भाग्य से मिले या फिर मेहनत,
कामयाबी लिखे अब किस्मत,
चाहे बहे आसूँवों की बरसात,
तरक्की से हो हम मालामाल।
थोडा अपनों का मिले साथ,
थोडा गैरों से मिले अपने हाथ,
थोडी मिले हिम्मत की उधारी,
फिर बने किस्मत हमारी प्यारी।
लोग कहते है किस्मत चमकी,
क्या जाने मेहनत उसकी जीती,
पर मेहनत को कर नजरअंदाज,
किस्मत की सब करते तारीफें।
किस्मत भी साथ है उसी के,
कभी मेहनत करने से ना हारें,
फिर उनके लिए निकलते है ,
अमावस में पूनम के चाँद तारें।
माना किस्मत जैसी होती चीज,
पर हौसलौं बाजों ने बदली किस्मते,
जो नहीं था कभी भाग्य में लिखा,
मेहनत ने सब मुमकिन है बनाया।
भाग्य तो कठपूतली मेहनत की,
जैसे चाहो वैसे तुम उसको नचाओ,
फिर जी भरके एक मंच पर बैठके,
उसके नाच का खुब आनंद उठाओ।