पूरे विश्व में भारत एक ऐसा देश है जहां पर सभी धर्म के लोग बड़े प्रेम के साथ रहते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो हर दिन जाति-पाति और धर्म के नारे लगाते रहते हैं और भोली भाली जनता हो घुमराह करते रहते हैं इन्ही लोगों में से एक है कन्हैया कुमार।
कन्हैया कुमार पहले कोई नही जानता था लेकिन जब से कन्हैया कुमार ने जेएनयु में पाकिस्तान जिंदाबाद और भारत मर्दाबाद के नारे लगाये हैं तब से गद्दार देशद्रोही को पूरा देश अच्छी तरह से जान गया है। कन्हैया कुमार एक कम्युनिस्ट के तौर पर कार्य करने वाला है, लेकिन जब एक कम्युनिस्ट इस्लाम धर्म की तरीफ और जो हिन्दू नाम रखकर हिंदुओ को गाली देना लगे तो इसे एक कट्टरपंथी मुसलमान का प्यादा तथा इस्लाम धर्म का प्रचारक समझना चाहिए।
जी हां यह बिल्कुल सही कन्हैया कुमार एक मुस्लिम सम्मेलन में हिंदुओं की बहुत बुराई की तथा इसके बाद उसने कहा कि मजिस्दों में कोई भेद-भाव नही होता है और यह सभी लोग अल्लहा को मानते हैं अल्लाह में बहुत ताकत है, सभी लोगों इस्लाम धर्म अपना लेना चाहिए।
कन्हैया कुमार अब एक कट्टरपंथी मुसलमान बन चुका है, भारत सरकार को उसी समय समझ जाना चाहिए था जब कन्हैया कुमार ने जेएनयु में भारत बिरोधी नारे लगाये थे और इस पर कोई कड़ा एक्शन लेना चाहिए था।
दोस्तों कन्हैया कुमार जिस धर्म की बढाई कर उसी धर्म में लोग शिया, सुन्नी, अहमदिया, सूफी, देवोबंदी, बरेलवी क़ादियानी जैसे फिरको में बट कर एक दूसरे के खून के प्यासे बने हुवे है।