💥💥 योगासन और प्राणायाम 💥💥
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उर्जा कहीं भी नष्ट नहीं हो ,
लाभ हो दस गुना बेसी ,
सहज अभ्यास हो सकें जो ,
योग और प्राणायाम हो पेशी ।
सुबह शौच से हो निवृत्त ,
खाली पेट अभ्यास करना ,
मात्र जल ही पि सकते हैं ,
बिछावन पर अभ्यास करना ।
पूरब दिशा में मुख रखना ,
पद्मासन मुद्रा में आना ,
धीरे धीरे लंबी सांस भरकर ,
ओ३म् की दिर्घ उच्चारण करना ।
इस क्रम को तीन बार करना ,
फिर सीधा खड़ा होना ,
बारह मंत्र बारह मुद्राएं ,
सूर्य नमस्कार को मत खोना ।
तत्पश्चात ही शारीरिक व्यायाम ,
पुनः श्वासन में आ जाना ,
दो मिनट उपरान्त फिर ,
वज्रासन उष्ट्रासन का सुयोग पाना ।
चीत सोकर पवनमुक्तासन ,
उसके बाद हलासन की बारी ,
सर नीचे पैर उपर हो ,
सर्वांगासन शीर्षासन करें नर नारी ।
गर्भ धारणी माताओं को ,
वर्जित है व्यायाम भारी ,
चिकित्सक का परामर्श आवश्यक ,
नितान्त आवश्यक है जारी ।
अंग्रेजी देशी नहीं औषधि ,
ना ही कोई मिलावट सारी ,
कोई भी लाभ ले सकता है ,
चाहे क्यों न हो भिखारी ।
दुष्प्रभाव का तनिक भय नहीं ,
निसंकोच बस प्रारंभ किजिए ,
शरीर समय प्रयास आपके ,
स्वस्थ जीवन कि प्रमाण लिजिए ।
एकाग्रचित्त होकर मनोयोग से ,
योगासन और प्राणायाम करना ,
स्वस्थ परिवार बनाने को ,
संकल्प हृदय में धरना ।
इंजन हो आप अपने परिवार का ,
अपना तनिक ख्याल रखिए ,
स्वैच्छिकता को उत्पन्न करके ,
योग प्राणायाम शरण धरिये ।
आर्य मनोज , पश्चिम बंगाल २०.११.२०२२.