अब तक आपने देखा
मिस्टर सिकरवार के तरफ मुडी और बोली 😊 — अच्छा तो अब चलिए ... कहीं देर ना हो जाए ।
अगर मैं वहां लेट पहुंची तो मुझे मेरी सहेली से बहुत कुछ सुनने को मिलेगा ।
अब आगे
मिस्टर सिकरवार माधुरी जी से हंसते हुए बोले — सहेली के गुस्सा होने का इतना डर हैं । फिर वो मानवी से वैसे ही हंसते हुए बोले — देख रही हो बेटा ... आज तक मुझ से कभी भी नहीं डरी है 😁 उल्टा मुझे ही डरा के रखतीं हैं । मैं लेट हो जाऊं तो इन्हें प्रॉब्लम हो जाती हैं लेकिन ये लेट हो जाए तो कोई बात नहीं हैं ।
मानवी मिस्टर सिकरवार की बात पर मुस्कुरा रही थी तो वो मानवी से पूछे — क्या बात हैं बेटा ? मेरे बात पर तुम्हें हंसी आ रही हैं ना ?😊
तो मानवी उन्से वैसे ही मुस्कुराते हुए बोली — हम्म ... मुझे आप दोनों को ऐसे बात करते देख कर माँ - बाबू जी की याद आ गई । वो भी आपही दोनों के जैसे झूठ - मूठ के लड़ते रहते हैं । 😀 वैसे मेरे बाबू जी भी माँ से बहुत डरते हैं 😀😀 ।
मानवी की ये भोली सी बात सुनकर मिस्टर सिकरवार और माधुरी जी के होंठों पर एकाएक एक प्यारी सी मुस्कुराहट तैर गयी । वो दोनों ही एक - दूसरे के तरफ देख कर मुस्कुराने लगे ।😊
तभी मानवी उन्हें याद दिलाते हुए कहीं — अरे अंकल आंटी आपको जाना नहीं हैं ... और वो घड़ी के तरफ इशारा करते हुए कही — टाइम देखीए ... यहां से आप लेट से निकलोगे तो वहां जाते - जाते बहुत रात हो जाएगी ।
मिस्टर सिकरवार और माधुरी जी को मानवी के समय याद दिलाने पर वो दोनों एक ही साथ बोले — हम्म ... अच्छा याद दिलाया बेटा । इतना कहकर मिस्टर सिकरवार माधुरी जी का लगेज लेकर उनलोगों के साथ नीचे आ गए । उन लोगों को नीचे आते देख ड्राइवर उनके पास झट से आया और मिस्टर सिकरवार के हाथ से लगेज लेकर कार में रखने चला गया | ड्राइवर के जाने के बाद मिस्टर सिकरवार मानवी के सर पर प्यार से हाथ रखते हुए बोले — बेटा अपना ख्याल रखना और डरना नहीं अनुभव आज पहले ही आ जाएगा , मैंने उससे बोल दिया है ।
मानवी मिस्टर सिकरवार को मुस्कुरा कर उत्तर दी — ठीक है अंकल नहीं डरूंगी , आप लोग अब जाइए और इतना कहकर वो मिस्टर सिकरवार और माधुरी जी को प्रणाम करने के लिए झुकी तो माधुरी जी उसे रोकते हुए बोली — अरे बेटा पैर नहीं छूओं ... बस ऐसे ही ख़ुश रहो😊 और फिर हंसते हुए 😁 मानवी से बोली — मेरे ना रहने पर अगर अनुभव तुम्हें परेशान करेगा तो मेरे आने पर मुझसे सब बात बताना मैं उसका अच्छे खबर लूंगी ।
अभी माधुरी जी मानवी से यह सब कह रही थी तब तक मिस्टर सिकरवार कार के पास पहुंचकर वहीं से उनसे बोले — अब चलना नहीं है . . . जल्दी आइए ।
मिस्टर सिकरवार की आवाज सुनकर माधुरी जी मानवी को बाय ... बोल कर उनके पास आ गई ।
माधुरी जी के आते ही मिस्टर सिकरवार ने बडे ही 😊 प्यार से कार का दरवाजा उनके लिए खोल दिया , तो माधुरी जी प्यार भरी नजरों 😍 से उनके तरफ मुस्कुराते हुए देखी और फिर कार में बैठ गई । उनके बैठते ही मिस्टर सिकरवार भी दूसरे तरफ से उनके बगल में आकर बैठ गए और ड्राइवर से चलने को कहे । तब ड्राइवर ने मिस्टर सिकरवार के कहने पर कार आगे बढ़ा दिया ।
मानवी कुछ देर तक उनको जाते हुए देखते रही , जब कार उसकी नजरों से ओझल हो गई , तो वो बुझे हुए मन से अंदर आई और ऊपर अपने कमरे में ना जाकर , वहीं हॉल में ही सोफे पर अपना पैर मोड कर बैठ गई और अनुभव के आने का इंतजार करने लगी , क्योंकि मानवी को इतने बड़े घर में अकेले डर लग रहा था ।
क्रमश: