सोशल मीडिया पर जौहर के ऊपर एक लेख पढ़ने को मिला। इसमें लिखा था कि सुअर की औलादें राजपूतों को मारकर उनकी औरतों को बेइज्जत करती थीं। हिन्दू औरतें अपने स्वाभिमान की रक्षा के लिए इन सुअर की औलादों के हाथ लगने से बेहतर आग में जलकर मरना पसन्द करती थी। मुस्लिम शासकों के अत्याचार से बचने के लिये बाद में यही सती प्रथा बन गयी।
पर मैंने स्कूल में व अन्य जगह भी सती प्रथा के बारे में पढ़ा था कि अपने पति की मृत्यु के बाद हिन्दू औरतें आग में जलकर अपनी जान दे देती थीं। वह इसलिए ऐसा करती थीं क्योंकि वह कायर होती थी जो पति की मृत्यु के बाद समाज का सामना नहीं कर पाती थीं। जबकि इस लेख के अनुसार वह मुस्लिम शासकों से अपनी इज्जत बचाने के लिए सती हो जाती थीं। हमें पढ़ाया गया है कि अंग्रेजों ने आकर इस कुप्रथा को बंद कराया था।
मैंने जो स्कूल में पढ़ा था इस लेख में उसके विपरीत जानकारी थी। इस लेख के नीचे कई लोगों के कमेंट (धमकियां) भी थी कि लेखक हिन्दू मुस्लिम भाई चारे को बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है।, वह मुसलमानों के बारे में गलत जानकारियां फैला रहा है आदि। सबसे ताज्जुब की बात यह है कि 'अशोक गलत लोग' जैसे व्यक्ति जो अपने को राजस्थान का बेटा कहते हैं यहाँ के इतिहास को छुपाने की कोशिश करते हैं।