shabd-logo

अनचाही बेटी...

27 अक्टूबर 2021

58 बार देखा गया 58

मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है, शिकायत तो तब होगी ना,जब कोई सुनने वाला होगा,अब कोई भाव ही नहीं उठते,ना खुशी के ना ही गम के,जीवन बोझ सा लगने लगा,जिसे अब तक ढों रही थी,क्या करूं?सारी संवेदनाएं और भावनाएं ही मर गई जीवन से संघर्ष करते-करते बहुत थक गई हूं,अब आराम करना चाहती हूं, हमेशा के लिए।।
          कितना बड़ा पाप हो जाता है ना हम बेटियो से इस दुनिया में आकर, सबसे पहले लोगों के मुंह से यही शब्द निकलता है कि हाय राम!!बेटी हुई है, पैदा होते ही मां बाप को चिंता सताने लगती है, मां सोते-जागते बस यही सोचती है कि बेटी है इसे तो पराये घर जाना है इसका दहेज जुटाना है,
             मां जो सोचती है वहीं विचार दूध के साथ घुल-घुल कर बेटी के शरीर और मन में जातें हैं,उसे  बात बात पर कहा जाता है,तुझे तो पराए घर जाना है, कैसे खा रही, कैसे बैठ रही है, अभी सीख ले कल को पराये घर जाना है और पराए घर जाकर वहां भी उसे कोई भी अपना नहीं बनाता तो इसका मतलब बेटी का तो कोई घर ही नहीं होता।।
         सयानी होने पर अगर राह चलते किसी ने कोई अभद्र टिप्पणी कर दी तो मां को बताने पर मां ने कहा तू अब बड़ी हो गई है दुपट्टा डाला कर,सूट पहना कर, किसी से उलझना नही तुम लड़की हो अगर दादी को पता चल गया तो तेरी पढ़ाई बंद करवा देंगी, मां ने पहली सीख देदी क्योंकि तुम बेटी हो तो सहो,
          मतलब अभद्र टिप्पणी करें कोई और हमें चुप इसलिए रहना कि हम लड़कियां हैं,भाई चाहे छोटा ही क्यो ना हो लेकिन उसे हक होता है हमसे कहने का कि बालकनी में खड़ी मत हो, अकेले मत जाना मैं छोड़ आऊंगा, आखिर क्यों?मां-बाप की हिम्मत ही नहीं होती कि बेटी को बाहर पढ़ने के लिए भेंज दें, यहीं डर रहता कि कोई ऊंच-नीच हो गई तो और लड़के चाहे बाहर रहकर अय्याशी करें, मां-बाप का पैसा उड़ाए क्योंकि वो तो लड़के हैं, उनसे तो वंश बढ़ेगा, खानदान का नाम बढ़ेगा फिर बाद में बहु आने के बाद वो चाहे खाने को भी ना पूछे।।
         शादी के लिए भी कोई पसंद भी नहीं पूछता, सबसे बड़ी बात बेटी की शादी करने के बाद लोग तो गंगा नहाने जाते हैं,घर का कचरा थी उसके रहने से हम अपवित्र हो गये थे तो उसकी शादी करके गंगा नहा आते हैं और लड़कों को बेटा ये लड़की पसंद है पूछने पर अगर उसने मना कर दिया तो फिर दूसरी लड़की देखी जाएगी और कहीं पचासों लड़कियां देखने के बाद शादी होगी।।अरे भाई!!कभी हम लड़कियों से भी पूछ लो कि हमें लड़का पसंद है कि नहीं!।
        शादी के बाद ससुराल में सबकुछ करने के बाद भी तुम्हारे मम्मी-पापा ने कुछ नहीं सिखाया,यही सुनने को मिलता है,पति से बोलो तो___
       अरे! मां है, बड़ी है कह दिया होगा, बड़ो के बोलने को आशीर्वाद समझा करो,पति बिना बताए घर वालों को कितना पैसा दे रहा तो पूछने पर___
       तुम्हारी जरूरतें पूरी हो रही है ना!! तो फिर क्यो बोल रही हो,मैं कमा रहा हूं तुम्हें पूछने की कोई जरूरत नहीं है,
     मायके वालों से कहो तो कहते हैं, बेटा ससुराल है सब सहना पड़ता है, मायके वाले सोचते हैं कि ऐसा ना हो कि बेटी आवाज उठाने लगे तो उसे ससुराल से निकाल दिया जाए, मायके में ना आ जाए रहने के लिए तो चार लोग क्या कहेंगे, मतलब बेटी अगर मर रही है तो बेटी की जिंदगी का फैसला चार लोग करेंगे, आखिर कौन है ये चार लोग?
        इतनी घुटन सहने के बाद अब तो ऐसा लगता है कि दुनिया वालों से कह दो कि मुझे जलाने के बाद बस मेरी राख को ऐसे ही उड़ने देना, मैं जीते जी तो नहीं लेकिन मरने के बाद आजादी को महसूस करना चाहती हूं,धरती छूना चाहती हूं, आसमां छूना चाहती हूं,जल,थल और वायु में स्वच्छंद उड़ना चाहती हूं, आजादी का मतलब समझना चाहती हूं,अपनी मन मर्जी से सिर्फ उसके पैर पर लगूंगी जिसके पैरो में वाकई लगना चाहती हू़ं, उड़कर खुली हवा में सांस लेना चाहती हूं ,वो करना चाहती हूँ ,जो जीते जी ना कर सकी क्योंकि अनचाही बेटी जो थी।।

समाप्त....
सरोज वर्मा___


1

विकास...

11 सितम्बर 2021
9
13
6

<div align="left"><p dir="ltr">मानव शरीर में तीन अंग महत्वपूर्ण और प्रमुख हैं__<br> मस्तिष्क, हृदय औ

2

द्रौपदी..

11 सितम्बर 2021
9
7
9

<div align="left"><p dir="ltr">मैं द्रौपदी,कितना असहज था ये स्वीकारना कि मेरे पांच पति होगें, माता क

3

गप्प... लपेटों...लपेटों...

11 सितम्बर 2021
9
8
9

<div align="left"><p dir="ltr">चींटी ने भारत के राष्ट्रपति को फोन किया.....<br> राष्ट्रपति जी के टेब

4

संजीवनी

16 सितम्बर 2021
5
7
5

<div align="left"><p dir="ltr">सुबह से रिमझिम रिमझिम बारिश हो रही है और अतुल अपने कमरें की खिड़की से

5

दाँ-एण्ड...

26 अक्टूबर 2021
1
1
0

<p style="color: rgb(62, 62, 62); font-family: sans-serif; font-size: 18px;">अरे,सुबह के चार बजे का

6

हास्यकर....

26 अक्टूबर 2021
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr"><b>गणित</b> के समीकरणों की तरह हमेशा रिश्तों को हल ही तो करती आई हूँ

7

अस्तित्व...

26 अक्टूबर 2021
3
1
1

<div align="left"><p dir="ltr">कसूर मेरा ही हैं,<br> पुरूष प्रधान इस दुनिया में<br> जिस पुरुष को मैं

8

मन का मीत

26 अक्टूबर 2021
19
9
4

<div align="left"><p dir="ltr">हल्की बारिश हो रही थी और रात के करीब आठ बज रहे थे ,भार्गव अपनी मोटरसा

9

हाथों में हाथ

26 अक्टूबर 2021
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">ये लीजिए मिर्जा साहब! सबकी नजरें बचाकर कुछ जलेबियां आपके लिए छुपा ली

10

अनचाही बेटी...

27 अक्टूबर 2021
2
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है, शिकायत तो तब होगी ना,जब कोई सुनने वा

11

भयानक रात और वो...

27 अक्टूबर 2021
1
1
1

<div align="left"><p dir="ltr">बात उस समय की है जब मैं बीस साल का था,मैं अपने नानिहाल गया था,नानी और

12

घर का भेदी....

7 नवम्बर 2021
0
0
0

<div align="left"><div align="left"><p dir="ltr">रामू भागते हुए आया.....और जोर से चीखा फिर एकाएक बेह

13

मैं गंगा हूँ

11 नवम्बर 2021
13
7
9

<div><br></div><div><span style="font-size: 16px;">भारत माता ही मेरी माता है, मैं गंगा हूं।वह स्वर्ग

14

हिन्दी साहित्य में प्रकृति चित्रण.....

12 नवम्बर 2021
0
0
0

<p dir="ltr"><span style="font-size: 1em;">प्रकृति मानव की चिर सहचरी रही है,इसका मूल कारण यह है कि म

15

मुझे डर लगता है....

13 नवम्बर 2021
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">हैलो !अंकल!<br> मैने ये शब्द सुनकर अनसुना कर दिया,मुझे लगा उसने किसी

16

आक्रोश..

13 नवम्बर 2021
0
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">मुझे एक सच्ची घटना याद आती है,ये बहुत समय पहले की बात है मैं तब आठ-नौ

17

जादू की झप्पी

15 नवम्बर 2021
3
2
4

<div align="left"><p dir="ltr"> प्यार करने वालों के बीच लड़ाई होना आम बात है,लेकिन, इस झगडे़ को

18

बुढ़ापा....

16 नवम्बर 2021
2
1
2

<div align="left"><p dir="ltr">शरीर जब पैदा होता है, तो वह कभी बचपन, कभी जवानी और उसी तरह बुढ़ापा मे

19

नवचेतना

17 नवम्बर 2021
4
1
2

<div align="left"><p dir="ltr">अगर जीवन के किसी मोड़ पर चलते चलते आपको ठोकर लग जाए और थोड़ी देर के ल

20

सत्य की जीत(द्वारिका प्रसाद महेश्वरी)

23 नवम्बर 2021
0
0
0

<p dir="ltr"><b>सत्य की जीत</b><br> <b>(द्वारिका प्रसाद महेश्वरी)</b></p> <p dir="ltr">"सत्य की जीत"

21

सावित्री अम्मा

23 नवम्बर 2021
7
1
4

<div align="left"><p dir="ltr">हमारे मुहल्ले में सावित्री अम्मा रहा करतीं थीं,वो हमारे मुहल्ले की सब

22

आत्मनिर्भर स्त्री

25 नवम्बर 2021
5
1
3

<div align="left"><p dir="ltr">ईश्वर ने जब संसार की रचना की तब उसने रचनात्मकता के शिखर पर नर और नारी

23

दादी की थपकी

1 दिसम्बर 2021
4
0
0

<div align="left"><p dir="ltr">जब मैं पैदा हुआ था तो मुझे अपनी बाँहों में उठाने वाले पहले हाथ मेरे द

24

आदर्श

14 दिसम्बर 2021
9
7
0

<div align="left"><p dir="ltr">आदर्श एक वाणी सम्बन्धी कलाबाजी है,जो कि मुझे नहीं आती,<br> मैं तो हूं

25

मैं गूँगी नहीं, बना दी गई...

24 दिसम्बर 2021
0
0
0

<p style="color: rgb(62, 62, 62); font-family: sans-serif; font-size: 18px;">ये मेरे बचपन की बात है,

26

मधुरिमा

24 दिसम्बर 2021
1
1
2

<p style="color: rgb(62, 62, 62); font-family: sans-serif; font-size: 18px;">चल राजू तैयार हो जा, रा

27

सफलता के स्तम्भ...

27 दिसम्बर 2021
2
1
3

<div align="left"><p dir="ltr">सफलता मात्र असफलता का विरोधाभास नहीं, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति के मन मे

28

खुशी...

28 दिसम्बर 2021
2
0
3

<div align="left"><p dir="ltr">आज लुट चुकी थी उसकी हर खुशी,<br> जब उसके सामने पति की अर्थी उठी,<br>

29

वृक्षारोपण...

29 दिसम्बर 2021
2
1
1

<div align="left"><p dir="ltr">वृक्ष का संबंध मनुष्य के आरंभिक जीवन से है, मनुष्य की सभ्यता इन वृक्ष

30

श्रापित आईना

30 दिसम्बर 2021
2
0
1

<div align="left"><p dir="ltr">अच्छा तो बच्चों कैसा लगा घर?<br> समीर ने सारांश और कृतज्ञता से पूछा।।

31

लाटी--(शिवानी की कहानी)

30 दिसम्बर 2021
2
1
1

<div align="left"><p dir="ltr">लम्बे देवदारों का झुरमुट झक-झुककर गेठिया सैनेटोरियम की बलैया-सी ले रह

32

माण्डवी की विरह वेदना

6 जनवरी 2022
0
0
0

मैं माण्डवी ,मिथिला के राजा जनक के छोटे भाई कुशध्वज की बड़ी पुत्री मांडवी अप्रतिम सुंदरी व विदुषी थी, बचपन से ही सीता को अपना आदर्श मानने वाली मांडवी गौरी की अनन्य भक्त भी थी,श्रीरामचंद्र के धनुष तोडऩ

33

अध्यात्मिक जीवन

11 जनवरी 2022
1
0
0

“विचार व्यक्तित्त्व की जननी है, जो आप सोचते हैं बन जाते हैं”-- स्वामी विवेकानन्द.. आध्यात्मिक जीवन एक ऐसी नाव है जो ईश्वरीय ज्ञान से भरी होती है,यह नाव जीवन के उत्थान एवं पतन के थपेड़ों से हिलेगी-डोलेग

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए