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दो तीन बार वो वैसे ही किया मगर वो ठीक नहीं हुआ , बल्की और भी ज्यादा दर्द करने लगा । अनुभव अपने गर्दन को टेढ़ा किये हुए अपने रूम चला गया फ्रेश होने ।
अब आगे
अनुभव अपने रूम मे जाते ही टाइम देखा और जल्दी से बाथरूम मे घुस गया । वो मन में बुदबुदाया — उफ्फ .... शीट यार आज जल्दी जाना था तो इतनी देर हो गई और ऊपर से डैड का भी ठीक नहीं है कि वो आज शाम तक आ भी जायेगें या नहीं । कुछ पता नहीं है ।
मेरे ऊपर इस मुसिबत को थोप दिये है । अगर इसे कुछ हुआ तो मुझे जिम्मेदार ठहराया जायगा । अब इस बिल्ली को मुझे अपने साथ अपने ऑफिस ले जाना होगा । बस जिंदगी में यहीं एक काम रह गया था मेरे । वो भी अब डैड के मेहरबानी से आज पूरा हो जायेगा । 😏
ऐसे ही खुद से बड़बड़ाते हुए जल्दी - जल्दी रेडी हुआ । अभी भी हल्का - उसके नेक में पेन था , जिससे वो अपने नेक को एक तरफ थोड़ा झुकाए हुए था । शीशे के सामने खड़ा वो अपनी टाई ठीक किया और फिर घड़ी को अपने हाथ पर बांधते हुए खुद को एक नजर ऊपर से नीचे तक देखा और अपने रूम से जल्दी में निकला किचन के तरफ खुद के लिए और मानवी के लिए नाश्ता बनाने । वो अभी आधी सिड्ढ़ियो को ही पार किया था , कि उसे याद आया कि मानवी अभी सोयी हुई है । अनुभव फिर वापस ऊपर मानवी के रूम के तरफ बढ गया और साथ ही साथ ये बोल रहा था कि रोज तो सुबह के 4 बजे उठ कर मेरा जिना हराम कर देती है और आज देखो कैसे घोड़े बेच कर सो रही हैं ... या फिर वो जान बुझ कर देर तक सोने का नाटक कर रही हैं , ताकि मैं लेट हो जाऊं 😲 । ये ख्याल आते ही उसकी आँखे फैल गई । वो थोड़ा झल्लाएं हुए मानवी के कमरे में गया उसे जगाने के लिए । एक बार के लिए तो उसके मन में आया कि उसका पैर पकड़ कर बेड़ से सिधा नीचे गीरा दे 🤨 ।
अनुभव बेड़ के पास गया और उसे जगाने के लिए आवाज देने जा ही रहा था कि तभी मानवी उसके तरफ करवट बदली । अनुभव को लगा कि मानवी उठ गई तो वो उसे बोला — जल्दी से रेडी हो कर नीचे आओं , मैं जा रहा हूँ किचन में नाश्ता बनाने । जब मानवी कुछ नहीं बोली तो वो मानवी के तरफ देखा , तो मानवी गहरी नींद में सो रही थी । कुछ पल के लिए मानवी के चेहरे पर उसकी नजरें ठहर गई । फिर वो मानवी को आवाज देकर उठाया और रेडी होकर नीचे आने का बोल कर चला गया ।
कुछ देर बाद मानवी तैयार होकर नीचे आ गई । अनुभव भी तब तक नाश्ता टेबल पर लगा दिया था । दोनों ने चुपाचाप नाश्ता किया फिर निकल गए ऑफिस के लिए ।
डॉइव करते हुए वो संध्या जी को फोन किया उनकी बेटी की तबीय जाने के लिए ।
दो बेल जाते है ही संध्या जी उधर से कॉल उठा लि ।
अनुभव उनसे पूछा — हेलो ... आंटी .... आपकी बेटी अब कैसी है ? वो ठीक है ना ?
संध्या जी मुस्कुराते हुए बोली — हाँ बेटा जी वो अब ठीक है .... और मै कल से आऊंगी । आप को मेरे बीना परेशानी हुई इसके लिए माफ करना बेटा जी 🙂 और फोन करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यावाद । 🤗🤗
क्रमश: .......