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जीवन

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*श्रीमते रामानुजाय नमः**श्रीगोदम्बाय नमः**चीराणि किं पथि न सन्ति दिशन्ति भिक्षां* *नैवाङ्घ्रिपाः परभृतः सरितोऽप्यशुष्यन् ।**रुद्धा गुहाः किमजितोऽवति* *नोपसन्नान् कस्माद्भजन्ति कवयो धनदुर्मदान्धान्*पहनने को क्या रास्तों में चिथड़े नहीं हैं? रहने के लिए क्या पहाड़ो की गुफाएँ बंद कर दी गयी हैं? अरे भाई !

हर व्यक्ति अपनी जीवन का हीरो स्वयं होता है जीवन में कठिनाइयां न हो तो इंसान कि परख नहीं हो सकती अगर हम मुश्किलों से डर जाए और घबरा कर भाग्य को दोष देने लगें तो इससे उत्थान कैसे संभव है रावण के बिना राम राम न होते बिना कंस के आतंक के कृष्ण कृष्ण न होते

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जीवन क्या है..? या मृत्यु क्या है..? क्या कभी आपने इसे समझने की चेष्टा की है..? नहीं, जरूरत ही नहीं पड़ी। मनुष्य ऐसा ही है.. तो क्या सोच गलत है...जी बिल्कुल नहीं, ये तो मनुष्यगत स्वभाव है। जरा उनके बारे में सोचिए जिन्होंने हमें ज्ञान की बाते

मेरी जीवन संगिनी,मेरी अर्द्धांगिनी, मेरे सपनों की पथगामिनी,प्रकृति के सानिध्य में रहने कीआकांक्षा लिए एक गृह स्वामिनी,प्रबंधन में व्यवस्थित एक गृ

आज माननीय प्रधानमंत्री जी ने अमुक घोषणा की है , आज हमें निम्न चीजो की खरीद करनी है , अगली छुटियो में हमें हमास द्वीप पर जाना है , आज पड़ोसी राम सिंह और कृष्ण सिंह लड़ गए आदि के बारे में ही बाते करते हुए हमारी ज़िंदगी गुजर रही है। आज की इस भाग दौड़ की दुनिया में किसी को ठहरने और सोचने का वक्त ही नही है।

1. लक्ष्य तुम ध्यान दोलक्ष्य या लक्ष्य को ध्यान में रखे बिना, जीवन व्यर्थ है और ऊर्जा और प्रयास की बर्बादी है। आपके पास दुनिया की सभी क्षमताएँ हो सकती हैं लेकिन ध्यान केंद्रित किए बिना, आपकी क्षमताएं और प्रतिभा बेकार है।क्योंकि दिन के अंत में लक्ष्य वे होते हैं जो आपको जीवन में दिशा प्रदान करते हैं।

हौसला होता नहीं, जुटाना पड़ता है। पैर उठता नहीं, उठाना पड़ता है। दुनियां जरूरत की है, बिन जरूरत के बोल मिलता नहीं, मिलाना पड़ता है। काम, नाम होता नहीं, मेहनत से बनाया जाता है। हमेशा अच्छा मिलता नहीं, समझौता करना पड़ता है। मुश्किल वक्त जब भी आता है। चहेतों के सच्चे चेहरे लेकर आता है। आशियाना बनता नही

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*मानव जीवन में अनेक प्रकार के क्रियाकलाप ऐसे होते हैं जिसके कारण मनुष्य के चारों ओर उसके जाने अनजाने अनेकों समर्थक एवं विरोधी तथा पैदा हो जाते हैं | कभी-कभी तो मनुष्य जान भी नहीं पाता है कि आखिर मेरा विरोध क्यों हो रहा है , और वह व्यक्ति अनजाने में विरोधियों के कुचक्र का शिकार हो जाता है | मनुष्य का

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🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🐍🏹 *लक्ष्मण* 🏹🐍 🌹 *भाग - २१* 🌹🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸*➖➖➖ गतांक से आगे ➖➖➖**लक्ष्मण जी* ज्ञानवान होकर भी आज एक साधारण मनुष्य की भाँति अपने बल का बखान करने लगे | अपने बल का बखान करने पर जो परशुराम जी क

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ज़िन्दगी मुश्किल कब होती है? क्या तब जब आप जीवन के संघर्षो से लड़ते - लड़ते थक जाते है? या तब जब सारी मुश्किलें जाले की तरह साथ में आपको फांस लेती है?या फिर तब जब जीवन में आपके साथ कोई नहीं होता और आपको अपनी लड़ाई खुद लड़नी होती है? मेरे ख्याल से नहीं; इन सारी दुविधाओं से

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सकारात्मक जीवन कीकला आज की ताजा ख़बरक्या है? टीवी के समाचार चैनलों पर हम क्या ढूंढ रहे हैं?समाचार पत्रोंकी शीर्ष पंक्ति में हमें किसकी तलाश है?आखिर किसी बुरी ख़बर की हमें अपेक्षाक्यों है? क्या समाज में नकारात्मकता बढ़ रही है. अगर यह सच है तोइसके लिए जिम्मेदार कौन है?क्या

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*मानव जीवन यदि देखा जाय तो बहुत ही सरल एवं कठिन दोनों है | इस जीवन के रहस्य को वही जान पाता है जो जीवन को एक कुशल प्रबंधक की तरह प्रबंधित करता है | मानव जीवन में भूतकाल , वर्तमानकाल एवं भविष्यकाल का बहुत ही महत्व है इन्हीं तीनों कालों पर संपूर्ण मानव जीवन टिका हुआ होता है , जो इनके रहस्यों को जान जा

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*इस धरा धाम पर सर्वश्रेष्ठ मानवयोनि को कहा गया है |मानव जीवन में आकर के मनुष्य अपने बुद्धिबल का प्रयोग करके अनेकों प्रकार के रहस्य से पर्दा हटाता है | मानव जीवन को उच्चता की ओर ले जाने के कृत्य इसी शरीर में रहकर के किए जाते हैं | मनुष्य के जीवन का एकमात्र लक्ष्य होता है ईश्वर प्राप्ति | ईश्वर को प्र

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*आदिकाल से इस धराधाम पर भाषा का बड़ा महत्त्व रहा है | सभी भाषाओं की उत्पत्ति संस्कृत भाषा से ही हुई है | प्राय: एक शब्द बोला जाता है "आधुनिक" या आधुनिकता | इसका अर्थ बहुत ही विस्तृत है | संस्कृत का एक शब्द है "अधुना" जिसका अर्थ है - अब | इसी अधुना शब्द से आधुनिक शब्द बना | प्राय: सभी लोग आधुनिकता का

नमस्ते , हमेशा ऐसा होता हे की हम अपने साथ हुए बुरे हादसों या बुरी यादो को भूल नहीं पाते,बहुत से लोगो की ये शिकायत रहती हे की हम भूलना चाहते पर भूल नहीं पाते ,ऐसे में हम क्या करे,हम इंसान हे और ये बहुत ही स्वाभाविक हे की हर इंसान में जज़्बात होते हे

नमस्ते, कैसे हे आप सब लोग मुझे आज बहुत ख़ुशी हो रही हे की आज में अपनी पहली पोस्ट लिखने जा रही हु में आशा करती हु की आप सब लोगो को मेरे विचार अच्छे लगेंगे और आप मुझे सपोर्ट करेंगे और मुझे प्रोत्साहित करेंगे द

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*इस धराधाम पर जन्म लेकर के मनुष्य सभी प्राणियों में सर्वश्रेष्ठ है तो इसके कई कारण हैं | इन्हीं कारणों में मुख्य है मनुष्य का जीवनमूल्य | मनुष्य जीवन की उत्कृष्टता और सार्थकता का मानदंड जीवन मूल्य ही है | हमारी सनातन संस्कृति मैं हमारे ऋषियों - महर्षियोंं का महत्वपूर्

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दिनचर्या और जीवनशैली गत सात दिसम्बर को WOW India की ओर से Lifestyle diseases यानी एक अननुशासित दिनचर्या के कारण होने वाली बीमारियों पर चर्चा के लिएएक वर्कशॉप का आयोजन किया गया | आयोजन सफल रहा | लेकिन उसके बाद जब हमने रिपोर्टपोस्ट की तो कुछ लोगों ने बात की कि आज के समय में जो लोग Working हैं, यानी क

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*परमात्मा द्वारा सृजित इस सृष्टि का अवलोकन प्रत्येक मनुष्य अपनी अपनी दृष्टिकोण से करता है | सुंदर-सुंदर दृश्य देखकर मनुष्य विचार करने पर विवश हो जाता है कि इस सुंदर सृष्टि का रचयिता अर्थात इसका मूल कितना सुंदर होगा | यदि मूल ना होता तो इतनी सुंदर सृष्टि शायद ही देखने को मिलती | जिस प्रकार इस सृष्टि

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