प्रसिद्द लेखक और अभिन्न मित्र डॉ असग़र वज़ाहत ने , जो सबकी तरह दंगो के बाद के मौजूदा हालत से बहुत दुखी और मायूस है , कल एक दिल को छूने वाला मेसेज भेजा है | आप सब पाठकों से शेयर कर रहा हूँ और प्रार्थना कर रहा हूँ कि आप भी अपने विचारों से ज़रूर अवगत कराएं |
दिनेश डॉक्टर जी आज के विषाक्त माहौल में हम लोग क्या कर सकते हैं ?
एक विचार मेरे मन में आया है। मैं तो करना चाहूंगा ।अगर आप चाहें तो आप उसमें शामिल हो सकते हैं। हिंदू मुसलमान समुदायों के बीच प्रेम और सौहार्द बढ़ाने के लिए एक छोटा सा कदम उठाना चाहता हूँ। मेरी इच्छा है कि मैं उन साधारण और सामान्य हिंदू ठेली लगाने वाले खोमचा लगाने वाले सड़क के किनारे बैठ कर काम करने वाले जिनकी दुकान या ठेले दंगे में नष्ट हो गए हैं उन्हें कुछ पैसा दूं। लेकिन केवल हिंदुओं को ही दूंगा। मुसलमानों को नहीं। अगर आप मेरे इस कार्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं तो आप मुसलमान कामगारों, मजदूरों ठेलिया लगाने वाले खोंनचा लगाने वाले आदि लोगों की आर्थिक सहायता करें ।ताकि वे अपना काम फिर से शुरू कर सकें। यदि आप सहमत हो तो इसकी घोषणा की जा सकती है और यह कहा जा सकता है कि इस कार्यक्रम में अगर और लोग शामिल होना चाहें तो वे अपने तौर पर हो सकते हैं ।मतलब स्वयं करें। हमारा उससे कोई संबंध नहीं होगा। बोलिए | असग़र वज़ाहत