पंजाब के अमृतसर में रावण दहन के दौरान हुए रेल हादसों में मरने वालों का आंकड़ा 61 तक पहुंच चुका है। मारे गए कई लोगों की तो अभी तक पहचान भी नहीं हो पाई है। ऐसे लोगों की पहचान करने की कोशिशें की जा रही हैं। साल के सबसे खतरनाक रेल हादसे में किसी के पिता मारे गए तो किसी का बेटा, किसी की बहन मारी गई तो किसी का भाई। हादसे में कई लोग घायल भी हुए, जिनमें से करीब 7 लोगों की हालत बेहद नाज़ुक बताई जा रही है। घटनास्थल पर मातम की आवाज़ें दूर-दूर तक आसानी से सुनी जा सकती थीं।
ड्राइवर को हिरासत में लेकर हुई पूछताछ
इस रेल हादसे में अपनों को खो चुकी एक महिला ने ट्रेन ड्राइवर को लेकर गुस्सा जताया था। हालांकि इस पूरे हादसे में ड्राइवर को पूरा दोष नहीं दिया जा सकता, लेकिन फिर भी ट्रेन के ड्राइवर को कल रात ही हिरासत में ले लिया गया और पूछताछ भी की गई। डीएमयू ड्राइवर को लुधियाना रेलवे स्टेशन पर पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया, जहां उन्होंने बताया कि उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अंदाज़ा नहीं था कि आगे रेलवे लाइन पर लोगों की इतनी भारी भीड़ इकट्ठा होगी।
रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने ड्राइवर के पक्ष में की बात
ड्राइवर ने बताया कि उन्होंने ग्रीन सिग्नल दिया था, और रास्ता तकनीकी रूप से बिल्कुल साफ था। पूरे मामले पर रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी का कहना है कि रेलवे लाइन पर लोगों की भारी भीड़ देखकर ड्राइवर ने रेल को रोकने की पूरी कोशिश की थी। उन्होंने बताया कि ड्राइवर ने ट्रेन की स्पीड भी कम थी, लेकिन ट्रेन को रोकना काफी मुश्किल था। ये बात सभी लोग जानते हैं कि ट्रेन को रोकने के लिए समय के साथ-साथ दूरी की भी ज़रूरत होती है, जबकि इस मामले में ड्राइवर के पास न तो समय था और न ही दूरी।