शिव भक्त राहुल गाँधी ने हाल ही में मानसरोवर यात्रा कर वापस लौटे है. मानसरोवर यात्रा से लौटने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने आगमी चुनाव में कांग्रेस को सत्ता में वापस लाने के लिए जोड़-शोर से लग चुके है. शिव भक्त राहुल गाँधी अब चुनावी रंग में रंगते नज़र आ रहे है. वो चुनावी राज्य मध्य प्रदेश में एक के बाद एक रैलीयां कर रहे है और अपनी पार्टी को जीत दिलाने के लिए हर प्रयास कर रहे है. राहुल गाँधी भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पर तो उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को चोर भी कह डाला.
राहुल की इन रैलीयों में इस बार फिरसे कुछ नया और मज़ेदार निकल कर आया. राहुल गाँधी शिव भक्त बनने के बाद अब इस दूसरे हिन्दू भगवान के भक्त बन गए है. आपको बता दे कि 27 सितम्बर को राहुल गाँधी मध्य प्रदेश के चित्रकूट का दौरा करने गए थे. ऐसे में पार्टी के कार्यकर्ताओं ने उनके स्वागत के लिए जगह-जगह पोस्टर लगा रखे थे. इन पोस्टरों में एक खास बात देखने को मिली. इन पोस्टरों में शिव-भक्त राहुल गाँधी को राम-भक्त राहुल गाँधी बताया गया.
आप सोच रहे होंगे कि राहुल गाँधी राम-भक्त कब से बन गए. तो हम आपको बताना चाहेंगे की मध्य प्रदेश का चित्रकूट ही वह स्थान है जहाँ भगवान राम ने अपने 14 वर्षों के वनवास के 11 वर्ष काटे थे. इसलिए यहाँ के लोग भगवान राम को अपना प्रिय मानते है. इसलिए कांग्रेस अध्यक्ष को यहाँ राम भक्त के रूप में प्रस्तुत किया गया ताकि यहाँ के लोग राहुल गाँधी से ज्यादा से ज्यादा जुड़ सके और लोगों के दिल में अपना एक खास स्थान बना सके. वहीं इसके पहले के भोपाल दौरे में जगह-जगह पोस्टरों पर राहुल गाँधी को शिव भक्त के रूप में प्रस्तुत किया गया था.
आपको बता दे कि कांग्रेस पार्टी के ही कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के विरुद्ध केश लड़ रहे है. ऐसे में देखना यह है राजनीति के लिए भगवान का सहारा लेकर राहुल का भला हो पाता है या नहीं.