अरमानों सी सजती डोलिया,
मेरे देश की कितनी बोलिया,
रसगुल्ले से मिठी बेंगोली ,
पंजाबी है लहराते हरियाली!
कानडी, तमिल का स्वाद निराला,
मराठी का हमारे राकट है बाणा,
सजाता हर एक भाषा का ठेला,
जिसे देख मन खुशीयों से डोला!
मजहबों की बात कितनी अनोखी,
सब मजहब यहां है भाई - भाई ,
ईद में चांद आकर गले मिले,
करवा चौथ में थाली में सजे!
बडा मिठा देश का हमारे जल,
उम्मीदों का आनेवाला नया कल,
गोदी में तरक्की आकर बैठे हरपल,
हाथ पकडके प्रगती की ओर चल!
तीनों दल है बाहे फैलाये सामने खडे,
जैसे हिमालय से आकर अरवली मिले,
समुंदर में मिलके बहते जाते हर गिले,
खुशियों से हम हर रोज नये से मिले!
भारत देश ऐसा प्यारा है मेरे यारा,
जैसे सितारों को बीच अलग धुव्रतारा,
निकल जरा तेजी से आगे ऐसे,
जैसे बने सारे दुनिया का दुलारा!
दुल्हन जैसे सजती देश की धरती,
जैसे हरियाली चूनर सर पर सजती,
कानों में चांद सूरज की बडी बाली,
करोडों नयनों में है उम्मीद की ज्योती!
कलिया यहां फूल बनकर है खिले,
बचपन जवानी के साथ साथ चले,
रिश्तें सारे यहां दिल से यहां जूडे,
हर परेशानियों से मिलके हम लडे!
अमेरिका आकर हमारे गले मिले,
चिनी हमसे डरके पिछे हटने को देखे,
अफगाणिस्तान हमसे दोस्ती चाहे,
पाकिस्तान चुपके से हम पर वार करे!
जो जैसा है हम उससे वैसे हू मिले,
दोस्तों के साथ हम दोस्त बनके चले,
दुश्मनों के हाथ धोके पिछे हम पडे,
सबसे आगे दिशादर्शक बन रहे खडे!
बात आये भारत माता की आन की,
खुन की नदिया हसके बहा दे,
लेकिन एक इंच भी अपनी जमीं का,
किसीके हाथ हम ना डरके जाने दे !
तारीफें जो करु तेरी भारत माता,
लफ्ज भी आकर शिकायत करे,
हर तराना हो जाये खत्म जहां,
वहां तक चले तेरे गुणों का अफसाना!