समय समय पर स्कूल वाहनों की मनमानी की बात होती रहती है। अभी स्कूल वाहनों पर स्कूल प्रबंधन का ही नियंत्रण रहता है। जिस प्रकार सिक्योरिटी गार्ड लेने के लिए एक खास कंपनी की सेवा लेनी पड़ती है। इसी प्रकार स्कूल वाहनों के संचालन के लिए भी एक संस्था होनी चाहिए जो उस शहर की सभी स्कूल बसों की देखरेख करें व उनके ड्राइवरों का हिसाब रखें। शहर के सभी स्कूल सीधे बस न लेकर केवल इसी संस्था की सेवा लें। इससे स्कूल बसों की गुणवत्ता में सुधार के साथ स्कूलों की मनमानी से भी अभिभावकों को राहत मिलेगी। व सरकारी बसों की तरह बसों का किराया भी नियत हो जायेगा।