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अनुभव ने तुरंत उनकी बात सुनकर कहां — कोई नहीं आंटी । आप कल नहीं आना । जब वह ठीक हो जाए तभी आएगा | वैसे भी डैड कल आएंगे तो वो वहीं से नाश्ता करके आएंगे और हम अपने और मानवी के लिए कुछ मंगवा लेंगे ।
अब आगे
संध्या जी अनुभव की ये बात सुनकर उससे बोली — लेकिन बेटा जी मानव तो अच्छा खाना बना लेती है । आप बोल दो ... वो बना देगी । आप थोड़ा प्यार से कहोगे उससे तो ... वो आप की बात मान लेगी । सिर्फ आज और कल की बात है , फिर तो मैं आ ही जाऊंगी ।
पहले तो अनुभव संध्या जी की ये वाली बात सुनकर अपनी भौहे सिकुड़ा लेता है " आप थोड़ा प्यार से कहोगे उससे तो ... वो आप की बात मान लेगी । " अनुभव अपना मुंह खोला कुछ कहने के लिए लेकिन फिर वो चुप रह गया और अपने मन में बोला " ये सब लोग बात तो ऐसे करते हैं जैसे मैं ही उससे उलझते रहता हूं । " आज की ही बात ले लो ... कैसे बारूद बनी बैठी थी । मेरे आते ही भड़क गयी मुझ पर । 😏 "
फिर अनुभव अपने ख्याली दुनिया से बाहर आया और संध्या जी से बोला — लेकिन आंटी उसकी तो ..... इतना कहते - कहते रुक गया । जैसे कि उसे कुछ याद आ गया हो । उसने अपनी आँखें बड़ा करके बुदबुदाया " ये क्या करने जा रहा था मैं ! ... "
और फिर कुछ रुक कर उसने संध्या जी से कहा — ok .... ok .. ठीक है आंटी .... अब मैं फोन रख रहा हूँ । आपको मेरी जब भी जरूरत पड़े तो आप बेझिझक बोल सकती हो ... ठीक है । ये नहीं की मैं क्या सोचूंगा .... ये सोच कर चुप रह जाना आप ।
संध्या जी को अनुभव के इस तरह बात करते देख कर , उनको एक अपनापन सा महसूस हुआ । जैसे की उनका अपना बेटा ये कह रहा हो ।
संध्या जी के चेहरे पर एक मीठी सी स्माइल आ गयी और वो उससे बोली — ठीक है बेटा जी ... अब आप जाओं और मानवी से कॉफी बनवा लो ... आप जैसे पीते हो । संध्या जी इतना कह कर वो फोन बंद कर दी ।
कॉल कटते ही अनुभव अपने सर पे मारते हुए खुद से बोला — थैंक गॉड आज तो बाल - बाल बचा हूँ । अगर मैं संध्या आंटी को बता देता की मानवी की तबीयत खराब है तो वो सीधा मॉम - डैड को कॉल करके बता देती ।
उसके बाद जो होता वो मैं भी नहीं जानता ।
मॉम को तो खैर मेरी बातों पर विश्वास हो जाता अगर मैं उन्हें आज की बात बाता तो , लेकिन डैड तो कभी नहीं मानते । वो समइते की मैंने ही कुछ किया होगा । तभी इसकी ऐसी हालत हुई हैं । ये सोचते हुए वो नीचे आ गया । अपने लिए कॉफी बनाने । वो किचन में जाने से पहले मानवी के तरफ गया उसको देखने की उसकी अब कैसी कंडीशन है । जब वो काउच के पास गया तो उसने देखा की मानवी वहीं पर सो गयी है ।
तब अनुभव मानवी के पास गया और उसको ब्लैंकेट अच्छे से उसके उपर डाल दिया और फिर किचन में चला गया कॉफी बनाने ।
कुछ देर बाद जब कॉफी बन गयी तो वो उसे लेकर हॉल में आ गया और मानवी के ठीक सामने बैठ गया और धीरे - धीरे कॉफी की शीप लेने लगा और मानवी के चेहरे को बड़े गौर से देखने लगा ।
क्रमश: ....