प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 4 सालों में अपने कई वि देश ी दौरों से न सिर्फ भारत के लोगों को बल्कि विदेशियों को भी कई बार चौंकाया है और प्रभावित किया है. विदेशी इवेंट्स में भी उन्हें सुनने के लिए काफी संख्या में लोग पहुंचे, दुनियाभर के शीर्ष नेताओं ने भी दिल खोलकर उनका स्वागत किया. इसी साल अप्रैल महीने में उन्होंने लंदन के सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर से 'भारत की बात सबके साथ' कार्यक्रम को संबोधित किया. उन्होंने लंदन में कई मुद्दों पर खुलकर बात की. लंदन में दिए उनके भाषण की कई दिनों तक चर्चा होती रही.
इससे पहले फरवरी 2018 में पीएम ने इजरायल और फिलीस्तीन का दौरा किया. यह यात्रा काफी चर्चा में रही. प्रधानमंत्री ने खुद कहा था- 'ऐसा 70 साल में पहली बार हुआ कि कोई भारतीय प्रधानमंत्री इजरायल गया हो, ऐसा क्या था जो हमें इजरायल जाने से रोक रहा था. मैंने तय किया कि जब मुझे इजरायल जाना है तो सीधा वहीं जाऊंगा और गया. और इसके बाद जब फिलीस्तीन जाना था, तो वहां पर भी गया.'
अप्रैल 2018 में पीएम चीन के भी अनौपचारिक दौरे पर गए. इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब चीन-भारत के राष्ट्राध्यक्षों के बीच इस तरह की अनौपचारिक वार्ता हुई. पीएम मोदी ने खुद दुनिया के नेताओं से इस परंपरा को आगे बढ़ाने का आह्वान भी किया. प्रधानमंत्री ने तब कहा था- 'शायद मैं ऐसा पहला भारतीय प्रधानमंत्री हूं, जिसकी अगवानी के लिए आप (शी जिनपिंग) दो बार राजधानी (बीजिंग) से बाहर आए.' हालांकि, इस वार्ता में कोई आधिकारिक समझौता नहीं हुआ, लेकिन सीमा विवाद और आतंकवाद जैसे तमाम मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच सकारात्मक बातचीत हुई. इससे पहले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी मोदी की जिनपिंग से मुलाकात हुई थी. डोकलाम पर भारत-चीन के बीच तनातनी की स्थिति भी आसानी से खत्म हो गई. हालांकि, करीब 72 दिन तक बने गतिरोध में भारत ने सख्त रवैया दिखाया था.
इसी हफ्ते रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रूस गए. उनकी ये यात्रा इतनी खास थी कि पुतिन प्रोटोकॉल से हटकर मोदी को विदा करने हवाई अड्डे पहुंचे. मोदी ने पुतिन के साथ पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता में कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की, जिसमें रक्षा सहयोग के साथ ही साझा हित वाले ग्लोबल मुद्दे शामिल रहे.
मोदी के प्रधानमंत्री रहते ही 20 सालों में ऐसा पहली बार हुआ कि भारत के कोई विदेश मंत्री नॉर्थ कोरिया गए. इसी महीने विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह नॉर्थ कोरिया के दौरे पर पहुंचे. सिंह का ये दौरा ऐसे वक्त हुआ जब कुछ ही दिन बाद कोरियाई प्रमुख किम जोंग उन की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात होने वाली है.
जनवरी 2018 में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की मीटिंग के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दावोस में थे. मोदी ने विश्व आर्थिक मंच से पूरी दुनिया को संदेश दिया कि भारतीय ग्रंथों में हजारों साल पहले लिखे वसुधैव कुटुंबकम के सिद्धांत को आज पूरी दुनिया को जरूरत है. वैश्विक आर्थिक विकास का फायदा पूरे समाज को पहुंचाने के लिए जरूरी है कि इस सिद्धांत पर दुनिया के सभी देश एक दूसरे को एक परिवार की तरह लेकर आगे चलें. प्रधानमंत्री ने कहा कि 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा दावोस पहुंचे थे. तब से लेकर अब तक भारत की जीडीपी 6 गुना हो चुकी है. उस वक्त इस मंच का स्लोगन था बिल्डिंग दि नेटवर्क सोसाइटी. आज हम सिर्फ नेटवर्क सोसाइटी ही नहीं बल्कि बिग डेटा, आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के युग में जी रहे हैं.
SOURCE : आजतक