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नफरत बदला बेहद प्यार में ... 5

1 सितम्बर 2022

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                   ( अगर मानवी बड़े घर की बेटी होती और शहर से होती , तो पता है उसके फ्रेंड्स क्या कहते आज उसे ऐसे लुक में देखकर - किलर लुक )😀😀
       वैस यहाँ और भी बहुत सी ऐसी लड़की थी जो दिखने में बहुत सुंदर लग रही थी , लेकिन उन सब के चेहरे पर वो मासूमियत नही दिख रही थी ,जो मानवी के चेहरे पर थी इस वक्त - - - आज सच में मानवी एक आदर्श बेटी की तरह लग रही थी ; लोग तो उसे हमेशा उछल -कुद करते ही देखे थे उस हिसाब से मानवी आज आदर्श बेटी लग रही थी सबको😜😄😅 शायद आज सुबह मे आपनी माँ से  डाट पड़ने का असर  है ये ;😜

पूजा सफलतापूर्वक समाप्त हो जाती हैं ।
  पूजा समाप्त होते हैं सब लोग प्रसाद ग्रहण किये और धीरे - धीरे सब लोग अपने अपने घर जाने लगे ।

     इधर मिस्टर सिकरवार भी प्रसाद लेने के बाद . . जाने से पहले पाठक जी के पास आए उनसे मिलने के लिए '  बातों ही बात में मिस्टर सिकरवार ने पाठक जी से मानवी को अपने साथ दिल्ली ले जाने के लिए कहते हैं ,  पहले तो पाठक जी ने बहुत मना किया .. कि नहीं रहने दिजिए । मानवी वहाँ जाकर आप लोगों को बहुत तंग करेंगी , और हमारा भी मन नहीं लगेगा उसके बिना । आप तो अब जान ही चुके होंगे कि मानवी कितनी चंचल है , वो एक जगह कभी चैन से नहीं रह सकती है , और तो और उसका पैर घर ज्यादा देर तक नहीं टिकते है , कही वो बाहर चली गई आप के गैर मौजूदगी में तो बहुत बडी गड़बड़ हो जाएगी । मुझे हमेशा उसको लेकर एक डर  बना रहता है , कहीं किसी दिन उसकी यह उछल - कूद उसके लिए महंगा ना पड़ जाए । 
                तो मिस्टर सिकरवार पाठक जी की बातों को बीच में काटते हुए बोले ।
मिस्टर सिकरवार - हमारी मानवी में चंचलता के साथ - साथ  भोलापन भी हैं , आप इसी से डरते हैं ना की मानवी की भोलापन का कोई फायदा ना उठा ले । 
देखिए पाठक जी आप उसकी चिंता मत करें , वह छोटी जरूर है लेकिन उसे दुनिया कि समझ हैं । वह काफी समझदार है । रही बात मानवी को दिल्ली ले जाने की तो मैं उसको तो लेकर जाऊंगा ।  अब आप रोक नहीं  सकते हैं . . . उसको मेरे साथ दिल्ली आने से क्योंकि , अब आपके पास कोई बहाना नहीं है उसको यहां रोक कर रखने का 😊। यह कहकर मिस्टर सिकरवार मुस्कुरा दिए । फिर मिस्टर सिकरवार पाठक जी से बोले की अब आप जल्दी से जाकर मानवी को बोल दीजिए दिल्ली जाने के लिए पैकिंग कर लें । मैं कल शाम को आऊंगा उसको लेने । तो पाठक जी मुस्कुरा कर बोले ... ठीक है भाई अब - जब आपने फैसला कर ही लिया है , उसको अपने साथ ले जाने के लिए ... तो मैं अब आपको रोक नहीं सकता .... क्योंकि आप मेरे भाई जैसे ही हैं । आप उसका ख्याल अच्छा से रखेंगे , ये मुझे पूरा विश्वास है । पाठक जी फिर मुस्कुरा कर बोले अरे मानवी जब यह बात सुनेगी तो बहुत खुश होगी । वह तो शायद वहां जाकर हमें भूल ही जाएगी ,क्योंकि उसका बचपन से ही शौक था कि वह कभी शहर जाए ,लेकिन हम कभी उसे लेकर गए ही नहीं । तो मिस्टर सिकरवार बोले कोई नहीं आप नहीं ले गए तो मै ही सही ...  

       कुछ देर तक इधर-उधर की बातें करते रहे दोनों लोग आपस में और फिर कल शाम को आने का कह कर मिस्टर सिकरवार अपने घर चले गए उनको भी पैकिंग करनी थी दिल्ली जाने के लिए ।

         इधर जब मानवी  को यह पता चलता है कि वह कल शाम को मिस्टर सिकरवार के साथ दिल्ली आने वाली है , तो वह बहुत खुश हुई । क्योंकि कल उसका शहर  देखने का सपना सच होने वाला था । उसकी हमेशा से यही इच्छा थी कि वह शहर जाए । शहर को करिब से देखें ।  आज मानवी का पैर जमीन पर नहीं था वह मानो आसमान में उड़ रही हों ।वह उछलती हुई अपनी मां श्वेता जी के पास गई और उनको गले लगाते हुए कही - माँ बताओं मैं तुम्हारे लिए वहां से क्या ले कर आऊंगी । तो उसकी बात सुनकर श्वेता जी मुस्करा कर बोली - तू खुद को ही लाना बस वहां से बस और कुछ नहीं चाहिए मुझे और हाँ वहां जाकर उनलोगों को तंग मत करना ,ना ही अकेले घर से बाहर जाना समझी ।


आज मै मानवी और मिस्टर सिकरवार के परिवार से परिचय करवाने वाली हूँ , कि किसका क्या नाम है और वो क्या करतें है या करतीं है ?

तो चलिए मानवी के परिवार से शुरू करते है ।
          (पाठक परिवार )
कैलास पाठक - मानवी के बाबूजी । ये अपने यहाँ के सरपंच हैं और पूजा - पाठ भी कराते है ।
श्वेता पाठक - मानवी की माँ । ये एक बहुत ही सुलझी हुई ग्रहणी है ।
कार्तिक पाठक - मानवी का छोटा भाई । यह अभी अठवी में पढ़ता हैं । है तो ये मानवी से छोटा ... पर बड़ो के जैसे रहता हैं । कार्त्तिक आज तक कभी भी मानवी के जैसे हरकत नहीं करता हैं । उसे एक बार किसी बात के लिए कुछ भी बोला जाता है , वह वैसा ही करता है । लेकिन मानवी बिल्कुल उसके विपरित है ।😀😀

और रही बात मानवी के बारे में  .... वो तो  आप सब जानते ही है , क्योंकि मैंने कहानी के शुरुआत मे ही उसके बारे में बता दिया है ।😀

एक हंसता खेलता परिवार है मानवी का ...

चलिए अब ले चलते है हम सिकरवार परिवार से मिलाने ....

             ( सिकरवार परिवार )

मिस्टर राघवेंद्र सिंह सिकरवार - यानि कि मिस्टर सिकरवार मानवी के शहरी ( दिल्ली वाले ) अंकल ।😀 ये एक म्यूज़िक कंपनी के मालिक है ।
माधुरी सिंह सिकरवार - मिस्टर सिकरवार की वाइफ ।
अनुभव सिंह सिकरवार - मिस्टर सिकरवार का  बेटा । यह अपने डैड के बिजनेस में हाथ बटाता है । यह स्वभाव से बहुत सख्त हैं । बस अपने काम से मतलब रहता है ।
अर्पिता सिंह सिकरवार - मिस्टर सिकरवार की प्यारी बेटी है और ये शिवकाशी में बैंक मैनेजर है । जो कि अनुभव से छोटी है उम्र में ।





क्रमश : -

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रचनाएँ
इस कदर हमें तुमसे प्यार हो गया (नफरत बदला बेहद 💗प्यार में ... )
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          यह कहानी एक गांव की लड़की की है ,जो बहुत ही चंचल स्वभाव की है  उसके पैर घर में बिल्कुल भी नहीं टिकते हैं । शहर क्या होता है यह मानवी नहीं जाती है ।      बच्चों में बच्ची बन जाती है ,तो कभी बड़ों में दादी मां की तरह बात करने लग जाती है ।  वह काफी समझदार भी है ,लेकिन उस की माँ उसको बुद्धू बोलती है ।      इस कहानी का उद्देश्य किसी के मान सम्मान को ठेस पहुंचाना नहीं है ,यह सिर्फ मनोरंजन के लिए लिखा है हमने ।  
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यह कहानी एक गांव की लड़की की है ,जो बहुत ही चंचल स्वभाव की है उसके पैर घर में बिल्कुल भी नहीं टिकते हैं । शहर क्या होता है यह मानवी नहीं जाती है

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मानवी के बाबू जी गांव के सरपंच हैं तो वह अक्सर गांव में ही रहते हैं घर पर हो शाम को ही आते हैं ।वो अब अक्सर लोग उसे कहते हैं कि जरा हमें कोई अच्छा सा लड़क

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1 सितम्बर 2022
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मानवी ( मिस्टर सिकरवार से कहती है )-मैं कभी किसी दूसरे आदमी को बाबूजी बोलती हूं ,तो वह थोड़ा जलते हैं . . . थोड़े जलकुकडे हैं मेरे बाबू जी ... ये कह कर

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1 सितम्बर 2022
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श्वेता जी (मानवी से कहती हैं ) - यह तेरे घर की पूजा है , ना कि किसी और के घर की , जो तुम इतनी मटर गश्तीयाँ करते फिर रही हो ।😡 वह फिर मानवी से कहती हैं ,अब खड़े-खड़े मुंह क्य

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1 सितम्बर 2022
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( अगर मानवी बड़े घर की बेटी होती और शहर से होती , तो पता है उसके फ्रेंड्स क्या कहते आज उसे ऐसे लुक में देखकर - किलर लुक )😀😀

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2 सितम्बर 2022
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अगले दिन मिस्टर सिकरवार दोपहर में पाठक जी के घर आ गये मानवी को अपने साथ ले जाने के लिए । मानवी मिस्टर सिकरवार को देखकर बहुत खुश हो गई । उसे शहर जाने कि इतनी जल्दी थी

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नफरत बदला बेहद प्यार में ...— 7

2 सितम्बर 2022
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फाइनली आज मानवी का सपना पूरा होने वाला था । वह काफी खुश थी शहर जाने के लिए । थोडी देर बाद मानवी को लेकर मिस्टर सिकरवार बाहर आ गए और गाड़ी के तरफ चल

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नफरत बदला बेहद प्यार में ...— 8

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मानवी मिस्टर सिकरवार से बोलती है — अरे .... अरे ..... अंकल यह फर्श एकदम साफ है और वही मेरा सैंडल इसके आगे कितना गंदा लग रहा है और इसमें कितनी मिट्टी भी लगी हुई है । मै

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4 सितम्बर 2022
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काफी देर से चुप मानवी माधुरी जी की ये बात सुनकर तपाक से बोली — अरे अंकल मेरा भाई कार्तिक भी ऐसे ही कहता है माँ से कि बाबू जी मेरे से प्यार नहीं करते है सिर्फ मानवी दी से करते है । &n

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मिस्टर सिकरवार की ऐसी बातें सुनकर वो शरमाते हुए अपने आस पास देख कर बोली — क्या आप भी ना ... कुछ भी बोल देते हो .... मैं क्यूं आपको भूलूंगी । &n

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13 सितम्बर 2022
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अब तक आपने देखा मानवी को अनुभव का उससे ऐसे बात करने पर चिढ़ गई , क्योंकि आज से पहले उससे कोई ऐसे बात नहीं किया था । उसने गुस्से में आकार अनुभव के आंखों देखते हुए कहां

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अब तक आपने देखाअनुभव अपना दांत पीसते हुए , मानवी के तरफ अपने हाथ मे लिए हुए डंडे को उसके तरफ प्वाइंट करते हुए बोला — ओए ... सड़ी हुई दिमाग की गवार लड़की , तुम्हें अभी पता नहीं है , कि तुम अभी किसके

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अब तक आपने देखाअनुभव ने देखा कि मिस्टर सिकरवार उस पर ध्यान नहीं दिये है तो वो मौका का फैदा उठाया और वहां से नीकल गया । अब आगे क्योंकि ( अनुभव को ) उसे पता

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अब तक आपने देखावो सोच रही थी कि चोर भी मुझसे यही कह रहा था कि वो मुझे बिल्ली समझ कर अपने साथ डण्डा लेकर आया था और आंटी भी मुझे बिल्ली ही समझ रही थी ! उनके बोलने से तो ऐसा लग रहा कि

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अब तक आपने देखातुम्हारे आंख बंद कर के चलने के वजह से तुम्हें कई बार चोटे भी लगी है , कई बार तो तुम बड़ी - बड़ी गाडियों के सामने भी चले जाते थे । इसी वजह से मैं तुम पर हमेशा ग

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19 सितम्बर 2022
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अब तक आपने देखा मिस्टर सिकरवार संध्या से — नहीं मैं वहीं आ रहा हूँ और ये कहकर वो अनुभव को घुरते हुए वहाँ से नीचे चले आये ।अब आगे

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अब तक आपने देखा वो अपने आस - पास देखने लगी की वो जग कहा रख दी । उसे लगा कि वो अनुभव से अच्छे से लड़ाई करने के लिए , उसने जग कही रख दिया है । अब आगे &

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अब तक आपने देखा मानवी अनुभव की लास्ट वाली बात से पूरी तरह से झन्ना गयी उसका मन किया कि वो अनुभव का गला दबा दे । वो अनुभव को पिछे से गुस्से में बोली — तुम हो छि

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अब तक आपने देखाअब मैं क्या करूं .... फिर अचानक उसके दिमाग में एक बात आई और वो मिस्टर सिकरवार के पास कॉल कर के अपनी बात कहीं । अब आगे मान

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अब तक आपने देखाइसे देखकर तो लग रहा है जैसे कि आप दो - तीन महीने के लिए जा रही हो वहां । अब आगे माधुरी जी हंसकर बोली - अरे बेटा ऐसी कोई बात नहीं है । मैं वहा

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अब तक आपने देखामिस्टर सिकरवार के तरफ मुडी और बोली 😊 — अच्छा तो अब चलिए ... कहीं देर ना हो जाए । अगर मैं वहां लेट पहुंची तो मुझे मेरी सहेली से बहुत कुछ सुनने को मिलेगा । अब आगे मि

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अब तक आपने देखाअनुभव के आने का इंतजार करने लगी , क्योंकि मानवी को इतने बड़े घर में अकेले डर लग रहा था । अब आगे मानवी अनुभव के घर आने का इंतजार करने लगी । वो कभी घड़ी के तरफ देख रही थी

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अगर वो गेंडा ... भैसा अनुभव होगा तो यहां इतना अंधेरा देख कर दूर से ही गला फाड़ते हुए आयेगा । 😡🤨अब आगे अभी मानवी यहीं सोच रही थी कि उसे अनुभव के कदमों की आहट सु

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अब तक आपने पढ़ावो कोई चुहा नहीं है जो तुम मुझसे तब से घूरे जा रही हो , उसे अपना आहार बनाने के लिए 😁 अनुभव ने गुलदस्ते के तरफ इशारा करके पूछा 😁 । अब आगे &nbs

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अब तक आपने पढ़ावो अलबत्ता अनुभव के हाथों से आपना हाथ खिच ली और उसके तरफ एक नजर देख कर , उससे अपनी नजरे फेर ली और अपने आंखों को बंद करके , अपना सर दोनों से पकड़ कर बैठ गई । वो अभी भी

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अब तक आपने पढ़ाकुछ देर बाद जब कॉफी बन गयी तो वो उसे लेकर हॉल में आ गया और मानवी के ठीक सामने बैठ गया और धीरे - धीरे कॉफी की शीप लेने लगा और मानवी के चेहरे को बड़े गौर से देखने

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अब तक आपने पढ़ा अनुभव जल्दी से उठा और हॉल के गेट के पास चला गया । वो नहीं चाह रहा था कि वॉचमैन मानवी को ऐसे देखे और हॉल में बिखरी हुई चीजों को भी । अब आगेवो वहां पहुंच कर वॉचम

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नफरत बदला बेहद💗 प्यार में ....भाग - 32

2 जून 2023
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अब तक आपने पढ़ा दो तीन बार वो वैसे ही किया मगर वो ठीक नहीं हुआ , बल्की और भी ज्यादा दर्द करने लगा । अनुभव अपने गर्दन को टेढ़ा किये हुए अपने रूम चला गया फ्रेश होने । अब आगेअनुभव अपने रूम मे ज

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23 जून 2023
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