/बिषय भैय्या दूज
विधा-कविता
ऐसा एक अटूट है रिश्ता
होता भाई बहन का प्यार
उसके बिना एक दूजे अधूरे
लगते हैं हर त्यौहार..
हर एक बहन बिना भाई के अधूरी
हर भाई के एक बहन ज़रूरी
लड़ते करते प्यार हमेशा
छोटी सी खुशियों का संसार ..
रक्षा बंधन भैय्या दूज के शिवा
रिश्तों के धागे मजबूत
बड़ी बहन होती मां जैसी
बड़ा भाई पिता का प्यार..
यम यमुना की प्यार अनोखा
यम आते यमुना के झरोखा
जो इस दिन यमुना करते स्नान
नहीं पड़ता उसे यम का धार..
भाई बहन हैं एक ऐसा बंधन
एक दूजे बिना अधूरा जीवन
रहे हमेशा राजन की बहना
मिले उसे भैय्या दूज त्यौहार. .
राजन मिश्र
अंकुर इंक्लेव करावल नगर दिल्ली 94