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अनसुना

hindi articles, stories and books related to ansuna


नन्हा आशिक़                   पिता से चिपका अंश सिसक पड़ा।जगमोहन बाबू और अथर्व कुछ समझ न पाएं। थोड़ी देर में अंश पहले की भांति दादा साथ खेलने लगा।   &nb

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हकीकत है कि पढ़ नही सकते। जीवन को अब गढ़ नही सकते।। चक्रवात कम कर नही सकते। सारी कायनात बदल नही सकते।। कुछ पल ठहर नही सकते। वजूद सामना कर नही सकते।। एक चेहरे बन नही सकते।

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मै बेखबर मूरत, आग का तपा हूँ। घर है माना शीशे का, पत्थरो से वाकिफ़ हूँ । तंग गलियारो में, सच्चाई की तरंग हूँ । सत्य पर लग सके, वो दफा हूँ । टूटते रिश

पिछले अध्यायों में हमने जाना कि दिशा ने अपने रेस्टॉरेंट - कैफे की शुरुआत कैसे की और साथ ही हमने दिशा की ज़िन्दगी के पिछले पन्नों के बारे में जाना। फिर हमने दिशा के ही रेस्टॉरेंट में ही काम करने वाली अन

इक शब गुजर गई फिर से उसकी प्यास से हारकर , गुम गए कुछ सितारे जो यूँ ही उग आए थे रेगिस्तानी आकाश पर गैर मापे पूरे दिन को , इक उम्मीद बुझ गयी फिर से संभावनाओं की गोद में मुँह छिपाकर । .इक गम फिर से अधूर

इंतेज़ार एक ऐसा लफ्ज़जिसमें समूचा जीवनअंगड़ाई ले सकता है ।कायनात की हर शय मानोकिसी के इंतेज़ार में ही है ।बच्चा जवान होने के इंतेज़ार मेंतो कोई फिर सेबच्चा होने की चाह रखता है ●●●●

उस ने दूर रहने का मशवरा भी लिखा है, साथ ही मुहब्बत का वास्ता भी लिखा है, उस ने ये भी लिखा है मेरे घर नहीं आना, साफ़ साफ़ लफ़्ज़ों में रास्ता भी लिखा है, कुछ हरूफ लिखे हैं ज़ब्त की नसीहत में,

न जाने किसकी नजर,मेरे मुस्कुराते हुए चेहरे को लग गई ।जिंदगी अब गम की बरसात हो गई है ।दिन लगते हैं दहकते कोयले की तरह,बर्फ सी सर्द रात हो गई है ।जिन लोगों से बातें खत्म नहीं होती थीं,उनसे अब बात ही नही

खुदा और मोहब्बत•••••••••गलती किसकी थी?? फरहाद , माही या फिर परिवार और किस्मत?गलती एक ऐसी चीज़ है जो कभी एक तरफा नहीं होती। वो दोनों तरफ से होती है ।●हर सच्ची मोहब्बत की कहानी-जब लड़का राजी होता है तो लड़

मेरे सपने हर रोज,मेरे दरवाजे पर दस्तक देते हैं ।कहीं और दिल लगाएँ,तो लगाएँ कैसे??ये ख्वाहिशों का तूफान,थमने का नाम नहीं लेता।कुछ और सोचें,तो सोच पाएँ कैसे??जिम्मेदारियाँ रात भर सोने नहीं देतीं।कोई और

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एक दिन आँख ने पूछा पलकों से, तुम क्या करती रहती हो। चंद बूंदे आँसुओं की, संभाल नहीं पाती हो। जैसे ही उमड़ कर आते हैं, तुम रोक क्यों नहीं लेती हो। हो तुम पहरेदार फिर भी,  बहने इनको देती हो।

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यार! ये कितनी स्मार्ट है ना - अनीश ने आँखें बड़ी करते हुए कहा । ऐ डूड! उसे मत देख । कोई फायदा नहीं है। शी इज शायरा-मोस्ट वांटेड गर्ल ऑफ़ द कॉलेज। किसी को घास नहीं डालती-विक्की ने उसे आगाह किया।&nb

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यूँ मशहूर न करो,जमाने में मुझे।मैं गुमनाम अच्छी हूँ ।कोई जाने मुझे,इसकी ख्वाहिश कहाँ है?मैं खुद में ही गुम,बेनाम अच्छी हूँ ।अरमान नहीं हैं मेरे,झूठ बोलकर वाह-वाही लूटने के।बयाँ करके हकीकत,मैं बदनाम अच

आज किसी के मुँह से सुना था कि औकात क्या है तुम्हारी? बहुत लोग को कहते सुना है कि तुम्हें तुम्हारी औकात पता है? अपनी औकात में रहो । तुम्हें तुम्हारी औकात दिखाऊँ क्या? बगैरह बगैरह।आज मैने सोचा कि कोई कभ

पहला आंदोलन शायद बीज ने किया होगा मिट्टी के विरुद्ध और फूट पड़ा होगा पौधा बनकर। या फिर शिशु ने कोख़ के भीतर किया होगा जन्म लेने के लिए। हर बार आंदोलनकारी को प्रेम मिला है मिट्टी से भी और म

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