पटना के गुलजारबाग इलाके में आगमकुआं थाना है. 25 जून को बिहार पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इस थाने के दो थानेदारों और नौ पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया. इलाके के डिप्टी एसपी को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. इसका कारण एक नाबालिग को झूठे केस में फंसाकर जेल भेजना था. इस मामले में कार्रवाई की हर तरफ चर्चा हो रही है. सोशल मीडिया पर लोग इसकी जमके तारीफ कर रहे हैं.
जानें क्या है पूरा मामला?
# सुकून पासवान आगमकुआं थाने के पास सब्जी का ठेला लगाते हैं. मार्च के महीने में एक दिन उनका 14 साल का बेटा उनकी जगह सब्जी बेच रहा था. तभी एक पुलिसवाला आया और थाने के लिए फ्री में सब्जी देने को कहा. नाबालिग ने ऐसा करने से मना कर दिया. पुलिसवाले के हड़काने पर भी सब्जी नहीं दी तो उसने देख लेने की धमकी दी.
# 19 मार्च को पुलिस ने नाबालिग को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया. उसके ऊपर बाइक चोरी गैंग में शामिल होने का आरोप लगाया. पुलिस ने उसके साथ तीन और लड़कों को गिरफ्तार कर बेउर जेल भेज दिया. इतना ही नहीं पुलिस ने इनके पास से चार बाइक, एक पिस्टल और पैसों की बरामदगी दिखा दी और इन सबको आरोपी बनाकर जेल भेज दिया. इसका मामला बायपास पुलिस स्टेशन में दर्ज करवाया गया.
# नाबालिग के पिता सुकून इस मामले को लेकर पटना एसएसपी मनु महाराज के पास पहुंचे. मामला मीडिया में भी आ गया, जिस पर सीएम नीतीश कुमार ने 21 जून को उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए.
# खुद आईजी एनएच खान ने जांच की निगरानी की. चार दिन में जांच पूरी हो गई. इस दौरान पुलिस न तो बाइक जब्त करने के सबूत दे सकी और न ही बच्चे के ऐसी किसी गतिविधि में शामिल होने के. यह साफ हो गया कि पुलिसवालों ने बदले की भावना से बच्चे को फंसाया.
# जांच में थाने का स्टाफ दोषी पाया गया. कार्रवाई करते हुए बिहार पुलिस ने आगमकुआं के वर्तमान एसएचओ कामाख्या नारायण सिंह, पहले के एसएचओ मुन्ना वर्मा और नौ पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया है. आगमकुआं थाने का पूरा स्टाफ लाइन हाजिर कर दिया गया है.
# पटना सिटी डीएसपी हरिमोहन शुक्ला को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है. उनसे भी पूछा गया है कि क्यों न आपको भी सस्पेंड कर दिया जाए? क्योंकि केस की चार्जशीट बिना डीएसपी के अनिवार्य सुपरविजन के ही फाइल कर दी गई थी.
# बच्चे के आधार कार्ड पर छपी डेट ऑफ बर्थ से उसके नाबालिग होने का पता चलने पर उसे बाल सुधार गृह में शिफ्ट किया गया है. उसका मेडिकल भी करवाया जाएगा. जल्द ही आगे का प्रॉसेस पूरा कर उसे जेल से रिहा किया जाएगा. साथ ही पुलिस आईजी ने दूसरे थानों में भी एडवाइजरी जारी की है. इसमें कहा गया है कि पुलिसवाले ‘कंट्रोल’ में रहें.
Bihar police suspends eleven policemen for filing a false case against a minor