मां. एक ऐसा शब्द है जो दिल को बेहद सुकून देता है। घर संभालने के लिए मां दिन-रात एक कर देती है। 24 घंटे ड्यूटी होती है इनकी। सुबह उठकर खाना बनाना, काम पर जाना, घर की छोटी सी छोटी बातों का ख्याल रखना..ऐसा सिर्फ मां ही कर सकती है। मां के जज्बे के आगे तो पुरुषों की हिम्मत भी जवाब दे जाती है। आज हम आपको एक ऐसी मां की तस्वीर दिखा रहे हैं जिसने पुरुषों को भी सलाम ठोंकने पर मजबूर कर दिया है। ये तस्वीर है एक ऐसी मां की जो दो वक्त की रोटी परिवार को खिला सके इसके लिए वह अपने बच्चे को गोद में लेकर दिन-रात रिक्शा चलाती है।
इंसान पेट भरने के लिए क्या नहीं करता है। कोई पत्थर तोड़ता है, कोई खेती करता है। हर कोई खून-पसीना बहाकर दो वक्त की रोटी कमाता है। लगभग हर कोई अपना पेट भरने के लिए ही करता है। ऐसा ही कुछ अनोखा त्रिपुरा के अगरतला की सड़कों में रोजाना देखने को मिला। यहां सोमा चक्रवर्ती के जज्बे के आगे तो पुरुषों की हिमम्त भी जवाब दे जाएगी। जी हां- यह महिला अपनी गोद में अपने बच्चे को टांग करके रिक्शा चलाती है।
इलाके में सोमा को हर कोई जानता है। अगर आप यहां किसी से सोमा के बारे में पूछेंगे तो लोग सिर्फ यही कहेंगे – वो बहुत पुरुषार्थ वाली महिला है। वह अपने बच्चे को गोद में लेकर पूरे शहर में रिक्शा चलाने का काम करती है। यह काम बिल्कुल भी आसान नहीं है, लेकिन सोमा ने इसे इतनी आसानी से किया कि अब यह काम बेहद आसान लगता है। सोमा काम के दौरान अपने बच्चे का भी पूरा ध्यान रखती है। इसके लिए वह दूध और पानी की बोतल के साथ खाने का भी सामान साथ रखती है।
सोमा के 5 बच्चे हैं। जब सोमा काम पर जाती है तो उसके साथ उसका सबसे छोटा बेटा होता है। सोमा के बाकी2 बड़े बच्चों दूसरों के घर पर होते हैं और उनके घरों में रोजाना का काम करते हैं। बाकी 2 बच्चों को सोमा अनाथालय में चोड़ आई है। सोमा का कहना है कि अगर आपके अंदर आपके बच्चों को पालने की हैसियत नहीं है तो आपको उन्हें अनाथालय में छोड़ देना चाहिए। वहां उनकी अच्छी परवरिश होगी।
गोद में बच्चा लेकर रिक्शा चलाती है यह मां,इसके जज्बे के आगे पुरुषों की हिम्मत भी जवाब दे जाएगी