shabd-logo

धर्म

hindi articles, stories and books related to dharm


featured image

🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣 *!! तात्त्विक अनुशीलन !!* 🩸 *अट्ठावनवाँ - भाग* 🩸🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧*गतांक से आगे :--*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*सत्तावनवें भाग* में आपने पढ़ा :--*जय जय जय हनुमा

featured image

*सनातन धर्म में साधक की कई श्रेणियाँ कही गयी हैं इसमें सर्वश्रेष्ठ श्रेणी है योगी की ! योगी शब्द बहुत ही सम्माननीय है | योगी कौन होता है ? इस पर विचार करना परम आवश्यक है | योगी को समझने के लिए सर्वप्रथम योग को जानने का प्रयास करना चाहिए कि आखिर योग क्या है जिसे धारण करके एक साधारण मनुष्य योगी बनता ह

featured image

*इस संसार में मनुष्य अपना जीवन यापन करने के लिए अनेकानेक उपाय करता है जिससे कि उसका जीवन सुखमय व्यतीत हो सके | जीवन इतना जटिल है कि इसे समझ पाना सरल नहीं है | मनुष्य का जन्म ईश्वर की अनुकम्पा से हुआ है अत: मनुष्य को सदैव ईश्वर के अनुकूल रहते हुए उनकी शरण प्पाप्त करने का प्रयास करते रहना चाहिए | इसी

featured image

*इस संसार में जन्म लेने के बाद मनुष्य संसार को अपना मानने लगता है | माता - पिता , भाई - बहन , घर एवं समाज के साथ पति - पत्नी एवं बच्चों को अपना मान कर उन्हीं के हितार्थ कार्य करते हुए मनुष्य का जीवन व्यतीत हो जाता है | परंतु यह विचार करना चाहिए कि मनुष्य का अपना क्या है ? जन्म माता पिता ने दिया ! श

featured image

🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣 *!! तात्त्विक अनुशीलन !!* 🩸 *उन्तीसवाँ - भाग* 🩸🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️*गतांक से आगे :--*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*अट्ठाइसवें भाग* में आपने पढ़ा :*राम काज करिबे को आतुर**---------

featured image

🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣 *!! तात्त्विक अनुशीलन !!* 🩸 *अठारहवाँ - भाग* 🩸🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️*गतांक से आगे :--*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*सत्रहवें भाग* में आपने पढ़ा :*अतुलित बल धामा ! अञ्जनिपुत्र पवनसुत

featured image

🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣 *!! तात्त्विक अनुशीलन !!* 🩸 *सत्रहवाँ - भाग* 🩸🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️*गतांक से आगे :--*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*सोलहवें भाग* में आपने पढ़ा :--*राम दूत*अब आगे:---*अतुलित बल धामा

featured image

🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣 *!! तात्त्विक अनुशीलन !!* 🩸 *चौदहवाँ - भाग* 🩸🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️*गतांक से आगे :--*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*तेरहवें भाग* में आपने पढ़ा :--*जय हनुमान*अब आगे:---*ज्ञान गुन सागर

featured image

🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣 *!! तात्त्विक अनुशीलन !!* 🩸 *तेरहवाँ - भाग* 🩸🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️*गतांक से आगे :--*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*बारहवें भाग* में आपने पढ़ा :--*चौपाई* का भाव :-अब आगे :--- *जय हनु

featured image

🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣 *!! तात्त्विक अनुशीलन !!* 🩸 *बारहवाँ - भाग* 🩸🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️*गतांक से आगे :--*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*ग्यारहवें भाग* में आपने पढ़ा :--*"हरहुँ कलेश विकार"* के अन्तर्गत *

featured image

🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣 *!! तात्त्विक अनुशीलन !!* 🩸 *दसवाँ - भाग* 🩸🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️*गतांक से आगे :--*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*नवें भाग* में आपने पढ़ा :--*"हरहुँ कलेश विकार"* के अन्तर्गत *हरहुँ*अ

featured image

🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣 *!! तात्त्विक अनुशीलन !!* 🩸 *आठवाँ - भाग* 🩸🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️*गतांक से आगे :--*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*सातवें भाग* में आपने पढ़ा :--*"सुमिरौं पवन कुमार"*अब आगे:----*"बल ब

featured image

मृत्यु लोक के प्राणी वर्ष में एक बार धरती पर आते हैं डॉ शोभा भारद्वाज जहाँ भी बौद्ध धर्म ( इनमें सनातन धर्म की परम्पराएं भी मिश्रित हैं )का प्रभाव है वहाँ पितरों को बहुत सम्मान दिया जाता है। भारत की धरती से बौद्ध धर्म मंगोलिया तक पहुँचा था |मंगोल इतिहास में लिखा है कि छठी शताब्दी में भारत से द

featured image

*सनातन धर्म में प्रत्येक तिथियों के विशेष देवता बताए गए हैं , अमावस्या तिथि के देवता पितर होते हैं | वर्ष भर की प्रत्येक अमावस्या को पितरों का पूजन श्राद्ध तर्पण आदि किया जाता रहा परंतु आश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या का विशेष महत्व है क्योंकि भाद्रपद पूर्णिमा से अश्विन कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक सोलह

featured image

*अाश्विन कृष्ण पक्ष में पितरों के प्रति श्रद्धास्वरूप मनाया जाने वाला पितृपक्ष अपनी संपूर्णता की ओर अग्रसर है , इसलिए इस के विधान के विषय में प्रत्येक जनमानस को अवश्य जानना चाहिए | प्रायः लोग पितृपक्ष में अपने पितरों के लिए तर्पण एवं ब्राह्मण भोजन करा के पितरों के प्रति अपनी श्रद्धा समर्पित करते है

featured image

*संसार में अनेकों धर्म हैं जो अपनी कट्टरता के लिए प्रसिद्ध है परंतु इन सब के बीच में सनातन धर्म इतना दिव्य है जिसमें कट्टरता नाम की चीज नहीं है | यह इतना लचीला है कि लोग इसे अपने अनुसार मोड़ लेते हैं | सनातन धर्म में अनेकों व्रत / उपवास एवं उनके नियम बताए गये हैं जिसका पालन करने से मनुष्य को उसका फ

featured image

*आदिकाल से सनातन धर्म में पाप एवं पुण्य को बहुत महत्त्व दिया गया है | सत्कमों को पुण्यदायक एवं कदाचारण-दुराचरण को पापों का जनक माना जाता रहा है | हमारे धर्मग्रन्थ मानवमात्र को पापकर्मों से बचने की शिक्षा देते हैं ताकि मनुष्य को मरणोपरांत नर्कलोक की यातना न भुगतना पड़े | कहने का तात्पर्य है कि मनुष्य

featured image

*इस संसार को कर्म प्रधान कहा गया है | जो जैसा कर्म करता है उसको वैसा ही फल प्राप्त होता है यहां तक कि मृत्यु के बाद कर्म की भूमिका के कारण ही जीव को अनेक गतियां प्राप्त होती है | अपने कर्म के अनुसार मृत्यु के उपरांत कोई देवता , कोई पितर , कोई प्रेत , कोई हाथी / चींटी या वृक्ष आदि बन जाता है | ऐसे म

featured image

*आश्विन मास का कृष्ण पक्ष पितरों के लिए समर्पित है | श्रद्धा से अपने पूर्वजों को याद करने एवं उनका तर्पण आदि करने के कारण इसको श्राद्ध पक्ष कहा जाता है | जिस प्रकार सनातन धर्म में विभिन्न देवी-देवताओं के लिए विशेष दिन निश्चित किया गया है उसी प्रकार अपने पितरों के लिए भी अाश्विन कृष्ण पक्ष को विशेष द

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए