अब तक आपने देखा
अनुभव के आने का इंतजार करने लगी , क्योंकि मानवी को इतने बड़े घर में अकेले डर लग रहा था ।
अब आगे
मानवी अनुभव के घर आने का इंतजार करने लगी । वो कभी घड़ी के तरफ देख रही थी , तो कभी दरवाजे के तरफ । वो बस चाह रही थी की अनुभव घर जल्दी आ जाये । वो बार - बार डर जा रही थी किसी भी आवाज से , बहुत हिम्मत कर के बैठी थी तब से , लेकिन जब मानवी को ज्यादा डर लगने लगा , तो वो डर से अपनी आंखे जोर से बंद कर ली और वैसे ही खुद को एक चादर से ढक ली और तब मानवी अनुभव को अपने अंदाज में गालियां देने लगी ।
हम जानते है इ गेड़ा अभी तक काहे नहीं आया है 😡 इहा । इ आज हमसे अपना बदला निकाल रहा है , अंकल के सामने तो कुछ करिये नहीं पाता है . . हमको परेशान करने के लिए । आज मौका मिल गया है इ भैसा को । आज आ जाओं ... फिर हम तुम्हारा इलाज करते हैं बढ़िया से 🤨 । समझते का हो खुद को ? .😡
जैसे - जैसे वक्त गुजर रहा था , मानवी का डर भी वैसे ही बढ़ता जा रहा था ।
मानवी कुछ देर के बाद सोफे से उठी और अपने चारो तरफ नजरे घुमाते हुए हॉल में जहां बोर्ड लगी थी वहां गयी , हॉल की सारी लाइट्स जलाने के लिए । वो स्विच ऑन करने के लिए अपना हाथ बोर्ड के तरफ अभी बढ़ायी ही थी , तभी उसे ऐसा महसूस हुआ जैसे उसके पीछे कोई अभी खड़ा है । मानवी एकदम से डर गई , वो हड़बड़ा कर जल्दी से स्विच ऑन करना चाहि , लेकिन डरने के वजह से उसका हाथ कांप रहा था तो गलती से स्विच ऑफ हो गई । अचानक लाइट्स ऑफ हो जाने से वहां चारों तरफ गहरा अंधेरा हो गया था । कुछ देर के लिए वहां कुछ भी नजर नहीं आ रहा था । अंधेरा और अकेले होने की वजह से मानवी बुरी तरह से डर गई थी । उसे अब रोना आ रहा था । कुछ देर तक वहीं खड़ी रही । जब वहां की चीजे कुछ धुंधली - धुंधली सी दिखने लगी , तो फिर मानवी वैसे ही अंधेरे में धीरे-धीरे चल कर सोफे के पास आई और अपने ऊपर ब्लैंकेट डाल उस पर लेट गई । अब मानवी खुद को रोने से रोक नहीं पाई । वो डर से रोने लगी । इस समय उसे अपने भाई की और माँ - बाबू जी की बहुत याद आ रही थी । उसका मन हो रहा था कि वो अब अपने घर चली जाये ।
मानवी ये सब सोच ही रही थी कि उसे बाहर किसी के आने की आहट सुनाई दी । अंधेरा होने के कारण उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था । मानवी डर के मारे अपनी आँखे जोर से बंद कर ली लेकिन फिर वो जल्दी से अपनी आँखे खोली और वहां टेबल पर रखे गुलदस्ते को उठा ली और उसमे से फूलो को निकाल कर वहीं टेबल पर आहिस्ता से रख दी । अब मानवी धीरे - धीरे हिम्मत कर के हॉल के गेट तक गयी और वही किनारे एक पिलर के पिछे खड़ी हो गयी । ये सोचकर कि अगर चोर होगा तो वो बिना मुझे आवाज दिये ही चुप - चाप अंदर आयेगा , तब मैं उस पर इस गुलदस्ते से वार कर दूंगी और अगर वो गेंडा ... भैसा अनुभव होगा तो यहां इतना अंधेरा देख कर दूर से ही गला फाड़ते हुए आयेगा । 😡🤨
क्रमश: