1862 में बने मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलने की कवायद पिछले साल ही शुरू हो गई थी. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलने का सुझाव केंद्र के पास भेजा था जिसे बाद में केंद्र ने स्वीकार कर लिया.
कांग्रेस राज के बाद अब मोदी राज में भी नाम बदलने का खेल बदस्तूर जारी है. 2014 में केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के बाद मोदी सरकार ने कई जगहों और योजनाओं के नाम बदल दिए हैं जिसमें ज्यादातर पं दीन दयाल उपाध्याय के नाम से रखे गए हैं. इसी सिलसिले में उत्तर प्रदेश सरकार ने मुगलसराय जंक्शन रेलवे स्टेशन का नाम भी बदल दिया है.
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार मुगलसराय जंक्शन रेलवे स्टेशन का नाम अब पं दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन होगा. यह मुगलसराय यूपी के चंदौली जिले के अंतर्गत आता है.
पिछले साल शुरू हुई थी कवायद
इससे पहले केंद्र और राज्य सरकार कई बड़ी योजनाओं को दीन दयाल उपाध्याय के नाम से घोषित कर चुकी है या चला रही है. दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना, दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना केंद्र की ओर से घोषित कई योजनाओं में से कुछ बड़ी योजनाएं हैं.
कई राज्य सरकारों की ओर से ढेरों योजनाएं दीन दयाल उपाध्याय के नाम से चलाई जा रही हैं. पिछले साल यूपी सरकार ने राज्य कर्मचारियों, पेंशनर्स तथा उनके परिवार के आश्रित सदस्यों को आकस्मिक तथा असाध्य रोगों के कैशलेस इलाज की योजना का नाम बदलकर ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मी कैशलेस चिकित्सा योजना’ कर दिया था.
अन्य राज्यों में भी दीन दयाल
वहीं, उत्तराखंड सरकार ने ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय मातृ-पितृ तीर्थाटन योजना’ के नाम से बुजुर्गों को राज्य के धार्मिक स्थलों पर ले जाया जाता है. मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय के नाम से कई योजनाएं चला रखी हैं. पिछले साल अप्रैल में ‘दीनदयाल रसोई योजना’ की शुरुआत की गई है, जिसमें गरीबों को सस्ते में भोजन उपलब्ध कराना है.
Source: Aaj tak