पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के नि-धन से पूरा देश शोक में डूबा है। अटल जी को शुक्रवार को अंतिम बिदाई दे दी गई, लेकिन लोगोंं के दिलोंं में वो हमेशा राज करेंगे। अटल के जाने से भारतीय राजनीति का एक अध्याय पूरी तरह से खत्म हो गया। अटल बिहारी को शब्दों में पिरो पाना संभव नहीं है, क्योंंकि अटल अपने आप में ही अंतत है, जो हमेशा हम सभी के बीच में रहेंगे। अटल बिहारी का राजनीतिक सफर किसी से छिपा नहीं है। हमेशा अपने अटल फैसले को लेकर जाने वाले स्वर्गीय प्रधानमंत्री वाजपेयी को भूला पाना संभव नहीं है। तो चलिए जानते हैं कि हमारे इस लेख में आपके लिए क्या खास है?
बीजेपी को शून्य से सत्ता के शिखर पर बिठाने वाले अटल बिहारी के बारे में जितना कहा जाए उतना कम है। अटल बिहारी ने बीजेपी में नेताओं की एक पूरी पीढ़ी तैयार की है। अटल बिहारी का सम्मान सिर्फ उनकी पार्टी ही नहीं, बल्कि विपक्षी पार्टियां भी करती है। आज हम अटल बिहारी और पीएम मोदी के रिश्ते के बारे में कुछ जानकारियां देंगे। एक समय था, जब नरेंद्र मोदी की इतनी लोकप्रियता नहीं थी, जितनी आज है, लेकिन वो अटल जी है, जिन्होंने मोदी को इस पद तक पहुंचाया है।
अटल बिहारी वाजपेयी और मोदी का रिश्ता काफी गहरा है। अटल बिहारी को पीएम मोदी हमेशा अपना गुरू मानते हैं। और यही वजह है कि पीएम मोदी अक्सर अटल बिहारी की चर्चा करने से पीछे नहीं हटते हैं। भले ही आज पीएम मोदी को बीजेपी की कामयाबियोंं के लिए जाना जाता है, लेकिन सच्चाई तो यह है कि पर्दे के पीछे से अटल बिहारी 2014 से ही बीजेपी को संभाल रहे हैं, जिसकी वजह से आज 20 से ज्यादा राज्योंं में बीजेपी सत्ता पर काबिज है।
स्वर्गीय पूर्व पीएम अटल बिहारी ने बीजेपी को पूरी तरह से निखारा है, लेकिन एक बार अटल ने नरेंद्र मोदी से कहा था कि तुम दिल्ली छोड़कर चले जाओ, जिसके बाद गुजरात में काफी बड़ा भूचाल देखने को मिला था। दरअसल, 1995 में जब गुजरात में बीजेपी सत्ता में आई थी, तब नरेंद्र मोदी को दरकिनार करते हुए केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री बनाया गया है, जिसके बाद फिर से 1998 में गुजरात में चुनाव हुए तो भी नरेंद्र मोदी को दिल्ली में ही बांँधकर रखा गया, जोकि अटल बिहारी को पसंद नहीं आया था।
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जब 2001 में गुजरात में भूकंप आया था तो तत्कालीन बीजेपी सरकार हालात संभालने में नाकाम हुई थी, जिसकी वजह से अटल बिहारी ने नरेंद्र मोदी को तुरंत फोन कर मिलने के लिए बुलाया। उस समय में अटल बिहारी प्रधानमंत्री थे। पीएम आवास से जब फोन आया तो नरेंद्र मोदी किसी के अंतिम संस्कार में गये थे, जिसकी वजह से वो हड़बड़ा गये थे। जब नरेंद्र मोदी पीएम आवास पहुंचे तो अटल बिहारी ने कहा कि अब तुम्हारी जरूरत दिल्ली में नहीं, इसलिए दिल्ली छोड़ दो। इसके बाद नरेंद्र मोदी गुजरात के सीएम बनने के लिए रवाना हो गये।
अटल बिहारी वाजपेयी के इस एक फैसले पीएम मोदी का कद आज दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है। नरेंद्र मोदी 2002, 2007 और 2012 में गुजरात के सीएम बने और 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बने। प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी अपने लगभग सभी भाषण में अटल बिहारी को याद करते हैं।