मेरे देखते देखते दो दशक बीत गए। मेरा बचपन 90's के दशक में बिता। मेरे छोटे भाई (कजन) का 2000 के दशक में बिता था। सन 2000 में बाजार में चाईनीज सामान आ गया था और घर में केवल टीवी। डीडी वन का जमाना अब चला गया था, जब एक फ़िल्म देखकर स्कूलों में पूरे हफ्ते तक उसकी चर्चा चलती रहती थी। अब तो पूरे दिन कार्टून नेटवर्क चलता था।
अब बच्चे चाभी वाले खिलौनों से नहीं बल्कि सेल व रिमोट वाले खिलौनों से खेलते थे। बाजार में ऐसे खिलौने आ गये थे जिन्हें मैंने कभी देखा भी नहीं था। जैसे ब्रिक वीडियो गेम, क्रेजी बॉल, पुश बैक कार, एयर गन जिसमें पिले छर्रा पड़ते थे। टेकन जैसे गेम आ गये थे जिनके ग्राफिक्स स्ट्रीट फाइटर से बहुत अच्छे थे।
इस दशक ने ही लोगों को पहला सेल फोन दिलाया था। इसी दशक में डिजिटल कैमरा, पर्सनल कम्प्यूटर, रिमोट वाले टीवी आये।
रितिक रोशन, अभिषेक बच्चन, विवेक ओबेरॉय, जॉन अब्राहम, ऐश्वर्य राय, करीना कपूर, कैटरीना कैफ, प्रियंका चोपड़ा, विपाशा वसु, लारा दत्ता, प्रीति जिंटा, रानी मुखर्जी, कंगना इस दशक के मुख्य हीरो-हीरोइन थे। इनके अलावा अर्जुन रामपाल, डीनू मौर्य, दिया मिर्जा, नेहा धूपिया, तनुश्री दत्ता, समीरा रेड्डी, आयशा टाकिया, अमृता राव, जेनेलिया, मल्लिका शेरावत, विद्या बालन थी, जिन्हें अब लोग भूल सा गये हैं।