प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 मई, 2018 को रेडियो पर मन की बात करते हुए ओडिशा के कटक में रहने वाले डी. प्रकाश राव की तारीफ की. उन्होंने कहा कि पिछले 50 साल से चाय बेचने वाले प्रकाश राव अपनी आधी आमदनी 70 गरीब बच्चों की शिक्षा पर खर्च करते हैं. वो हम सब के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं.
डी. प्रकाश राव कटक के बख्शीबाजार में एक स्लम में रहते हैं. यहीं उनकी चाय की दुकान भी है. वो 1976 से इस चाय की दुकान को चला रहे हैं. पहले उनके पिताजी इस इसे चलाते थे. प्रकाश के पिता ने दूसरे विश्व युद्ध में भी हिस्सा लिया था. और बाद में ये दुकान खोल ली.
प्रकाश बचपन में पढ़ाई करना चाहते थे लेकिन उनके पिता उनसे अपने काम में मदद चाहते थे. जब वो ग्यारहवीं क्लास में थे तो उनके पिता को गंभीर बीमारी हो गई. इसके कारण पढ़ाई छोड़ वो दुकान चलाने लगे.
उन्होंने देखा कि यहां झुग्गी में रहने वाले लोग अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजते हैं. ये लोग अपने बच्चों से काम करवाकर पैसा कमाना चाहते हैं. वहां आसपास कोई स्कूल भी नहीं था. ऐसे में प्रकाश ने अपने पैसे से वहां सन 2000 में स्कूल खोल दिया. आसपास रहने वाले लोगों से बातकर उनके बच्चों को वहां पढ़ाने के लिए राजी किया. उन्होंने शिक्षक भी नियुक्त किए. और खुद भी थोड़ा बहुत पढ़ाने लगे.
ये बच्चे गरीब परिवारों से आते हैं. इसलिए प्रकाश इन बच्चों को पोषण देने के लिए रोज एक गिलास दूध और बिस्किट देते हैं. इससे ये बच्चे स्वस्थ रहते हैं और रोज स्कूल आ सकते हैं.
यह स्कूल बस तीसरी क्लास तक ही है. तीसरी क्लास पास करने वाले बच्चों को प्रकाश सरकारी स्कूल में दाखिल करा देते हैं. उनके स्कूल के बच्चे पढ़ाई के अलावा खेल ों की दुनिया में भी नाम कमा रहे हैं. 2013 में गोवा में हुए नेशनल विंड सर्फिंग कॉम्पटीशन में इस स्कूल के महेश राव ने छह गोल्ड मेडल जीते थे.
शुरुआत में स्कूल चलाने का पूरा खर्चा वो खुद उठाते थे. अब कुछ अन्य लोग भी इस काम में उनकी मदद कर रहे हैं. अभी उनके स्कूल में करीब 80 बच्चे पढ़ रहे हैं.
यह स्कूल चलाने के अलावा प्रकाश पास के एससीबी अस्पताल में सरकार की मदद से एक सहायता केंद्र भी चलाते हैं. इस सहायता केंद्र से वो मरीजों को दूध, गर्म पानी, आइस क्यूब और अन्य जरूरत की चीजें उपलब्ध करवाते हैं. साथ ही वो खुद पिछले 40 साल से रक्तदान करते आ रहे हैं. और दूसरे लोगों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
दिसम्बर 2015 में मानवाधिकार दिवस पर ओडिशा ह्यूमन राइट कमीशन ने प्रकाश को सम्मानित किया था. उनके इस स्कूल के बारे में कुछ डॉक्यूमेंट्री भी बन चुकी हैं.