एक समय था जब माइक्रो मैक्स, लावा जैसी भारतीय कम्पनियाँ चीन से फोन लाकर भारत में बेच रही थीं। फिर ओप्पो, वीवो आ गयी और भारतीय मोबाइल फोन कम्पनियाँ रेस से बाहर हो गयी। हमारे देश में इतनी टेक्निकल जानकारी लोगों को नहीं थी कि वो देश में अच्छा फोन बना सकें।
पर ताज्जुब की बात यह थी कि चीन वाले भारत में मिट्टी के दीये और लक्ष्मी गणेश बेच रहे थे। ये चीजें हमारे यहाँ सदियों से बन रहीं थीं। मिट्टी भी आसानी से मिल जाती है। दीये या मूर्ति बनाने में कोई तकनीकी ज्ञान की जरूरत नहीं पड़ती। फिर भी यहाँ के लोग चीन को टक्कर नहीं दे पाये। चीन ने यहाँ के बाजार अपने यहाँ बने लक्ष्मी गणेश से पाट (भर) दिए।