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संध्या जी मुस्कुराते हुए बोली — हाँ बेटा जी वो अब ठीक है .... और मै कल से आऊंगी । आप को मेरे बीना परेशानी हुई इसके लिए माफ करना बेटा जी 🙂 और फोन करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यावाद । 🤗🤗
अब आगे
अनुभव — अरे आंटी इसमें सॉरी और thank u बोलने की क्या जरूरत है आपको । विमारी किसे नहीं होती है , आपको सॉरी बोलने की कोई जरूरत नहीं है एंड थैक्यू सो मच की आप कल से आओगी .... इतना कहकर वो कॉल कट कर देता है ।
संध्या जी अनुभव को अपनी बेटी की इतनी फिक्र करते देखकर खुश हो रही थी और खुद से ही वो कह रही थी कि इतने अच्छे मालिक कहा मिलते किसी को .... जो अपने घर के नौकरो का इतना ख्याल रखते हो ।
बिल्कुल बड़े मालिक पर गए है ये भी । किसी से भी कोई भेद - भाव नहीं ।
कुछ समय बाद दोनों कंपनी पहुच गए , रास्ते भर दोनो चुप रहे । दोनों में एक - दूसरे से किसी भी प्रकार की कोई बहस नहीं हुई ।
अनुभव कार से उतरा और मानवी के तरफ का डोर ओपन कर दिया । मानवी कुछ देर तक खामोश रही , वो अपने चारों तरफ खामोशी से देख रही थी । मानवी बड़ी - बड़ी बिल्डिंगस और तरह - तरह की गाड़ियों को आंखें चौड़ी कर के देख रही थी । रोड़ पे चलती लडकियों को जब छोटे - छोटे कपड़ो में देखी तो वो उन्हें ऐसे देख रही थी जैसे उनको अपनी आँखों से ही फाड़ देगी उन लड़कियों को ।
उसे थोड़ा डर भी लग रहा था ये सब देख कर । फिर वो अनुभव के तरफ देखते हुए डरते - डरते कार से उतरी और उस के साथ अंदर चली गयी ।
जब अनुभव लिफ्ट के पास पहुंच कर उसका बटन प्रेस किया , तो मानवी को लगा कि वो अलमीरा खोल रहा है और उसे लगा शयद न्यू मॉडल में ये अलमीरा आया है ।
वो ये सोच ही रही थी कि उसे अनुभव अंदर बुलाया , मानवी जब अनुभव को उसमें खड़ा देखी तो भौचका रह गई । वो मन में सोची ये क्या .... ! इसका दिमाग तो नहीं खराब है जो ये अलमीरा में घुस गया और मुझे भी बुला रहा है ? फिर उसके दिमाग में आया कि ये खाली क्यू है ? और इसमें तो एक भी खंदा नहीं है ! 😳 कहीं ये कुछ और तो नहीं है !
तभी दुबारा अनुभव की आवाज उसके कान में गई , तो वो अनुभव के तरफ देख - देख कर डरते हुए अपना पैर आगे बढ़ाई । उसे लिफ्ट में जाने से डर लग रहा था । फिर भी वो अंदर घुस गई । उसके अंदर आते ही अनुभव ने 5वी मंजील पर जाने के लिए बटन प्रेस कर दिया ।
मानवी लिफ्ट का दरवाजा बंद होते देख कर घबरा गई और वो अनुभव के तरफ देखी जो उसे ही देख रहा था और उसके घबराहट की वजह भी जान चुका था । मानवी कुछ बोलती उसके पहले ही अनुभव उससे बोला — डरो नहीं मैंने तुम्हें मारने के लिए इसमें बंद नहीं किया हैं । ये एक इलॉक्ट्रोनिक मशीन है , जो तक बिजली से चलती है और इसे लिफ्ट कहते है । फिर हल्के मुस्कुराहट के साथ बोला — ये मत सोचना कि मैंने अपना बदला लेने के लिए तुम्हें इसमें बंद कर दिया हैं । मैं भी तुम्हारे साथ ही हूँ इसमें ।
मानवी तो पहले ही डर गयी थी जब लिफ्ट उपर की तरफ बढ़ी तो , उसको लगा कि उसकी पूरी बॉडी खाली - खाली हो गई और उसकी बॉडी में हवा भर दिया गया हो ।
उसने डरते हुए अनुभव से बोला — यहां सिड्ढीयों से लोग नहीं जाते है , यहां नहीं बनती है क्या ?
अनुभव — बनती हैं और यहां भी है । लिफ्ट से हम सेकेण्डस में ही पहुंच जाते है अपने फ़्लोर पे और सिड्डियों से टाइम भी लगता है और सिड्डिया चढ़ने से बहुत से लोगों की सांसे भी फुलने लगती है । इसलिए बड़ी - बड़ी बिल्डिंग्स में लिफ्ट लगवाया जाता है ।
अनुभव मानवी को ये सब बता रहा था और वो चुप - चाप उसको देखते हुए उसकी बाते सुन रही थी , कि तभी वो गिरते - गिरते बची । अगर अनुभव उसको कंधे से ना पकड़ा होता तो वो उसके उपर ही गीर जाती । 😅
अनुभव उसको अच्छे से खड़ा करके बोला — चलो मेरा ऑफिस आ गया और ये कहकर वो बाहर आ गया , मानवी भी उसके पीछे चली आई ।
बाहर आ कर उसे शांति मिली , उसका जो डर था वो कुछ कम हुआ ।
अनुभव उसको अपने साथ लिए अपने ऑफिस के तरफ बढ़ गया ।
क्रमश : .......