मिस्टर सिकरवार की ऐसी बातें सुनकर वो शरमाते हुए अपने आस पास देख कर बोली — क्या आप भी ना ... कुछ भी बोल देते हो .... मैं क्यूं आपको भूलूंगी ।
मिस्टर सिकरवार अपनी वाइफ को , आज भी उनके द्वारा शरारत करने पर , ऐसे शरमाते हुए देख कर मुस्कुराने लगे ।
इधर मानवी को संध्या उसका रूम दिखा कर और मानवी के साथ उसका सामान सेट करवा कर वो वहां से नीचे किचन में चली गई , रात का खाना तैयार करने ।
मानवी वहीं अपने कमरे में बैठी वहां के सब चीजों को बडे़ ध्यान से देख रही थी , वो आज से पहले कभी इतना सुंदर कमरा नहीं देखी थी । मानवी वहां की चीजों को देखकर , वह मन में ये अनुमान लगा रही थी कि अंकल कितने पैसे वाले है । यहां का हर चीज बहुत कीमती है । यही सोचते हुए वो वहा के चीजों को नजदीक से देखने के लिए , बेड से उठ गई और एक - एक चीजो को ध्यान से देखते हुए धीरे - धीरे आगे बढ़ रही थी , कि तभी उसका हाथ टेबल पर रखे वाज से टकरा गया और नीचे गिरकर टूट गया । मानवी अचानक से हुए इस हादसे से डर गई । वो सहमी हुई सी नीचे टूटे हुए वाज को देखने लगी और मन में खुद को भला - बुरा कहने लगी । वह सोच रही थी कि अंकल क्या सोचेंगे मेरे बारे में , आते ही मैंने इतना कीमती चीज तोड़ दिया अंकल का और यही सोचते हुए वह जल्दी से नीचे बैठ गई और टूटे हुए वाज के टुकड़ों को उठाने लगी । तभी बगल के कमरे से अनुभव इतनी जोर की आवाज सुनकर , मानवी के कमरे में आया । उसने अपने हाथ में एक डंडा भी ले लिया था , क्योंकि वो समझ रहा था कि उस कमरे में बिल्ली घुस गई है । अनुभव ने जैसे ही दरवाजा खुला , तो उसके सामने नीचे फर्श पर बैठी मानवी वॉज के टुकड़ो को आहिस्ता - आहिस्ता उठा रही थी , लेकिन अचानक से दरवाजा खोलने की वजह से वह डर गई और उसके हाथ में एक टुकड़ा चुभ गया । वह जल्दी से अपने हाथ को दूसरे हाथ से दबाई और डरते हुए दरवाजे के तरफ देखी ।
उसने देखा कि अनुभव उसे अजीब सी नजरों से देख रहा था । मानवी को लगा कि शायद यह टूट गया है , इसी वजह से गुस्से में देख रहा है मुझे । लेकिन फिर कुछ याद आया कि इस घर में तो मुझे लेकर 4 लोग ही है फिर यह कहां से आ गया गया । शायद यहां से कीमती चीजें चुराने आया है , तभी तो ये अपने साथ इतना मोटा डंडा भी ले आया है ।
मानवी अंदर से डर तो रही थी लेकिन फिर भी उसने हिम्मत करके अनुभव से पूछा — तुम ... तुम .. यहां क्यों आये हो ? , क्या तुम यहां की कीमती चीजों को चुराने आए हो ? रुको अभी मै अंकल को बता रही हूं , कि मेरे कमरे में एक चोर घुस आया है , यहां की कीमती चीजे चुराने के लिए और ये कहते हुए मानवी जैसे ही मिस्टर सिकरवार को आवाज देने वाली होती है , तभी अनुभव उसके पास आकर कड़कती हुई आवज में बोला — अगर अब इसके आगे एक शब्द भी बोली ना , तो सीधा खिड़की से नीचे फेक दूंगा ।
अनुभव मानवी के तब से बक - बक करन पर चिढ़कर बोला — अभी तुम जानती नहीं हो मुझे , कि मैं कौन हूं ?
मानवी को अनुभव का उससे ऐसे बात करने से चिढ़ गई , क्योंकि आज से पहले उससे कोई ऐसे बात नहीं किया था । उसने गुस्से में आकार अनुभव के आंखों देखते हुए कहां — हां - हां और तुम्हें बताने कि जरूरत भी नहीं हैं । चेहरे से पता चल जा रहा कि तुम कौन हो ?
क्रमश: