क्या ये सच है - दिनेश डाक्ट
तुम्हे ये क्या हो गया है
तुम्हारी साँसों में
क्यों ज़हर की बू है ?
तुम्हारे माथे की शिकन
क्यों तुम्हारे दिल में उतर आयी है ?
तुम्हारी बात बात में
आग के शोले
क्यूं कर भड़कते है ?
तुम्हारे दोस्त
अब एक ही मजहब/धर्म के
क्यों कर हो गए है ?
तुम तो हमेशा 'हम' कहा करते थे
अब तुम्हारी बातों में 'वे लोग' -
कहाँ से घुस आये है ?
अब तुम लाशों का धर्म गिनकर
जुनूनी क्यों कर हो जाते हो ?
तुम तो अव्वल दर्जे के इंसान थे
क्यों अब सिर्फ
हिन्दू मुसलमान हो गए हो ?
सुना है मुस्लिम दाढ़ी रख ली है
भगवा त्रिशूल खोंस लिया है
क्यों तुमने बन्द कर लिया है दिमाग़
क्यों सोचने लगे हो बक्सा बन्द जेहनियत से
किसी ने बताया है
तुम्हे भेड़िये उठा ले गए हैं
क्या ये सच है ?