खादी के एक झोले में टूथब्रश डाला, कुछ कपड़े डाले आैर बस गाँव जाने की तैयारी हो गई......Sketches from Life: गाँव की ओर स्कूल की शिक्षा पूरी हो चुकी थी और कॉलेज जाने के बीच कुछ अन्तराल था. सो कुछ समय गाँव मे रहने का मन बना लिया. खादी के एक झोले में टूथब्रश डाला, कुछ कपड़े डाले आैर बस गाँव जाने की तैया
इससे पहले का हिस्सा यहाँ पढ़ें:आज दार्जीलिंग में हमारा तीसरा दिन है. हमारे यात्रा-कार्यक्रम में अब तीन चीज़ें शेष हैं – थ्री पॉइंट टूर, रॉक गार्डन और गंगा-माया पार्क तथा दार्जीलिंग का गौरव – हिमालयन रेल की सवारी! टाइगर-हिल जाने वाले पर्यटक परंपरागत तौर पर अल-सुबह पहुँच, वहाँ से कंचनजंगा की चोटियों
पहला हिस्सा पढ़ने के लिए क्लिक करें: सुबह के सात बजे हैं और ये दार्जीलिंग में हमारे दूसरे दिन की शुरुआत है. यूँ तो हमें आठ बजे तैयार रहने को कहा गया था किन्तु मैंने ड्राईवर को नौ बजे आने को कहा था. मुझे लगा था कि लंबी यात्रा की थकान से उबरने में थोड़ा समय तो लगेगा ही. आठ बजते-बजते नाश्ता भी तैयार हो ग
स्वर दो होते हैं-सूर्य स्वर(दायां) और चन्द्र स्वर(बायां)। सूर्य स्वर दाएं नथुने से और चन्द्र स्वर बाएं नथुने से आता-जाता रहता है। दोनों स्वर ढाई-ढाई घड़ी में बदलते रहते हैं। जिस नथुने से श्वास अधिक तेजी से अन्दर जाए या निकले वह स्वर चल रहा होता है। आप यात्रा करने जा र
जय जगन्नाथ... बोलो जय जगन्नाथ...रथ महोत्सव पर निकली यात्रा में उत्साहित बच्चों के मुंह से निकलने वालेइस जयकारे ने नुक्कड़ से मोहल्ले की ओर जाने वाली पगडंडी पर चल रही उदासमाला की तंद्रा मानो भंग कर दी।जीवन के गुजरे पल खास कर उसका अतीत किसी फिल्म के फ्लैश बैक की तरह उसकीआंखों के सामने नाचने लगा।क्योंक
धर्मेण सह यात्रां करोत्यात्मा, न बान्धवैः |आत्मा धर्माधर्मरूप कर्मों के साथ यात्रा करता है, न कि बन्धु-बान्धवों के साथ ।
करोड़ों रुपये के घाटे से जूझ रहे रेल मंत्रालय की आमदनी बढ़ाने के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने सफर करने वाले यात्रियों का ट्रेन में सफर करना मुश्किल कर दिया है. आलम यह है कि अगर ट्रेन के प्लेटफार्म से छूटने के चार घंटे पहले आप अपना आरक्षण टिकट निरस्त करने नहीं पहुंचे तो आपको एक फूटी कौड़ी भी रेल विभाग
आज सवेरे ही से गाँव में हलचल मची हुई थी। कच्ची झोंपड़ियाँ हँसती हुई जान पड़ती थीं। आज सत्याग्रहियों का जत्था गाँव में आयेगा। कोदई चौधरी के द्वार पर चँदोवा तना हुआ है। आटा, घी, तरकारी, दूध और दही जमा किया जा रहा है। सबके चेहरों पर उमंग है, हौसला है, आनन्द है। वही बिंदा अहीर, जो दौरे के हाकिमों के पड़ाव
मेंरे भाइयों और दोस्तों सपा की साईकिल यात्रा कहाँ तक चलेगी क्या यहीं पर समाप्त हो जाएगी या और आगे जाएगी |लेपटाप वितरण क्या साईकिल को और आगे ले जाएगी या नहीं अभी तक तो साईकिल गांव-गांव तक चली अब और कहाँ तक चलने की बारी है क्या साईकिल की गुण्डागर्दी और चलेगी इस समय साईकिल काफी तेज चल रही है सड़क बनवान
भारत में हर माैसम अपनी रवानी में उतरता है अाैर कुछ उलाहने, कुछ प्रेम, कुछ पहेलियां बुझाते हुए निकल जाता है। इसीलिए हम भारतीय हर माैसम का बेइंतहा इंतजार करते हैं। गर्मियां भले ही ऊब-डूब करती सांसें अाैर पहलु बदलने का माैसम है, लेकिन अपनी रवायत अाैर रसीले अामाें की अामद की वजह से सभी काे इसका इंतजार र
यात्रा वृतांत: एक बारात की मजेदार यात्रा - Ignored Post | Top Interesting Post---जब लगन चरम पर हो और ठाला भी चरम पर हो तो पुरे सीजन में एक बारात भी करने को मिल जाए तो नरक कट जाता है और ये मलाल भी नहीं रहता की, इस सीजन में एक बारात तक नहीं मिली | कल बिल्कुल यही परिस्थिति थी | कल इस जानलेवा ठाले के दौ
वसंत आ रही है, नए साल में आप सोचते हैं कि खेलने के लिए कहाँजाएंगे? प्रेमपूर्ण और गुलाबी के जयपुर, जोधपुर या सुनहरा रेगिस्तान के राजस्थान, गार्डन शहर के रूप में बैंगलोर। ज़ाहिर है, सुंदर भारतीय के अलावा, बाहर की दुनिया फिर मजेदार और रंगीन है। जैसे: चार महान प्राचीन सभ्यताओंके चीन, मिस्र, बाबुल।वे भार
खबर बिल्कुल सच्ची है। अगर आप खुद को सच्चा सिख साबित करने पर अड़ गए और सुरक्षा जांच के दौरान पगड़ी उतारने से इनकार कर दें तो इस बात की संभावनाएं ज्यादा हैं कि आपको हवाई यात्रा से महरूम रहना पड़ जाए।जी हां, खबर बिल्कुल सच्ची है। अगर आप खुद को सच्चा सिख साबित करने पर अड़ गए और सुरक्षा जांच के दौरान पगड
साँस चलती है तुझेचलना पड़ेगा ही मुसाफिर! चल रहा है तारकों कादल गगन में गीत गाता,चल रहा आकाश भी हैशून्य में भ्रमता-भ्रमाता,पाँव के नीचे पड़ीअचला नहीं, यह चंचला है,एक कण भी, एक क्षण भीएक थल पर टिक न पाता,शक्तियाँ गति की तुझेसब ओर से घेरे हुए है;स्थान से अपने तुझेटलना पड़ेगा ही, मुसाफिर!साँस चलती है त
12 साल बाद लगने वाले मौरी मेले में मुझे पांडव के साथ देवप्रयाग गंगा स्नान जाने का मौका मिला, मैंने 7 दिसम्बर मेले के उद्घाटन दिन ही तय कर दिया था कि जब पांच पांडव १३ अप्रैल को बिखोती मे गंगा स्नान को देवप्रयाग संगम में जायेंगे तो मै भी पैदल यात्रा कर के उनके साथ स्नान के जाऊंगा।दिसम्बर के बाद वक
नैनीताल से चल कर लखनऊ एवम् अरब देश आबूधाबी होते हुये समुद्र किनारे बसे एक छोटे एवम सुंदर ब्यवस्थित देश कुवैत पहुँचा हूँ ।इस के संबंध् में शीघ्र ही अपने अनुभव आगामी लेख में प्रस्तुत करूँगा ।
"जीवन", भगवान का एक सुंदर उपहार है जो हमें अपने अनुभवों से सीखकर अपने आप को विकसित करने का अवसर प्रदान करता है। यात्रा, एक ऐसा अनुभव है जो हमारे दिल को सुनहरी यादों के साथ सिक्त कर देता है। हमारी केप टाउन यात्रा, एक अप्रत्याशित यात्रा थी जिसने हमारी ज़िन्दगी में नए रंग भर दिए|दुनिया में कुछ चुनिदा
ये सत्य है की पुरे विश्व मैं मोदी जी ने यात्राये करके भारत का नाम रोशन कर दिया... पर सत्यता यह भी है की भारत मैं एक आम आदमी अभी भी जैसा पहले था वैसा ही अभी भी है बल्कि महंगाई बढ़ने के कारण ओर ज्यादा परेशान …. राष्ट्र धर्म संस्कृति विरोध ,, दंगो के कारण असुरक्षित ।... हमको दूसरे ल
जुझारू संस्कृति का जनक गढ़ कुण्डार अशोक सूर्यवेदी नक्षत्रों में सूर्य सी आभा लिए जुझौती (आधुनिक बुंदेलखंड ) का प्राचीनतम और पवित्रतम दुर्ग, गढ़ कुंडार एक ऐतिहासिक महत्त्व का दुर्ग ही नही बल्कि राष्ट्र धर्म और जुझारू संस्कृति का जनक भी है!अपने एक सह्त्राब्दी के जीवन काल में इस गढ़ ने अनेकानेक राजनैति