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वो कोई चुहा नहीं है जो तुम मुझसे तब से घूरे जा रही हो , उसे अपना आहार बनाने के लिए 😁 अनुभव ने गुलदस्ते के तरफ इशारा करके पूछा 😁 ।
अब आगे
मानवी अब गुस्से से अपनी मुट्ठी जोर से बंद कर ली और उसकी सांसे भी तेज चलने लगी थी ।
अनुभव का उसे ऐसे बत्तीसी 😁 दिखाकर चिढ़ाते हुए देखकर वह अपने मन में बोली — इ भैसा हमसे डरने के बजाय हमको चिढ़ा रहा है 😡 । आज इसी के कारण हम एतना डेरा गए थे और इ इहां हमरा मजाक उड़ा रहा है । देखो कैसे निर्लज्ज के जैसे दांत 😁 दिखा रहा है । 😡
लग रहा है जैसे कोई राक्षस इहां आ गया है और इतना सोचते हुए वो एकदम से उठी और गुलदस्ते को उठा कर अनुभव पर वार कर दी , लेकिन मानवी गुलदस्ते को उठाते वक्त गुस्से से 😡 अ ... इ ... इ ... करी तो अनुभव का ध्यान उसके इस हरकत पर गया और वह मानवी के किए गए इस अचानक से वार से बचने के लिए अनुभव थोड़ा सा पीछे झुका और अपने हाथ से उसका हाथ पकड़ लिया गया और तब वो मानवी के तरफ अपनी आंखें सिकुड़ते हुए देखा , जैसे वह पूछ रहा हो कि अभी - अभी जो तुमने ये हरकत की , वो ... क्या था ! ? लेकिन उसका ये रिऐक्शन बहुत जल्दी चेंज हो गया , क्योंकि मानवी उसे अभी काली जी के रूप में दिख रही थी । मानवी की सांसे बहुत तेज चल रही थी । इतना की उससे ठीक से सांस भी नहीं लिया जा रहा था और उसका पूरा शरीर कांप भी रहा था ।
अनुभव तो कुछ पल के लिए डर ही गया था 😟 , मानवी की ये हालत देखकर । वो मानवी के तरफ देखते हुए आहिस्ता से उसके पीछे गया और मानवी के हाथों को पकड़ लिया और फिर उसने मानवी के हाथ से गुलदस्ता लेकर नीचे फर्श पर रख दिया । फिर उसने मानवी के हाथों को अपने हाथ में लेकर उसे रगड़ते हुए , उसको वहीं सोफे पर बैठा दिया ।
कुछ देर बाद उसने मानवी को अपने हाथों से पानी पिलाया , जब वो थोड़ा सा ठीक हुई तो ।
अनुभव मानवी को पानी पीला कर .... ग्लास वही मेंज पर रख दिया और दूबारा से उसका हाथ रगड़ने लगा और इस दौरान वो बार - बार मानवी के चेहरे को देख रहा था और बीच - बीच में उससे पूछ भी रहा था , कि " तुम ठीक तो हो ? कैसा महसूस कर रही हो अब तुम ? "
इस वक्त अनुभव के आंखों में और उसके इन बातों से मानवी के लिए फिक्र दिख रही थी ।
अनुभव कुछ देर बाद मानवी के पीठ को रगड़ने लगा , ताकि मानवी को अच्छे से सांस आ सके ।
मानवी जब थोड़ा सा नॉर्मल हुई और उसके बॉडी का कांपना भी जब बंद हो गया , तब वो उससे पूछा — मानवी ... अचानक से तुम्हें मेरी बातों पर इतना गुस्सा क्यों आ गया ? तुम्हारी पूरी बॉडी भी कांपने लगी थी और तुम्हारी सांसे भी तेज हो गयी थी । तुम्हें कोई पॉब्लम है क्या ?
मानवी अनुभव के किसी भी बात का जवाब नहीं दी । वो अलबत्ता अनुभव के हाथों से आपना हाथ खिच ली और उसके तरफ एक नजर देख कर , उससे अपनी नजरे फेर ली और अपने आंखों को बंद करके , अपना सर दोनों से पकड़ कर बैठ गई ।
वो अभी भी कभी - कभी गहरी और लंम्बी सांसे ले रही थी ।
क्रमश: ...