अबॉर्शन के बाद देविका नॉर्मल हो जाती हैं |
लेकिन . . . . उस दिन की भूल को सोचकर , आज भी देविका के रोंगटे खड़े हो जाते हैं | और अगर गलती से भी , किसी को भी इस बारे में पता चल जाता | तो वह क्या करती |
" में उस दिन को कभी भुला नहीं पाऊंगी | अगर अरनव को मुझ पर जरा भी शक हो जाता तो | "
लेकिन अरनव ने कभी भी देविका पर शक नही किया | क्यूंकि अरनव और देविका के बीच अब धीरे - धीरे प्यार बढ़ रहा था |
अरनव , देविका का प्रेग्नेंसी टाइम में हर तरह से बहुत ध्यान रखता था |
इसलिए अब देविका और अरनव की जिंदगी में फिलहाल सब कुछ ठीक चल रहा था | अरनव भी देविरा को ! बिना किसी शिकायत के बहुत प्यार करता था |
लेकिन . . . फिर भी कभी - कभी देविका को विकास की याद आ ही जाती थी | क्यूंकि . . . विकास , देविका का पहला प्यार था | जिसे वो शायद कभी भुला नहीं पाएगी |
देविका ने विकास के साथ अपनी जिंदगी के 6 - 7 साल गुजारे थे | और देविका को अरनव से प्यार हुए , अभी कुछ महीने ही हुए थे |
तभी कुछ टाइम बाद एक दिन . . . .
देविका के बडे भाई अमित का फोन आता है | देविका भईया का कौल रिसीव करती है |
अमित : - " कैसी हो देविका । "
देविका : - " मैं ठीक हूं भईया . . . . "
तभी देविका की भाभी , भैया से फोन लेते हुए देविका से कहती है |
" दीदी अब कैसी तबीयत हैं आपकी | अब तो ठीक लगता होगा ना आपको | "
देविका : - " हाँ भाभी ! में अच्छी हूँ , और हाँ अब पहले से तो ठीक लगता है | "
भाभी : - " अब तो आपका 7 वां महीना लग जाएगा आपका 4 दिन बाद . . . "
देविका : - " हाँ भाभी ! 6 महीने पूरे हो जाएंगे । "
[ तब देविका की भाभी ! देविका को छेड़ते हुए कहती है | ]
भाभी : - " और हमारे जीजा जी , अरनव जी आपका ध्यान तो ठीक से रख रहे हैं ना ?
और कुछ लाते है या नहीं जीजा जी आपकी पसंद का ? "
[ देविका , भाभी की बात पर हंसते हुए कहती है | ]
" हां भाभी , ये मेरा बहुत ध्यान रखते है । "
तभी भईया , बीच में ही फोन लेते हुए कहते है |
" अरे ! लाओं देविका से मेरी तो बात करवाओ ।
देविका सुन एक गुड न्यूज़ है | अपनेराहुल को लड़की पसंद आ गई है | इसलिए अगले हफ्ते अब उसकी सगाई हैं |
देविका : - " अरे वाह भईया ! ये तो बहुत अच्छी बात है । "
भईया : - " तुम सबको आना है | लेकिन . . तू अभी आ जा थोड़ा पहले | सब मिलकर मस्ती करेंगे | "
देविका : - " हाँ ! भईया . . क्यूं नहीं | में आ जाऊँगी | "
( देविका राहुल की सगाई की बात सुनकर ; भैया से बहुत खुश होते हुए कहती है । )
भईया : - " ठीक है , फिर मे अरनव से बात करता हूँ | "
भईया , अरनव से फोन पर बात करते है l और अरनव भी देविका को ले जाने के लिए भईया को हाँ कर देता है |
उधर देविका बहुत खुश होकर अपने भतीजे की सगाई के लिए , पैकिंग कर रही थी | कि तभी अरनव स्कूल से घर आ जाता है |
अरनव : - " अरे वाह ! तुम्हारी तो पैकिंग ही शुरू हो गई | मायके का नाम सुनकर | आज ही भईया का फोन आया और आज ही बिना कोई देर किए जाने के लिए तैयार ! हमारी प्यारी मैडम | और तो और मुझसे तो पूछा भी नहीं I
[ अरनव , हंसी में देविका को चिड़ाते हुए उसके मजे लेता है | ]
देविका : - " क्या आप भी ना ? क्यूं चिड़ा रहे हो मुझे ? "
[ ये कहते हुए देविका , अरनव के गले लग जाती है | ]
अरनव : - " मजाक भी नहीं कर सकता क्या में अपनी बीबी से ? "
[ ये कहते हुए अरनव , देविका के माथे पर प्यार से किस करता है I ]
अरनव : - " लेकिन मेरी बात अब तुम ध्यान से सुनो देविका | तुम जा तो रही हो ऐसी हालत में | लेकिन तुम अपना ध्यान रखोगी | ठीक हैं |
खाना - पीना , दवाई सब टाइम पर लेना होगा और थोड़ा भी स्ट्रेस और वर्क लोड नहीं करना है |
डॉक्टर ने स्पेशली कहा हैं ना के कोई भी लापरवाही नहीं करनी है I और रेस्ट भी करना है | क्योंकि तुम्हें अभी भी वीकनेस फील हो रही है | "
देविका : - " हॉ अरनव "
अरनव : - " कोई लापरवाही नही करना है तुम्हें , क्यूंकि बहाँ सब सगाई के कामों में बिजी होंगे | इसलिए कह रहा हूं कि तुम्हें अपना ध्यान खुद ही रखना होगा |
और फिर 5 - 6 दिन बाद तो में आ ही जाऊंगा |
प्लीज ! देविका हमारे बच्चे के लिए . . . . "
[ ये कहते हुए अरनव ; प्यार से देविका के पेट पर अपना हाथ रखता है | ]
देविका : - " हाँ बाबा ! नही करूंगी कोई लापरवाही । अब तो ठीक है ना "
[ फिर दोनो हंसने लगते है | ]
और एक दिन बाद ही देविका अपने मायके पहुँच जाती है |
देविका बहुत खुश है | अपने भतीजे की सगाई के लिए |
तभी एक दिन . . . .
देविका अपनी भाभी के साथ , बाजार गई थी | अपने भतीजे की सगाई में पहनने के लिए लहंगा लेने I
देविका और उसकी भाभी शॉपिंग करके गाड़ी से घर वापस आ रहे थे | तभी मैन रोड पर रास्ते में उनकी गाड़ी के ठीक सामने ! एक एक्सीडेंट हो जाता हैं | एक्सीडेंट बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं था | फिर भी दो बाइक की आपस में टककर हो गई थी | जिसकी वजह से एक बाइक वाले को ज्यादा चोट आई थी |
उसके सिर पर हेलमेट लगा हुआ था | इसलिए ! सिर पर चोट नही आयी | लेकिन . . . उसके एक हाथ और पैर में बहुत चोट लग गई थी और खून ही खून बह रहा था |
फिर वहाँ एक्सीडेंट की वजह से ! बहुत भीड जमा हो जाती हैं | वहां मौजूद लोग उस बाइक बाले का हेलमेट निकालते है | इतने में देविका की गाड़ी का ड्राइवर कार से उतरकर उस एक्सीडेंट के पास चला जाता है |
और देखता हैं | कि ये तो विकास भाई है | और गाड़ी में वापस आकर , विकास के घर पर तुरंत फोन लगाता है |
[ देविका का ड्राइवर , पहले विकास के यहाँ ही गाड़ी चलाया करता था | ]
देविका ड्राइवर से पूछती है ।
" क्या हुआ ? कौन है वो ? जिसे देखकर तुम इतना परेशान हो गए हो । "
ड्राइवर : - " दीदी ! ये विकास भईया हैं | अपने कांन्टरेक्टर वाले सेठ जी के बेटे | जिनके यहां मै पहले काम करता था | बहुत खून बह रहा हैं | उनके पैर में बहुत चोट आयी है | "
इतना सुनते ही देविका बहुत घबरा जाती है | मानो जैसे पता नहीं क्या हो गया हो और उससे रहा नहीं गया । वह तुरंत गाड़ी से उतरकर विकास को देखने के लिए नीचे उतरती है ।
भाभी : - " दीदी ! कहाँ जा रही हो आप इतनी भीड में ? ऐसी हालत में |
देविका : - " आती हूँ भाभी . . . बस एक मिनिट | "
भाभी भी देविका को जाता हुआ देखकर उस के पीछे जाने लगती है |
देविका , विकास को रोड पर इस तरह देखकर बेहोश और खून से लतपथ देखकर बहुत ज्यादा घबरा जाती है | और उसका ब्लड प्रेशर बड जाता है | उसे चक्कर आने लगते है |
तभी वहाँ एंबुलेंस आ जाती हैं और वह विकास और एक और व्यक्ति जिससे विकास का एक्सीडेट हुआ था । उसे हॉस्पिटल ले जाती है |
इधर भाभी देविका को संभालती हैं | और घर ले जाती हैं |
भाभी : - " क्या जरूरत थी दीदी ? आपको ऐसी हालत में इस तरह भीड़ में जाकर ! ये सब देखने की | क्यूं निकली थी आप गाड़ी से बाहर ? अभी आपको और बच्चे को कुछ हो जाता तो भीड़ में ? "
देविका मन ही मन कुछ सोचते हुए बस रोये जा रही थी l
जिससे देविका का ब्लड प्रेशर बढ़ गया था | इसलिए तुरंत डॉक्टर को घर पर बुलाया |
सभी ये सोच रहे थे | कि देविका का ब्लड प्रेशर वो एक्सीडेंट और एक्सीडेंट मे हुए घायल को खून से लतपथ देखने की वजह से बढ़ गया हैं |
डॉक्टर ने भी देविका को पूरी तरह , आराम करने के लिए कहा |
राहुल , की सगाई होने में अभी 3 दिन बाकी थे | लेकिन जब देविका की भाभी ने अरनव को देविका की तबीयत के बारे मैं और आज जो कुछ भी हुआ | उसके बारे में बताया तो अरनव अगले ही दिन छुट्टी लेकर देविका के पास आ गया था |
अरनव : - " कैसी हो , अब तुम देविका ? "
देविका : - " हाँ ! मैं अब ठीक हूँ । "
अरनव को देखकर देविका उससे अपनी हालत के लिए नजरे नही मिला पाती है |
अरनव : - " तुमने भाभी की बात क्यूं नहीं मानी थी कल देविका ? अगर कोई और प्रॉबलम हो जाती तो ? तुम्हें इतनी भीड मै नही जाना चाहिए था ना l तुमने कहा था आते टाइम मुझसे ! कि तुम अपना ध्यान रखोगी |
तुम्हे पता है ! कि मैं कितना परेशान हो गया था ? तुम्हारी कितनी फिक् हो रही थी मुझे ? "
देविका : - " सॉरी अरनव ! आगे से में ध्यान रखूंगी । "
अरनव को भी सभी की तरह यही लग रहा था | कि देविका उस एक्सीडेंट को देखकर घबरा गई |
लेकिन . . . देविका के बडे भईया को छोड़कर ।
देविका के बडे भाई ये बात अच्छी तरह समझ चुके थे | कि देविका एक्सीडेंट की वजह से नहीं ... बल्कि विकास के एक्सीडेंट की वजह से घबरा गई थी | और इसलिए उसने , गाड़ी मे भाभी की बात भी नही मानी थी |
और इस एक्सीडेंट से , भईया को यह भी कन्फर्म हो गया था | कि देविका अभी भी विकास से प्यार करती है |
जबकि . . . कुछ महीने पहले उन्हें लगा था । कि अब सब ठीक हो गया हैं | जब पिछली बार देविका घर आयी थी l
लेकिन . . . अब आगे क्या होगा ? क्या देविका ; खुद को रोक पाएगी विकास से बात करने से ?
या फिर ; अभी भी ! कुछ और भी ऐसा हैं | जिसे भईया भी नही जानते है |
क्या राहुल की सगाई में अरनव जान पाएगा ? विकास का सच ?
जानने के लिए आगे पढ़ते रहे - - - - - - - - -