व्यकितत्व विकास या पर्सनैलिटी डेवलपमेंट बचपन से ही होना चाहिए। यह बात हमारे पूर्वजों ने शायद बहुत पहले जान ली थी। हमारे त्यौहार बच्चों के व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रामलीला में बच्चे रंगमंच व नाटक की कला सीखते हैं। वो खुद ही रंगमंच सज्जा, रूप सज्जा व निर्देशन जैसे कार्य सीखते हैं। जन्माष्टमी में वह झांकी सजाकर स्वयं को प्रस्तुत करना सीखते हैं। और खिलौने सजाकर नगर रचना आदि सीखकर उनका मानसिक विकास होता है। झांकी में वह भीड़ को नियंत्रित करते हैं। व भण्डारे आदि में और ज्यादा उत्साहित भीड़ को काबू करके सुरक्षा के बारे में भी सीखते हैं।