | पर फिर वापस आ जाते थे | बस इसलिए | "
दोनों पुलिस वाले आपस में बात करते है कि पहले भी अरनव गया था | लेकिन हम इस बारे में बाद में पूछेगे पहले सुनते है | पूरा statement I
देविका : - " जैसे - तैसे बेचैनी से मेरी रात गुज़रती है और सुबह होते ही हम सब फिर अरनव को देखने के लिए निकल पड़ते है | पर अरनव अगले दिन भी नही मिले |
हम सभी ! पूरी तरह हिम्मत हार चुके थे और अब हमारे पास पुलिस के पास जाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं था |
लेकिन जब अगले दिन ये नहीं मिले तो मेरे मन में यही डर था | कि कहीं अरनव के साथ कोई घटना तो नहीं हुई ! कुछ गलत तो नहीं हुआ होगा और इन्हीं सब में दूसरे दिन भी ! रात बहुत हो चुकी थी |
और मेरी हालत भी ! तब ज्यादा बिगड़ती जा रही थी और फिर अचानक ही मेरी बेचैनी बहुत बढ़ने लगती हैं और फिर मुझे उल्टी होने लगती है | औेर ब्लड प्रेशर भी काफी कम हो जाता है |
तब सभी मुझे ' हॉस्पिटल ' मैं एडमिट करवाते हैं | जहां मुझे थोड़ा आराम मिलने पर मे हॉस्पिटल से घर आ जाती हूँ |
तब सभी मुझे आराम करने की कहते है और अगर अरनव सुबह होने तक नहीं आया | तो हम पुलिस के पास चले जाएंगे | "
ये सुनकर ही पुलिस वालो को गुस्सा आ रहा था | और वो गुस्से से कहने लगे . . .
" इसका मतलब पूरे दो दिन आप लोगो ने I "
देविका : - " हम क्या करते ? मैने कहा ना पहले भी जा चुके थे 2 - 3 बार इसलिए | पर अगली सुबह क्या होने वाला था ? इसका किसी को भी थोड़ा भी अंदाजा नहीं था | कि हमें अरनव मिलेंगे भी तो इस तरह | "
ये कहते हुए देविका जोर - जोर से रोने लगती हैं |
पुलिस : - " देविका जी क्या आपको ऐसा नहीं लगता है ?कि आप लोगों को पुलिस के पास जल्दी आ जाना चाहिए था | तो शायद ! अरनव आज जिंदा होता | "
तब अचानक ही देविका पुलिस से कहती हैं | अरनव की दिमागी हालत ठीक नहीं थी | वह डिप्रेशन का शिकार थे और उन्हें यह बीमारी काफी समय से थी | इसलिए हम दूसरे दिन पुलिस के पास नहीं आये |
देविका का ये कहना ! पुलिस को बहुत ही अजीब सा लग रहा था |
क्योंकि कल जब अरनव को , पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार के लिए घर लाया गया था I तब देविका जोर - जोर से रो - रो कर यह कहते हुए ही बेहोश हो गयीं थी ।
" अरनव आत्महत्या नहीं कर सकते | वो मुझे छोड़कर ! इस तरह नहीं जा सकते | अरनव कभी भी आत्महत्या नहीं कर सकते | और तब जोर - जोर से रोते हुए बार - बार यही कहें जा रहीं थीं |
और आज वही देविका का इतनी आसानी से ये कह देना कि उनकी दिमागी हालत ही , ठीक नहीं थी | ये बात कुछ ठीक सी नही लग रही |
पुलिस का शक अब दो तरफ जा रहा था | एक देविका के बयान की बजह से देविका पर | क्योंकि वह शायद अभी भी कुछ छुपा रही थी |
इसलिए हम एक बार और देविका से पूछताछ करेंगे | पर पहले पूरा मामला जानने के बाद l
वही दूसरी ओर शक ! अरनव के भतीजे अयान पर भी पुलिस को हो रहा था | आखिर क्या कारण था ? कि अरनव की जेब से सिर्फ अयान का ही नंबर क्यूं मिला | या कोई उसे जानकर फसाना चाहता था |
( पुलिस को घटना स्थल या उसके आसपास से अभी तक अरनव का मोबाइल नहीं मिला था और ना ही उसके कपड़ों से | और अगर अरनव फोन ही रखता था तो कागज पर अयान का नंबर लिखने की क्या जरूरत थी | आखिर अरनव का फोन गया कहा होगा ?
फिर ऐसे ही बहुत से सवाल , पुलिस वालों के मन में आ रहे थे | जिनके जवाब अभी मिलना बाकी थे | या फिर दोषी कोई और ही है | जो अभी तक पुलिस की नजर से दूर है । इन सारे सवालों के जवाब , पुलिस अब ! अरनव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही ठूंठ पाएगी और अरनव की मौत की असली वजह भी |
पोस्टमार्टम रिपोर्ट 2 दिन मैं आ जाएगी और मौत जहर खाने से हुई है या किसी ने अरनव को मारा है या फिर उसे जबरदस्ती जहर खिलाया है | यह भी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चल जाएगा |
लेकिन जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आ जाती । हमे तब तक बाकी घर वालों से भी पूछताछ करनी होगी |
पुलिस अब अरनव की जिंदगी मैं , अहमियत रखने वाले हर व्यक्ति के बारे मे जानना चाहती थीं |
अरनव के साथ उसके घर में जो कोई भी उसके साथ रहता था | सबका अरनव से किस तरह का रिश्ता था ? और अरनव के साथ उनका व्यवहार किस प्रकार का था ?
ये सारी बातें जानना ! अब पुलिस के लिए जरूरी था l
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक ! पुलिस अरनव के भाई , बहन और माता - पिता के बारे मे जानना चाहती थी । लेकिन उन्होंने शुरुआत सबसे पहले , अरनव से ही की | अरनव की खुद की जिंदगी के बारे मैं जानने से |
आगे किसकी सच्चाई सामने आएगी और कौन होगा अरनव का असली दोषी ?
जानने के लिए आगे पढ़ते रहे . . . . . और मेरी नॉबल आपको अच्छी लगे तो Please Like , comment and share करे |