वायरल सच में आज बात प्रधानमंत्री मोदी के कर्ज चुकाने वाली खबर की. सोशल मीडिया में वायरल हो रहे मैसेज के जरिए दावा किया जा रहा है कि पीएम मोदी ने ईरान का कर्ज चुका दिया है. जानते हैं कर्ज चुकाने का दावा करने वाली इस कहानी का सच क्या है?
पिछले महीने ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के दौरे पर ईरान गए थे. कई अहम समझौते हुए.. दोनों देश के बीच मजबूत रिश्ते की कई तस्वीरें भी दिखाई दी. और अब इन तस्वीरों के बाद सोशल मीडिया में एक मैसेज वायरल हो रहा है.
मैसेज के जरिए दावा किया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कैसे ईरान को खुश किया.
दरअसल पूरी कहानी इस बात पर है कि अंतर् राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमत कम होने के बावजूद जनता को इसका फायदा क्यों नहीं मिला था
वायरल मैसेज में लिखा है कि भारत की सरकार जनता को तेल का पूरा फायदा इसलिए नहीं दे पाई क्योंकि भारत पुराने तेल के कर्ज में डूबा देश है. ईरान से हम लगभग 5 लाख बैरल प्रतिदिन तेल लेते हैं उसका भारत पर करीब 6.50 बिलियन डॉलर यानि करीब 43 हजार करोड़ का उधार हो गया है. ये उधार 4 साल पहले से हुआ है जब भारत ईरान से अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध के बाद तेल तो लेता था लेकिन रोक की वजह से उसे भुगतान नहीं कर पाता था.
प्रधानमंत्री मोदी जी ने अपनी ईरान यात्रा से पहले पुराने तेल के एवज में जो उधार हुआ था उसकी पहली किश्त ईरान को चुका दी है.
पड़ताल में सामने आया कि ईराऩ दौरे से पहले भारत ने कर्ज की एक किश्त चुकाई है और ये वो कर्ज है जो यूपीए सरकार के वक्त भारत पर हुआ था.
पेट्रोलियम एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा ने कहा कि मोदी सरकार के सिर पर कर्ज आ गया है. तेल की कीमत कम होने के बावजूद कीमत कम नहीं हुई इसकी वजह है ईरान से 4 साल पहले लिया गए तेल की रकम का भुगतान. यूपीए ने जो तेल खऱीदा था उसका सिर्फ 55 फीसदी भुगतान हुआ था. अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंध की वजह से ईरान को भुगतान करना मुमकिन नहीं था. लेकिन यूपीए ने वो पैसा कहीं अलग नहीं रखा जिससे वक्त आने पर ईरान को दिया जा सके.
लेकिन भारत पर सिर्फ 43 हजार करोड़ का कर्ज नहीं है क्योंकि चार साल पहले का कर्ज का भुगतान ईरान आज के यूरो के दाम के हिसाब से चाहता है.
फिलहाल मोदी सरकार ने इस रकम का एक हिस्सा अदा किया है ताकि ईरान का कर्ज उतार सकें और भविष्य में सौदा भी हो सके. ये पहल सराहनीय है..भले ही देशवासियों को फायदा ना मिला हो लेकिन दाम कम करके आर्थिक नीतियों से भारत कई मुश्किलों से बच रहा है.
ईरान के साथ कर्ज का ये मामला इतना गंभीर हो गया था कि प्रधानमंत्री को इस मामले में दखल देना पड़ा था.
भारत को ईरान का करीब 43 हजार करोड़ का कर्ज उतारना है जिसमें पहली किश्त के तौर पर भारत ने ईरान को करीब 5 हजार करोड़ रुपए चुकाए हैं.