मैसूर शहर बंगलौर से लगभग 150 किमी की दूरी पर है और समुद्र तल से इसकी उंचाई 770 मीटर है. शहर की आबादी दस लाख से कम है और मौसम गर्म और उमस भरा है. परन्तु अक्टूबर से मार्च तक सुहावना रहता है. मैसूर चामुंडी हिल्स की तलहटी में बसा है.
बहुत पुराने समय से मैसूर एक अलग राज रहा है और 1339 से लेकर 1950 तक यहाँ वाडियार ( कन्नड़ में ओडियार भी कहते हैं ) घराने का राज रहा है. मैसूर के पच्चीसवें और अंतिम महाराजा थे जयचामराज वाडियार जिन्होंने 1940 से 1950 तक राज किया और फिर मैसूर का भारत में विलय हो गया.
मैसूर राज महल सबसे पहले 14वीं सदी में महराजा यदुराया ने पुराने किले के अंदर बनवाया. उसके बाद इसे कई बार बनवाया गया. महाराजा कृष्णाराजा वाडियार चतुर्थ ने ब्रिटिश वास्तुकार हेनरी इरविन के द्वारा 1897 में नया राजमहल बनवाना शुरू कराया जो 1912 में पूरा हुआ. महल तीन मंजिला है और पत्थर / संगमरमर का बना हुआ है. एक टावर पांच मंजिला याने 145 फीट का है. महल के चारों ओर बड़े बड़े लॉन और सुंदर बगीचे हैं. महल के एक भाग में काफी बड़ा म्यूजियम है जो जनता के लिए खुला है. कहा जाता है की सालाना लगभग 40 लाख लोग यहाँ आते हैं.
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