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साप्ताहिक_प्रतियोगिता

hindi articles, stories and books related to Saptahik_pratiyogita


ये औरते ऐसी क्यों है
क्यों होती ये अजीब
या अधूरा काम करना

रामू भागते हुए आया.....और जोर से चीखा फिर एकाएक बेह

गर्भग्रह मे खडे हर शख्स की आँख नम थी| विवेक जी और शालिनी जी तो सुन्न हो गए थे|
गुरूजी

गर्भग्रह मे खडे हर शख्स की आँख नम थी| विवेक जी और शालिनी जी तो सुन्न हो गए थे|
गुरूजी

जी करता हैं कि 
आसमान छू लें हम 
क्या पता कल हों ना हों हम <

सारे रिश्तों को 
ढोते ढोते 
कभी जागते कभी सोते
खुद को ह

उसको जाना था वो
चला गया
मुझसे नाता तोड़ गया
मुझको रोता छोड़ गया


/बिषय भैय्या दूज

भाग 2


Sc. No.        :    

‘‘वीर सावरकर’’

Sc. No.    &nb

संथाल जनजाति

संथाल जनजाति पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, बिह

दिव्या अपने कॉलेज जा रही थी ,तभी उसके सामने एक आदमी आकर गिरता है,वह ड

आज महल मे हर ओर शहनाई की गूँज थी| सारा राज्य ख़ुशी से झूम रहा था| आज बहुत ही शुभ दिन था| आज खुश

समुंद्र की लहरों सा

नारी का मन
इन लहरों सा 
नारी का जीवन

सिद्धेश अपने पूरी फैमली के साथ छुट्टियों में मनाली  घूमने का प्लान बना रहा था ,उसने टिकट बुक कि

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